Monday, January 28, 2013

हाफिज़ मुहम्मद सईद मुंबई धमाकों के बाद ....

हाफिज़ मुहम्मद सईद मुंबई धमाकों के बाद भारत के लिए सिरदर्द बनकर उभरा है | इसने लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन की स्थापना की है | इसने भारत में सिमी नाम की आतंकीसंगठन की स्थापना में भी मदद की है |

लश्कर-ए-तैयबा पर एक नज़र >> लश्कर-ए-तैयबा का नींव 1990 में अफगानिस्तान के कुनार सूबे रखा गया | यह पाकिस्तानी अहले हदीस के मरकज-उल-दवा-वल इरशाद यानी एमडीआई का फौजी दस्ता कहा गया | एमडीआई के प्रमुख प्रो. हफीज मोहम्मद सईद ही लश्कर-ए-तैयबा के अमीर है | 1993 में जम्मू-कश्मीर में पहली बार इसकी मौजूदगी रही | साथ ही पुंछ में इस्लामी इंकलाबी महाज के साथ गतिविधियां देखी गई |

इस संगठन का सीधे तौर पर मकसद है >> जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करना | पूरे भारत में इस्लामी राज्य कायम करना |

इसके ढांचे पर नज़र >> लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय लाहौर के मुरीदके में एमडीआई परिसर है | एक सूचना के मुताबिक फिलहाल पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद में मुख्यालय है | मौलाना अब्दुल वहीद कश्मीरी प्रांत क प्रमुख है | इसके सुप्रीम कमांडर जकी उर रहमान नकवी भी जम्मू कश्मीर में ही है | इसका काम मुख्य तौर से जिला स्तर पर होता है | इस काम में इसके जिला कमांडरों के द्वारा मदद की जाती है | सबूत तो यह भी है कि इस संगठन के अलग-अलग प्रशिक्षण शिविर और शाखाएं पाकिस्तान में ही है | इसमें भर्ती और पैसा जूटाने का काम भी इसी क्षेत्र से होता है |

इसके ऑपरेशन पर एक नज़र >> पहले कश्मीर के घाटी में खासा सक्रीय रहे, फिर जम्मू और धीरे-धीरे देश के अंदर के नकसलवादियों और उग्रवादियों के संपर्क गांठ लिया | अब पूरा देश में मुस्लिम बहुल इलाकों में निवास कर रहे हैं | खास तौर से छोटे-छोटे कस्बों और गांवों में रहना पसंद करते हैं |
अभी तक इसके निशाने पर विशेष तौर पर सुरक्षा बल होते हैं | ये गैर मुस्लिम आबादी का नरसंहार करना खासा पसंद करते हैं | ये सुरक्षा बल के वर्दी में करते हैं फियादीन हमले और खून-खराबा | गिरफ्तरी नहीं मुठभेड़ में मरना है इन्हें पसंद | भारत के अंदर हिज्ब, जैश और सिमी बड़े ऑपरेशन में मददगार होते हैं | इनको इशारा करने वाला और कोई नहीं पाकिस्तान का खुफिया एजेंसी आईएसआई है | इसी के इशारे पर सारा आतंकवादी कार्रवाई भारत के अंदर होते रहा है | यह सिलसिला आजादी के बाद ही शुरू हुआ था | जो अब भारत के द्वारा ठोस कार्रवाई के बाद ही शायद खत्म हो सकता है | इस संगठन का नेटवर्क दुनियाभर के आतंकवादी संगठन और अल-कायदा से भी बताया गया है |

लश्कर के बड़े हमले पर एक नज़र >>
• 22 मार्च, 1997 संग्रामपुरा के कश्मीरी पंडित- 7 मरे |
• जनवरी 1998 वनधामा के कश्मीरी पंडित-24 मरे |
• 22 दिसंबर, 2000 लाल किला तीन मरे ( जिनमें एक आतंकी था ) |
• 1 अक्टूबर, 2001 श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर विधानसभा-27 मरे |
• 13 दिसंबर, 2001 संसद पर हमला 12 मरे ( जिनमें पांच आतंकी थे ) |
• 21 मई, 2002 हुर्रियत नेता अब्दुल गनी लोन की हत्या |
• 13 जुलाई, 2003 श्रीनगर के कासिम नगर बाजार-27 मरे |
• 20 जूलाई, 2005 श्रीनगर कार बम धमाका- 4 सैनिक |
• 18 अक्टूबर, 2005 तब से राज्य शिक्षा मंत्री अब्दुल नबी लोन की हत्या |
• 3 मई, 2006 डोडा और ऊधमपूर के हिंदू- 35 मरे |
• 1 जून, 2006 नागपुर में संघ मुख्यालय पर हमले की कोशिश |
अंतत : 26 अक्टूबर, 2001 को लश्कर-ए-तैयबा पर प्रितिबंध लगया गया |

दूसरी नज़र में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया ( सिमी ) >>
• 25 अप्रैल, 1977 को अलीगढ़ में पड़ी बुनियाद |
• संस्थापक मोहम्मद अहमदुल्लाह सिद्दीकी, प्रोफेसर, वेस्टर्न इलिनॉएस यूनिवर्सिटी, इलिनॉएस |
• जमात-ए-इस्लामी हिंद की शाखा

मकसद >>
• इस्लाम के लिए जेहाद |
• संविधान की आलोचना |
• इस्लामी राज्य का सपना |
• बुत परस्ती और गैर-मुसलमानों के खिलाफ |
• संगठन के मुताबिक अल-कायदा और ओसामा बिन-लादेन मुजाहिदों की बेहतरीन मिसाल नेतृत्व |
• सफदर नागौरी के नेतृत्व में काम हो रहा है रिश्ते |
• पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल की जमात-ए-इस्लामी |
• हिज्बुल मुजाहिदीन |
• आईएसआई |
• जैश-ए-मोहम्मद |
• लश्कर-ए-तैयबा 

आधार >>
• उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, बिहार और प. बंगाल 

सदस्य >>
• 400 कैडर...
• 20,000 साधारण सदस्य....
• 30 साल तक की उम्र के छात्र बन सकते हैं सदस्य |

हमले >> सीधे तौर से हमला नहीं, दूसरे संगठनों को दी जाती है मदद |

प्रतिबंध >> 27 सितंबर, 2001

रिपोर्ट साभार :- रमण भारती, पत्रकार

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