Monday, January 18, 2016

यजीदी महिलाओं के साथ ISIS ने पार की क्रूरता की हदें

उत्तरी इराक के शहर सिंजर में अगस्त 2014 में आईएसआईएस के आतंकियों ने हमला किया। शहर में आतंक और मारकाट के साथ उन्होंने 5000 से अधिक यजीदी महिलाओं और बच्चियों को बंधक बना लिया। बंधक बनाई इन महिलाओं और बच्चियों के साथ क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। इन्हें सेक्स गुलाम के तौर पर बेचा गया, जहां रेप, गुलामी और प्रताड़ना ही इनकी जिंदगी थी। मेल ऑनलाइन में प्रकाशित रिपोर्ट में एक पीड़ित महिला की कहानी...

21 साल की परला सिंजर शहर की यजीदी हैं। 10 महीने कैद में बिताने के बाद भागकर जान बचाने वाली परला ने अपनी रोंगटे खड़े करने वाली आपबीची बताई। उन्होंने कहा, 'आईएसआईएस वाले जब आए थे तो जान बचाने के लिए हम पहाड़ो पर छिप गए। लेकिन उन्होंने सबको वहां से निकाल लिया। शुरू में हमें कहा गया कि वो लोग हमें सुरक्षित जगह पर ले जा रहे हैं। हमें बस से सीरिया ले गए। मेरे साथ 400 और लड़कियां भी थीं।'

परला आगे कहती हैं, 'इसके बाद मेरी जिंदगी का सबसे काला पन्ना शुरू हुआ। मुझे लाने वाला आदमी बहुत गुस्से में था और उसने मेरी बुरी तरह से पिटाई की। साथ ही मुझे धमकी दी कि अगर मैंने उसकी बात नहीं मानी तो मुझे मार देगा। मैंने उससे कहा कि अगर उसने मेरे मां-बाप को मार दिया है तो मेरी भी हत्या कर दे। फिर हम सब लड़कियों को एक खेत में रखा गया, जहां आठ दिनों तक हमें खाने के लिए कुछ नहीं मिला। हर बार वो लोग 4-5 लड़कियों को वहां से उठाकर किसी को बेच देते थे। मुझे खरीदने वाला रक्का का था। शुरुआत में उसने मुझे और कुछ लड़कियों को जेल में रखा। हमें बुरी तरह से पीटा जाता था और इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर करते थे।'

सेक्स गुलाम के तौर पर बार-बार खरीदने-बेचने और भागने की असफल कोशिशों के बारे में परला ने बताया। उन्होंने कहा, 'वहां मुझे एक फ्रेंच युवक मिला जिसने मुझसे अरबी जाननेके बारे में पूछा। मैंने इनकार कर दिया। इसके बाद उसने मुझे सउदी अरब के एक वृद्ध को बेच दिया, जो अपनी जॉर्डन की पार्टनर के साथ रहता था। एक रोज मैं वहां से भाग गई। लेकिन पकड़ी गई और फिर ताल अफारा में करीब दो महीने रही। वहां मेरे साथ रह रही कई लड़कियों के नवजात बच्चे भी साथ में थे। बच्चे भूख के कारण रोते थे लेकिन उन्हें खाने के लिए सिर्फ एक अंडा ही दिया जाता था। वहां एक रात कुछ लड़कियों ने भागने की कोशिश की और पकड़ी गईं। हम सबकी उस रात बहुत पिटाई हुई। फिर मुझे सउदी अरब के एक शख्स ने खरीद लिया। 40 साल के उस आदमी से शादी से इनकार करने पर उसने मुझे पीटा और जान से मारने की धमकी दी।'

अपने साथ हुई अमानवीयता के बारे में परला कहती है, 'सउदी अरब के अपने मालिक के घर का सारा काम मुझे करना होता था। वह हर रात मेरे साथ रेप करता था। रेप के बाद कहता था कि तुम्हारे साथ सोकर तुम्हें मुस्लिम बना रहा हूं। हमें खाने के लिए बहुत कम भोजन देते थे। मालिकों का कहना था कि गुलामों को पेट भर खाने की आजादी नहीं है। इसके बाद आईएसआईएस के आतंकी आए और उन्होंने सभी गुलाम लड़कियों को इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया। वहां हमें पता चला कि आतंकियों ने हमारे गांव के मर्दों को चार ट्रक में भरकर मार दिया। मैंने ईश्वर से प्रार्थना करती थी कि मैं मर जाऊं या हमारे ऊपर कोई बम गिरा दे।'

परला ने अपनी बहन से अलग होने और फिर मिलने की कहानी बताई। उसने कहा, 'मेरी बहन को तीन दिनों के बाद बेच दिया गया। मेरे लिए वह क्षण बहुत दुखद था। कुछ दिनों बाद मैं अपनी बहन से फिर मिल सकी क्योंकि मुझे भी उसी शख्स ने खरीद लिया था। वहां हम करीब पांच महीने रहे। इस दौरान दिन में हमें एक कमरे में रखा जाता था और फिर कुछ लोग आते थे और हम लड़कियों में से चुनकर हरेक को रात के लिए लेकर जाते थे। हमें खाने के लिए पर्याप्त भोजन भी नहीं दिया जाता था। इसके बाद मुझे फिर बेच दिया गया। इस बार एक तजाकिस्तान के आदमी ने मुझे खरीदा लेकिन दो महीने बाद उसकी मौत हो गई और मेरा मालिक बदल गया। इस बार मुझे बेचा नहीं गया बल्कि तोहफे के रूप में दिया गया। वहां मेरा मालिक हर बार रेप करने के दौरान मेरे हाथ-पैर बांध देता था और मेरी पिटाई करता था।'

आईएसआईस की क्रूरता के बारे में परला ने बताया, 'ताल अफार में मुझे और कई लड़कियों को एक स्कूल में रखा गया। वहां हमें इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया जाता था। हमें कई-कई दिनों तक खाने के लिए कुछ नहीं मिलता था। पीने का पानी भी नहीं दिया जाता था। सउदी के मेरे मालिक ने कई बार मेरा रेप किया था और मैं प्रेगनेंट थी। उस हालत में भी मेरी पिटाई होती थी और मैं कई-कई दिनों तक भूखी रहती थी।'

परला ने बताया, 'आईएसआईएस के लोगों ने मुझे मोसुल जाने का हुक्म दिया। उन्होंने कहा कि अगर मैंने उनकी बात नहीं मानी तो वो लोग मेरे दोनों छोटे भाइयों को मार डालेंगे। मेरे पास कोई रास्ता नहीं था। मोसुल में मेरे मालिक के घर के सभी काम मैं करती थी। वह विवाहित था और उसकी पत्नी साथ में ही रहती थी लेकिन इसके बाद भी उसने कई बार मेरा रेप किया। आईएसआईएस के कब्जे में मेरे परिवार के पांच लोग अभी भी हैं और मुझे नहीं पता कि वो जिंदा भी हैं या नहीं।'


http://navbharattimes.indiatimes.com/world/asian-countries/yazidi-sex-slaves-relive-their-torture-by-isis/articleshow/50633786.cms

Sunday, January 17, 2016

आईएस ने किया 300 लोगों का कत्ल, 400 को अगवा

आईएस ने किया 300 लोगों का कत्ल, 400 को अगवा


पूर्वी सीरिया के एक और शहर दीर अल-जोर पर हमला करके आतंकी संगठन आईएस ने 300 लोगों की हत्या कर दी है। महिलाओं को यौन गुलाम बनाने के लिए कुख्यात आईएस के लड़ाकों ने शनिवार को महिलाओं और बच्चों समेत 400 लोगों का अपहरण भी कर लिया। सीरियाई न्यूज एजेंसी ‘सना’ ने बताया कि मारे जाने वालों में अधिकतर बच्चे और महिलाएं हैं।

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मुताबिक मारे गए लोगों में सैनिकों के परिवार भी शामिल हैं। सीरिया के हालात पर नजर रखने वाली ब्रिटेन स्थित मानवाधिकार संस्था सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया कि शनिवार देर शाम करीब 135 लोगों की हत्या की गई।

इसमें करीब 80 लोग सरकार समर्थक लड़ाकुओं के परिजन थे। संस्था ने जानकारी दी कि आईएस ने कुछ लोगों को गोली मारी तो कुछ के गले भी रेते। वहीं, लेबनान स्थित अल-मयादीन टीवी ने भी आईएस द्वारा दर्जनों लोगों को मारने की पुष्टि की है। उसने ये भी कहा है कि आतंकी संगठन ने 400 लोगों का अपहरण भी किया है।

आईएस से जुड़ी न्यूज एजेंसी आमक ने भी दीर अल-जोर में बड़े स्तर पर कत्लेआम मचाने की बात कही है। उसने कहा है कि इसकी शुरुआत आत्मघाती हमले के साथ हुई। सीरिया के दीर अल-जोर प्रांत के काफी ज्यादा हिस्से पर आईएस का नियंत्रण है और आईएस ने ये कत्लेआम इसी नाम के शहर में मचाया।

आईएस सीरिया और इराक में अब तक हजारों लोगों को इस तरह से मौत के घाट उतार चुका है। आईएस सरकार समर्थक लड़ाकों के परिवारों को निशाना बना रहा है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने आतंकियों के घेरे वाले इलाकों में हालात खराब होने की चेतावनी दी है। इन इलाकों में लगभग दो लाख लोग फंसे हैं।

सीरिया की स्थानीय समिति ने कहा है कि सरकार के नियंत्रण वाले इलाकों पर आईएस का हमला शनिवार सुबह शुरू हुआ। हालांकि सरकारी बलों ने हवाई हमलों और गोलाबारी से आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है। उधर, रूस का कहना है कि वह इलाके में फंसे लोगों की मदद के लिए राहत सामग्री गिरा रहा है, पास के इलाकों में रूसी हवाई हमलों की भी खबरें हैं।

मारे गए लोगों में सैनिकों के परिजन भी शामिल