Thursday, May 30, 2013

कोसिकलां मे मुसलमानों के द्वारा 3 बम विस्फोट - धन्यवाद अखिलेश जी

कोसिकलां मे मुसलमानों के द्वारा 3 बम विस्फोट

धन्यवाद अखिलेश जी

यूपी का कोसीकलां कसबा बम धमाकों से दहल उठा। कुछ लोग भरे बाजार में बम फेंकते हुए फरार हो गए।
इन धमाकों में पांच लोग घायल हुए है। धमाकों के बाद फैली दहशत के चलते बाजारों में शटर धड़ाधड़ गिरते गए।
अफरा तफरी और भगदड़ मच गई। चार धमाकों की दहशत से लोग अभी उभर भी नहीं पाए थे कि रात लगभग 11 बजे फिर से एक धमाका हो गया। कसबे में दहशत और तनाव भरा माहौल है।
भरत मिलाप चौक पर शाम करीब साढे़ आठ बजे चाट की ठेल लगी थी। अचानक तीन-चार लोग आए और जब तक कोई कुछ समझ पाता बम फेंकने लगे। दो सौ गज के दायरे में तीन बम फेंक कर वह भाग निकले।
बस फटने से अर्जुन की ठेल पर चाट खा रहे हुलवाना निवासी दो भाई विजय एवं राजू, अर्जुन का बेटा मुरली मनोहर, पंकज घायल हो गए।
थोड़ी दूरी पर दूसरे बम के फटने से बर्तन व्यवसायी इंदर सैन का पुत्र उमाशंकर अग्रवाल घायल हो गया। विस्फोट इतना तेज था कि उमाशंकर के हाथ के चीथड़े उड़ गए। दूर-दूर तक विस्फोट की आवाज सुनाई दी।
भगदड़ और अफरा तफरी भरे माहौल में देखते ही देखते कसबे की सड़के सुनसान हो गई। सूचना पाकर पुलिस घटना स्थल पर पहुंची।
पुलिस यहां छानबीन कर रही रही थी कि मुहल्ला बलदेव गंज में एक और विस्फोट हो गया। एसएसपी और अन्य अफसर भी मौके पर पहुंच गए।
भारी पुलिस फोर्स और अफसरों की मौजूदगी के बावजूद रात करीब 11 बजे मुहल्ला रामनगर में एक और धमाका बम फेंककर किया गया। कसबे में इन विस्फोटों से लोग दहशत में हैं।
गत वर्ष एक जून को कसबे में दंगा हुआ था। ऐसे में दो दिन पहले इन धमाकों को उसकी बरसी से जोड़कर, माहौल खराब करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
डीएम-एसएसपी करेंगे संयुक्त मीटिंग
आईजी जोन आशुतोष पांडेय ने बताया कि कोसी में सुतली बम से तीन जगह विस्फोट किए गए हैं। इसमें चार लोग घायल हुए हैं। कसबे में सतर्कता बरती जा रही है।
कोसी दंगे की बरसी के मद्देनजर मामला और गंभीर हो गया है। शुक्रवार को मथुरा के डीएम और एसएसपी कोसी में सुबह 11 बजे संयुक्त मीटिंग करेंगे। कोसी में दो कंपनी पीएसी शुक्रवार से तैनात की जाएगी।

Saturday, May 25, 2013

भारत का हैदराबाद पाकिस्तान का हैदराबाद बनता जा रहा है?


भारत का हैदराबाद पाकिस्तान का हैदराबाद बनता जा रहा है?
भारत के हैदराबाद में स्थित एक विश्वविद्यालय में “गऊ मांस उत्सव” मनाया गया और वहां की पुलिस ने आयोजकों पर कार्यवाही करने की जगह इस घृणित कांड का विरोध करने वाले विद्यार्थियो पर कार्यवाही की। इस खबर को पढ कर किसी भी व्यक्ति की पहली प्रतिक्रिया यही होगी कि यह खबर पाकिस्तान के हैदराबाद की होगी जहां गैरमुस्लिमो की भावना का सम्मान नहीं होता और वहां का मुस्लिम समाज उन पर मनमाने अत्याचार करता है। वहां पर मुस्लिम समाज के द्वारा मंदिरो पर हमले होते है, दिन दहाडे गाय काटी जाती है, हिन्दुओं की लडकिया उठाई जाती हैं और हिन्दु विरोधी भाषणों की भरमार रह्ती है। किंतु अगर कोई हिन्दू अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों के विरोध मे आवाज उठाने की हिम्मत करता है तो उसकी आवाज कुचल दी जाती है।या तो उसे कट्टरपंथी जान से मार देते है या” ईश-निन्दा” के आरोप मे उसे कानूनन प्राण दंड दिया जाता है । अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी इस अत्याचार के विरोध मे कोई आवाज सुनाई नहीं देती।
आज भारत के हैदराबाद में भी यही स्थिती निर्माण करने की कोशिश की जा रही है। मुस्लिम कट्टरपंथी आज वही सब काम करने की कोशिश करते है जो केवल पाकिस्तान मे ही संभव है। दुर्भाग्य से यहां के सेक्युलर राजनीतिक दल मुस्लिम वोटों के लालच में इन कट्टरपंथियों पर लगाम लगाने की जगह इनके हाथ की कठपुतली बनकर हिंदू समाज पर अमानवीय अत्याचार करते है । अगर हिंदू समाज के कुछ लोग इसका विरोध करते है तो सबसे पहले मुस्लिम कट्टरपंथी उन पर हमला करते है और उसके बाद प्रशासन उनके गुलाम की तरह हिन्दू नेताओं पर झूठे केस बनाकर उनकी आवाज को निर्ममता से कुचलने की कोशिश करता है । उस समय देश के मानवाधिकारवादियो को लकवा मार जाता है , तथाकथित बुद्धिजीवियो की जबान सुन्न हो जाती है और “राष्ट्रीय” मीडिया के सिपाही कुम्भकर्णी नींद मे सो जाते हैं। वैसे तो निजामशाही के समय से ही वहा पर हिन्दू समाज की स्थिती दूसरे दर्जे के नागरिक की थी। आजादी के बाद सोचा गया था कि अब स्वतन्त्र भारत मे सभी नागरिकों स्थिती समान होगी और एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में सभी धर्मावलम्बियो के साथ समान व्यवहार होगा। परन्तु शासको के बदलने के बावजूद हिन्दू समाज की नियति नही बदली। पहले वह मुस्लिम शासको द्वारा इस्लाम के नाम पर कुचला जाता था , अब उसका दमन धर्मनिरपेक्षता के नाम पर किया जाता है। वहा पहले भी गऊ हत्या खुले आम होती थी, अब भी उस पर रोक लगाने का काम करने वाले कानून की निगाहों में अपराधी माने जाते है। पहले भी वहां हिन्दू मन्दिरो पर हमले किये जाते थे , अब भी वे अपनी ताकत दिखाने के लिये सबसे पहले हिन्दू मंदिरो पर ही हमला करते है और कानून के रखवाले सोते रह जाते हैं। विश्व मे कही भी मुस्लिम समाज का झगडा हो , उसका सबसे पहले नजला हैदराबाद के हिन्दू समाज पर ही उतारा जाता है। मक्का मे शिया-सुन्नी विवाद हो या हजरत बल की चोरी का मामला हो,भुट्टो की फांसी का मामला हो या जनरल अयूब की विमान दुर्घटना मे मौत हो, ओसामा के विरुद्ध अफगानिस्तान मे अमेरिका द्वारा कार्यवाही हो या पाकिस्ता्न मे घुसकर ओसामा को मौत की सजा हो, संसद पर हमला करने वाले अफ्जल गुरू को फांसी की सजा हो या सिमी पर प्रतिबंध लगाया हो, सल्मान रश्दी द्वारा सैटानिक वर्सेज लिखा गया हो या तस्लीमा नसरीन द्वारा लज्जा का लेखन हो, ६ दिस.१९९२ को बाबरी ध्वंस की गौरवशाली घटना हो या गोधरा मे ५९ हिन्दूओ की निर्मम हत्या के बाद गुजरात के समाज का प्रतिकार हो, इस प्रकार की सभी घटनाओं में पहले हैदराबाद के हिन्दू मन्दिरो पर हमला होता है और उसके उनकी दुकाने जलाई जाती हैं और उनकी बहन बेटियों की अस्मत को लूटने की कोशिश की जाती है। शायद मुस्लिम समाज वहा के हिन्दू को गली का कुत्ता समझने की कोशिश करता है जिस पर गली के बिगडैल बच्चे सबसे पहले अपना गुस्सा निकालते हैं। परन्तु १९४७ के बाद भी इन सब जघन्य अपराधो को करने वाला कोई भी अपराधी पकडा नहीं गया अपितु उनको राजनीतिक संरक्षण ही मिला है।
इसी का परिणाम है कि आज हैदराबाद जेहादी आतंकवादियो का अभयारण्य बन गया है। सम्पूर्ण भारत मे कही भी आतंक की घटना करने वाले यहीं पर शरण पाते हैं। यहां की पुलिस उनके संरक्षक के रूप में काम करती है और अगर किसी अन्य राज्य की पुलिस इन आतंकियो को पकडने के लिये यहा आ भी जाये तो यहां का मुस्लिम समाज उनकी ढाल बनकर सुरक्षा बलो का मुकाबला करता है। गोधरा कांड को अंजाम देने वाले हो या संसद पर हमला करने वाले हो, सूरत मे बम विस्फोट करने वाले हो या पुणे मे आतंक फैलाने वाले हो सभी यहा सम्मान और सुरक्षा के साथ रहते है जब तक कि उन राज्यो या केन्द्र के सुरक्षा बल वहा नहीं पहुंच जायें। इसीलिये कई बार लोग हैदराबाद को मिनी पाकिस्तान भी कहते हैं।
पिछले दिनो भाग्यलक्ष्मी मंदिर मे पूजा हो रही थी । तभी नमाज का समय भी हो गया। मौलवी के धमकाने पर वहा की पुलिस के कुछ सिपाहियो ने मंदिर की घंटियां पकड ली। इस घटना के विरोध मे वहा का हिन्दू आक्रोशित हो गया और अगले ही दिन हजारो युवक उस मन्दिर के बाहर एकत्रित हो गये और कई घन्टे तक वहा की घंटियां बजाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया। उसके बाद वहां रामनवमी की शोभायात्रा निकालने का अवसर आया । वहा के मुस्लिम सांसद और विधायक ने इस प अपना विरोध जताया। उनके विरोध के कारण प्रशासन ने इस पावन शोभायात्रा को अनुमति नही दी। हिन्दू समाज ने इसको चुनौती के रूप मे लिया और लाखो की संख्या मे इस शोभा यात्रा मे हिन्दुओं ने भाग लिया। इसके बाद हनुमान जयन्ति के पावन दिवस पर निकलने वाली शोभा यात्रा के साथ भी जब यही व्यवहार हुआ तो हिन्दू समाज ने इसका भी उसी तरीके से जवाब दिया। ऐसा लगता है कि अब हिन्दू अपने ही देश मे अपने साथ हो रहे इन अपमानो से थक चुका है। वह अब इन देश विरोधी और हिन्दू विरोधी शक्तियो का मुंह तोड जवाब देने का मानस बना चुका है। शायद हिन्दू का यह जागरण मुस्लिम नेताओं को हजम नहीं हुआ और हनुमान जयंति के अगले ही दिन एक गाय की हत्या कर उसका कटा सिर एक मंदिर मे फेंकने का दुस्साहस किया गया। जब वहा के कुछ युवको ने इस घटना के विरोध मे प्रदर्शन किया तो उन पर हमला कर के ४ लोगो को गम्भीर रूप घायल कर दिया। इस हमले का नेतृत्व करने वाले वही लोग थे जिन्होने हरेन पण्ड्या की हत्या की थी परन्तु प्रशासन उनको अभी तक नहीं पकड पाया है। इसके बाद उस्मानिया विश्वविद्यालय मे ”गऊ मांस उत्सव” मनाने का दुस्साहस किया गया। इसका भी हर प्रकार का विरोध किया गया। परन्तु इस मामले में भी अपराधी आजाद है और विरोध करने वालो को ही गिरफ्तार किया गया है।उस्मानिया विश्वविद्यालय के इन लोगो को कभी हैदराबाद की इज्जत का ध्यान नही आया क्योंकि अब यह शहर अरब के शेखो की वासना की मन्डी बन चुका है। इन पथभ्रष्टों को कभी आतंकवाद या बंग्लादेशी घुसपैठिया विरोधी दिवस मनाने का नहीं सूझा। शायद ये लोग इन राष्ट्र विरोधियो के साथ मिलकर न केवल हिन्दू समाज अपितु भारत के विरोध मे ही काम कर अपने जीवन को धन्य समझते हैं।

भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने की गहरी शाजिश

भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने की गहरी शाजिश रची जा रही है.इस्लामी शक्तियां कैसे यह शाजिश रच रही हैं इसका एक नमूना इन दिनों देश की वहाबी मस्जिदों में पढ़ा जा रहा यह ख़त है .अगर आपके पास थोडा भी समय हो तो पाकिस्तान से आए हुए इस पत्र-जो की भारत की
3.5 लाख वहाबी मस्जिदों मे हर जुम्मे को पढ़ा जाता है ...ज़रूर पढ़ें ..और
आप ना भी पढ़े तो कम से कम अपने मासूम बच्चों को ज़रूर पढ़ाएँ... ताकि वो अपनी जिंदगी..एक मासूम बनकर ना जिएं


उर्दू फारसी पत्र की सत्यप्रति
786
पैगाम इस्लाम


आप सबको गुजारिश है कि हमने हिन्दुस्तान पर 800 साल हुकूमत की है। अब भी
हमारी हुकूमत चलती है पर सीधी तरह से नहीं। सब पार्टियां और इनके काफिर
नेता हमारे इशारे पर नाचते हैं। हमको आज मदरसों, मस्जिदों और हज के लिये
पैसा मिलता है। 2004 के चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी मगर हमारी
पूरी हुकूमत तो तब मानी जायेगी जब पूरा हिन्दुस्तान इस्लाम के झण्डे के
नीचे होगा। इसलिये हर मुसलमान का फर्ज है कि खाना जंगी के लिये तैयार रहें।
इसके लिये हथियारों के अलावा बम्ब बनाना सीखें और कुरान के 24 आयतें रोज
पढ़ें और उसी के मुताबिक काफिरों के मारने, जलाने और धोखे से पकड़ने का काम
सरंजाम दें और उनको लूट और उनकी औरतों को भगा कर शादी करें। गोयह सिलसिला
70 साल से चल रहा है। पूरा जोर तब लगायें जब खाना जंगी के लिये आईएसआई और
सिमी के लिये हुकुम देंगे। हर मुसलमान को दूसरा कलमा रोज पढ़ना चाहिये। वो
यह है- हंस के लिये लिया है पाकिस्तान और लड़के लेंगे हिन्दुस्तान। अगरचे
मदरसा जैल बातों पर आप लोग चल रहे हो फिर भी तबज्जो दें।

1-बिजनौर
यू0पी0 फार्मूलाः- यहां पर मुसलमान जवान लड़के हिन्दुओं से दोस्ती करके
अपने घर बुलाकर मछली, मुर्गा खिलाते हैं और फिर काफिरों के घर उनकी औरतों
से यारी करके फंसाते हैं। ये औरतें मुसलमानों को माल भी खिलाती हैं और पैसा
भी देती हैं। बहुत सी काफिर लड़कियों ने मुसलमानों से शादी कर ली है। वाह
अल्ला तेरा शुक्र है। औरत को ताज चाहिये न तख्त लौडा चाहिये सख्त।


2-बोतल फार्मूला- गरीब बस्तियों में काफिरों को ज्यादा शराब पिला कर नामर्द
बनाओ और उनकी औरतों से ऐश करो। 9 करोड़ चमार वगैरा तो मुसलमानों से मिल
चुके हैं और उनकी औरतें तो आराम से मुसलमानों के बगल में आ जाती हैं।
3ः- चोरी डकैती- काफिरों के घरों में धोखा देकर चोरियां करो उनके खेतों की फसल काटो और उनके जानवरों की भी चोरी करो।


4-शहरी फार्मूला-(1) मुसलमान अकल से काम लें, अपने छोटे लड़कों को काफिरों
के घर नौकर रखो और 25/25 बच्चे कैसे पालोगे, 8/10 साल के बाद आपके बच्चे
जवान होकर घर की हिन्दू औरतों से दोस्ती करेंगे और ऐश के साथ-साथ पैसा भी
खूब मारेंगे।
शहरी फार्मूला-(2) मुसलमान जवान नौकर, ड्राइवर, खानसामा,
रोटी पकाने वाला, माली, चैकीदार बन हिन्दू नामों से रहो और मौका मिलते ही
उपर वाली बातों पर अमल करें। इसके अलावा उनकी गाड़ियों, स्कूटरों वगैरा भी
चोरी कर सकते हैं। ये शहर के इमाम से हर तरह के उस्तादों का पता लग जायेगा।
काफिरों को जब पता लगा अपनी औरतों के बारे में पता लगा तो उन्होंने नौकरी
से निकालने की कोशिश की तो औरतें ही कहने लगी-अच्छा भला ईमानदारी से काम
करता है इसे नौकरी से क्यों निकालते हो। कई बार औरतें मुसलमानों के साथ भाग
गईं। कई मुसलमान निकाले जाने के बाद दिन में जब काफिर घर पर नहीं होते आकर
ऐश, ईशरत करते हैं। माल खाते हैं और पैसे भी ले जाते हैं। या अल्ला तेरा
शुकर है तूने किसलिये हिन्दू को अंधा बनाकर रखा है, जिसको पैसा कमाने के
अलावा कुछ भी नजर नहीं आता। ये इस्लाम की जीत है।
जेहाद- खाना जंगी के
जेहाद में यदि मुसलमान शहीद होगा तो उसे जन्नत मिलेगी, अगर जिन्दा बचता है
तो हिन्दुस्तान के काफिरों की सारी जायदादें मुसलमानों को मिलेंगी और सारी
हिन्दू औरतें भी मिलेंगी तो यह भी जन्नत होगी। जैसे पाकिस्तान, कश्मीर और
बांग्लादेश की सब कोठियां बंग्ले मुसलमानों को मिले थे। जेहाद के लिये 2
लाख सीमी के जवान 1 लाख अलकायदा के लिये मुसलमान तैयार हैं। अब हम 20 करोड़
हो गये हैं इसके अलावा 5 करोड़ बंग्लादेशी जिसमें 1 लाख टेररिस्ट हैं।
इसलिये घबराने की जरूरत नही है। हिन्दुस्तान की मिलिट्री में भी काफी
मुसलमान हैं और बहुत से तो हिन्दू नामों से भर्ती हैं। पुलिस में भी काफी
मुसलमान हैं और वक्त आने पर काफिरों को दोजख पहुचायेंगे।
आम हिन्दू
लोगों में मुसलमानों के लिय नरम रूख है जिसकी वजह उपर बतायें है हिन्दू
औरतों से दोस्ती है। केरल, मद्रास और हैदराबाद में काफी असलाह पाकिस्तान और
अरब मुल्कों से आ चुका है। बिहार में चीन और बांग्लादेश से 60 हजार एके-47
आ चुकी हैं। इसलिये लाल किला पर झण्डा जल्दी झूलेगा। अरब मुल्कों में
हिन्दू औरतों को नर्स, आया, खाना बनाने वाली बनाकर ज्यादा से जयादा भेजें।
अच्छी तनख्वाह के लालच में गरीब व दरम्यान घर की लड़कियां खुशी से जाती हैं
और वहां जाकर रात को सारी की सारी अरबों के पास सो जाती हैं और मुसलमानों
की आबादी बढ़ाने में काफी मददगार हैं। हिन्दू लड़की से शादी, हिन्दू लड़की
जो भगाकर लायी जाये उसे 2 दिन भूखा रखें फिर अच्छा-अच्छा खाना दें। उनकी
सतत या खतना जरूर करायें। अगर उसके रिश्तेदार कोर्ट केश करें तो कोर्ट में
ले जाने से पहले 50/60 बंदूकों के हथियार दिखायें और खबरदार करें। अगर
हमारे खिलाफ बयान दिये तो तेरे भाई और खानदान को भून देंगे। ऐसी लड़की को
वश में करने वाले ताबीज पहनाना न भूलें। ये भी कमाल का काम करता है।


हरियाणा के मुसलमानों का कमाल- गांधी की मेहरबानी से मेवात के मुसलमान
पाकिस्तान नही गये थे। पिछले 15 सालों से40 लाख मुसलमान बिहार, यूपी,
राजस्थान में आकर बस गये हैं। 70 फीसदी तो हिन्दू नामों से रह रहे हैं और
उपर लिखी बाते अच्छी तरह सरजाम दे रहे हैं। पंजाब में भी लाखों मुसलमान
पहुंच चुका है। वक्त आने पर ये सब जेहाद के लिये कुरान के मुताबिक काफिरों
को दोजख पहुचाने के लिये तैयार हैं। अल्ला हमारे साथ है।
काफिरों का
बंटवारा- वैसे तो हिन्दू जांत-पांत में बंटा है आप लोग चमारों के दिमाग में
हिन्दुओं के लिये खूब नफरत भरें जिन्होंने इनके उपर सैकड़ों साल जुल्म
ढाये। मुसलमानों शाबास। बीएसपी को जीताकर भाजपा को धूल चटाकर दी। अब चमार
हिन्दू से खूब बदला ले रहे हैं। तुमने पहले मुलायम सिंह जो एक मुसलमान
पहलवान की औलाद है से खूब काम लिया और उसकी गांड भी मारी। अब मायावती से
खूब काम निकलवायें। मुसलमानों के काम निकलवाओ और मायावती की दोनों तरफ से
मारो। इस्लाम में औरतों के आगे-पीछे का इस्तेमाल करना जायज है।
आसाम और
कश्मीर- आसाम और कश्मीर पर तो मुसलमानों का कब्जा हो चुका है।सारे बुतखाने
तोड़ दिये गये हैं। महलों व सड़कों का नाम बदलकर जिन्हा रोड व अली रोड कर
दिये हैं। आसाम पर भी काफी हद तक मुसलमानों का कब्जा है। काफिरों का कत्ल
करके दहशत फैला कर भगाया जा रहा है। इस तरह कश्मीर की तरह हिन्दुओं की
जायदाद व औरतें अल्ला की फजल से हम मुसलमानों को मिल रही हैं। सारे
हिन्दुस्तान को इस्लाम के झंडे के नीचे लाने के लिये संघ जैल है।


पाकिस्तानी फार्मूला- सन् 1947 में हमारे जवानों ने काफिरों के छोटे-छोटे
बच्चे आसमान में उछालकर नैजे व भाले पर लिये थे। इनकी औरतों के साथ 10/10
मुसलमानों ने जिन्हा किया था और अल्हादानी लोहे की नोहर गर्म करके लाल-लाल
उनके थनों पर चिपकाई गई थी। कई औरतों के थन काट दिये थे। उनके बच्चों को
मारकर पकाकर खिलाया भी था। राजीव गांधी के राज में फार्मूला काश्मीर में
आजमाया गया। नतीजा यह निकला कि साढ़े तीन लाख पण्डितों से कश्मीर 2 दिन में
खाली हो गया और करोड़ों बल्कि अरबों रूपये की काफिरों की जायदाद पर
मुसलमानों का कब्जा हो गया।
जेहाद में औरतों के लिये खास दस्ता-
मुसलमान जवान का यह दस्ता स्कूटर कार छोटे ट्रक वगैरा पर हिन्दू देवताओं की
फोटों चिपकाकर रखें। ड्राइवर व कंडक्टर हिन्दू वेश में हो। जब अफरा-तफरी
फैले तो काफिरों को जिनमें औरतें ज्यादा हों मुसलमान मोहल्लों में भगाकर ले
जायें। औरतें को वहां पहुंचा दी जायें। काफिर मर्द और बच्चे मारकर दोजख
भेज दें। ये नुस्खा 40 साल पहले अहमदाबाद में आजमाया गया था, उस समय वाई वी
चैहान होम मिनिस्टर थे। इसी दस्ते के लिये जयपुर फार्मूला कई साल पहले
हमारे मुसलमाना जवानों ने जयपुर में फसाद शुरू किये थे और हिन्दू घरों से व
लड़कियों के स्कूलों से उठा ली थी। 6 माह बाद जब 2/3 लड़कियों ने अपने घर
खबर भेजी तो खानदान के उन लोगों ने उन लड़कियों को वापस लेने से इन्कार कर
दिया। 1948 में जब हिन्दू मिलिट्री, हिन्दू औरतों को निकालकर हिन्दुस्तान
लाई तो उनके खानदान वालों ने लेने से इंकार कर दिया। इस वास्ते कुछ ने तो
खुदकुशी कर ली। ये सब मुसलमानों के लिये अच्छा हुआ। इसके लिये हिन्दुओं की
दाद देनी चाहिये।
मुसलमानों और हिन्दुओं के मरने की निस्बतः- जब
पाकिस्तान बना तो एक मुसलमान शहीद हुआ था। काफिर मारे गये थे अब तो बम्बों
और एके 47 का जमाना है, अल्ला ने चाहा तो एक मुसलमान के मारे जाने पर 100
हिन्दू मरेंगे अल्ला हमारे साथ है। मुसलमानों को अल्ला का शुक्रगुजार होना
चाहिये कि वो सब भूल गयें अल्ला ने उसका दिमाग बड़ा कमजोर दिया है। इसलिये
हमने 800 साल हुकूमत की और इन्सा अल्ला फिर करेंगे। इस बात से साबित होता
है कि अल्ला भी चाहता है कि मुसलमानों को हिन्दुस्तान की हुकूमत मिले और
हिन्दुओं की औरत को जन्नत मिले। चीन, पाकिस्तान और बंग्लादेश से हथियार व
नकली नोट हम मुसलमानों की मदद के लिये अल्ला भिजवा रहा है। हिन्दू अफसर और
पुलिस वाले इसी पैसे से अंधे बना दिये जाते हैं। यह खत मस्जिदों में जुमे
के रोज सब मुसलमानों को सुनाया जाये। खाना जंगी के वक्त पाकिस्तान, चीन,
बांग्लादेश व नेपाल भी हमारी मदद के लिये हिन्दुस्तान पर हमला बोल देंगे।
नेपाल में काफी मंदिर तोड़ दिये गये हैं और आईएसआई की मदद से काफी लोग
मुसलमान हो गये हैं।
कलावा मोटर साईकिल-मुसलमान जवानों को चाहिये अपने
हाथ में कलावा बांध कर अपना नाम बदलकर हिन्दू नाम अपना लें। मोटर साईकिल पर
सवार होकर हिन्दू मोहल्ले में कालेजों और स्कूलों के पास खड़े होकर हिन्दू
लड़कियों से इश्क लड़ायें। होटलों में भी खुद भी ऐश करें और उनसे काल
गर्ल्‍स का काम लें। इस कमाई से कुछ हिस्सा हथियारों पर खर्च करें। कारों
वाले भाई जान भी करें। अरब मुल्कों में इसके लिये काफी पैसा हम तक पहुंच
रहा है।
भाजपा का डर था कि वो कुरान की 24 आयतें कहीं छापकर नहीं बांटे
मगर अल्ला की मेहरबानी से वो अंधे हो गये और नहीं बांट सके। अल्ला तेरा
शुकर है कि भूल कर भी सिखों को न छेड़ें। ये जालिम होते हैं बल्कि चक्कर
चलाकर उनको हिन्दुओं से दूर रखें। 80 साल के ये सिंधी पंजाबी बड़े नेक
इंसान हैं, गरीब मुसलमानों की मदद करते हैं। ये खत किसी हिन्दू को न
दिखायें।
आपका खादिम


सुलतान मियाँ कटघर – मुरादाबाद यू0पी0
(यह पत्र जिला मेवात, बड़खल चैक से प्राप्त हुआ

Saturday, May 18, 2013

धर्मनिरपेक्षता क्या सिर्फ हिंदुओं के लिए है......?

मूर्ख हिन्दूओ ये हैं सेकुलर गद्दारों को वोट देने का दुशपरिणाम ममता बनर्जी ने कोलकाता के नेताजी स्टेडियम में अल्पसंख्यक विकास कार्यक्रम में ऐसी घोषणा की, जो बंगाल को बांग्लादेश बनाने के लिए काफी है।

1. 9-12 पास मुस्लिम लड़की के लिए मुफ्त साईकिल
2. मदरसा से पास होने पर मुफ्त लैपटॉप
3. मदरसा में 10000 की छात्रवृति
4. इमाम का भत्ता 2500 से 5000 प्रति महीने
5. मस्जिद सेवक को 3000 प्रति महीने
6. मुस्लिमों को 5 लाख तक की लोन
7. राज्य में 3000 नए मदरसा खोलने की अनुमति
8. बिना घर और जमींन वाले इमाम को मुफ्त घर और जमींन
9. 24 प्रखंड में मुस्लिम अस्पताल



** धर्मनिरपेक्षता क्या सिर्फ हिंदुओं के लिए है......???

1-लगभग सभी हिंदू नेताओं को मुस्लिम हितों की बात करते
हुए देखा जा सकता है पर क्या आपने कभी किसी मुस्लिम
नेता को हिंदू हितों की बात करते हुए देखा है....?......... नहीं

2-बहुत से हिंदुओं को वालेकुम सलाम कहते सुना होगा पर
कभी किसी मुस्लिम को जय ''श्रीराम'' या ''हरि ओम'' कहते
सुना है?.... नहीं ..नहीं

3-बहुत से हिंदुओं को मजार या मस्जिद के बाहर माथा टेकते
देखा होगा पर कभी किसी मुस्लिम को मंदिर में माथा टेकते हुए
देखा है?...नहीं ..नहीं ... नहीं

4-बहुत से हिंदू नेताओं को मुस्लिम टोपी पहन के
लोगों को धर्मनिरपेक्षता की टोपी पहनाते हुए देखा होगा पर
क्या कभी मुस्लिम नेताओं को तिलक लगाते देखा है
आपने?...... नहीं ..नहीं ..नहीं,, नहीं .. नहीं
और अपनी जिन्दगी में देख भी नहीं पाऊंगा सारे
सवालों का जवाब --नहीं है -तो फिर ये
धर्मनिरपेक्षता की टोपी क्यों पहने हैं आप?

उतार के मार फेंकिये- उनके मुँह पर जो हमें बरगलाते हैं और
अपना उललू सीधा करते हैं"खामोश मिजाज़ी तुम्हे जीने
नहीं देगी इस दौर में जीना है तो कोहराम मचा दो".

इस्लाम के बारे में विभिन्न विचारकों के विचार

इस्लाम के बारे में विभिन्न विचारकों के विचार

गुरु नानक देव जी

मुसलमान सैय्यद , शेख , मुगल पठान आदि सभी बहुत निर्दयी हो गए हैं । जो लोग मुसलमान नहीं बनते थें उनके शरीर में कीलें ठोककर एवं कुत्तों से नुचवाकर मरवा दिया जाता था ।
-नानक प्रकाश तथा प्रेमनाथ जोशी की पुस्तक पैन इस्लाममिज्म रोलिंग बैंक पृष्ठ ८०

सरदार वल्लभ भाई पटेल

मैं अब देखता हूं कि उन्हीं युक्तियों को यहां फिर अपनाया जा रहा है जिसके कारण देश का विभाजन हुआ था । मुसलमानों की पृथक बस्तियां बसाई जा रहीं हैं । मुस्लिम लीग के प्रवक्ताओं की वाणी में भरपूर विष है । मुसलमानों को अपनी प्रवृत्ति में परिवर्तन करना चाहिए । मुसलमानों को अपनी मनचाही वस्तु पाकिस्तान मिल गया हैं वे ही पाकिस्तान के लिए उत्तरदायी हैं , क्योंकि मुसलमान देश के विभाजन के अगुआ थे न कि पाकिस्तान के वासी । जिन लोगों ने मजहब के नाम पर विशेष सुविधांए चाहिंए वे पाकिस्तान चले जाएं इसीलिए उसका निर्माण हुआ है । वे मुसलमान लोग पुनः फूट के बीज बोना चाहते हैं । हम नहीं चाहते कि देश का पुनः विभाजन हो ।
-संविधान सभा में दिए गए भाषण का सार ।

गुरूदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर
ईसाई व मुसलमान मत अन्य सभी को समाप्त करने हेतु कटिबद्ध हैं । उनका उद्देश्य केवल अपने मत पर चलना नहीं है अपितु मानव धर्म को नष्ट करना है । वे अपनी राष्ट्र भक्ति गैर मुस्लिम देश के प्रति नहीं रख सकते । वे संसार के किसी भी मुस्लिम एवं मुस्लिम देश के प्रति तो वफादार हो सकते हैं परन्तु किसी अन्य हिन्दू या हिन्दू देश के प्रति नहीं । सम्भवतः मुसलमान और हिन्दू कुछ समय के लिए एक दूसरे के प्रति बनवटी मित्रता तो स्थापित कर सकते हैं परन्तु स्थायी मित्रता नहीं ।
- रवीन्द्र नाथ वाडमय २४ वां खण्ड पृच्च्ठ २७५ , टाइम्स आफ इंडिया १७-०४-१९२७ , कालान्तर

Thursday, May 9, 2013

मुसलमानों को तो बस अपनी कौम प्यारी है.., देश - नही.







जब संसद सत्र की समाप्ति के बाद जब राष्ट्रगीत वंदेमातरम् गाने की धुन के लिए जब सारे सांसद खड़े हुए तब सांसद हाफिज अब्दुर रहमान और असद्दुदीन ओबैसी बिना राष्ट्रगान गाये चल दिए,

जब भारत माता का गुणगान इन्हें उचित नहीं लगता तो क्या ये लोग इस देश की मिटटी में रहने के अधिकारी है ?








मुसलमानों को तो बस अपनी कौम प्यारी है..,

देश - नही..।




नरेन्द्र मोदी टोपी न पहने तो वो साम्प्रदायिक, मुल्ला राष्ट्रगीत वन्देमातरम न गाये तो उसका धार्मिक मामला, भाड़ में जाए ऐसा धर्म और उनकी भावनाएं.............




शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि इस्लाम के खिलाफ है वंदे मातरम.......और मैं कहता हूँ कि ऐसी मानसिकता हिंदुस्तान के खिलाफ है...............अब इस्लाम को महत्व देना है तो वहाँ जाओ जहां इसको महत्व मिलता हो और देश को महत्व देना है तो वंदे मातरम का सम्मान करो।




अगर आप भारतीय हैं -तो जरुर सोचने की कृपा करें ****
१- कल 8 मई को संसद में 2 मुस्लिम सांसदों ने किया "रास्ट्रगीत " का अपमान ---अब इसको भी सेकुलर कीड़े -मकोड़े- धर्मनिरपेक्षता ही कहेंगे -और इसको देश की अस्मिता से ना देखकर -मज़हब के चश्मे से देखंगे
२ हम सवाल उठा रहे हैं-कि संसद में इन 2 सांसदों ने ये निंदनीय अपराध क्यों किया? -सविंधान का ही अपमान नहीं किया बल्कि देश की आत्मा को चोट पहुंचाई है।किसके कहने पर ये अपराध किया है ? क्या इनको भारत छोड़कर किसी और मुल्क में नहीं चले जाना चाहिए ? क्या इन पर देशद्रोह का मुकदमा नहीं चलना चाहिए ? चलना चैये -- केवल चेतावनी देने से बात नहीं बन सकती है
३-अब फिर से ऊपर वाले "सेकुलर कीड़े -मकोड़े" -हमारी इस मांग को"साम्प्प्रदायिक ता "से जोड़ देंगे कोई बात नहीं --- अगर सच को सच कहने के लिए -हमें कोई साम्प्रदाइक कहता है ..तो कहता रहे ..

संसद से वन्देमातरम का विरोध करके वाक्-आऊट करने वाले दोनों मुल्ले सांसदों के खिलाफ मीडिया तो कुछ कहेगा नहीं (क्योंकि ऐसे विषयों पर बात करने में उसे घबराहट भी होती है, और "मम्मी" का आदेश भी नहीं है)...

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लेकिन सवाल यह है कि दिल्ली में बैठे "पंजा छाप भाजपाई नेता" इस मुद्दे पर अभी तक क्या बोले हैं??? क्या उन दोनों सांसदों के खिलाफ को प्रस्ताव लाए हैं? या संसद में लाने का कोई विचार है? क्या दोनों सांसदों के निवास पर कोई तगड़ा प्रदर्शन किया है? आखिर क्या किए हैं??

अभी तो ये लोग पार्टी को गिराते-गिराते 115 पर लाए हैं... सिर्फ गुजरात-मप्र-छग ही हाथ में बचा है.... और कितना नीचे ले जाएंगे पता नहीं...

वाकई "सेकुलरिज्म" बड़ी खतरनाक बीमारी है, सीधे ले डूबती है...




"वन्दे मातरम कहना इस्लाम के खिलाफ है इसलिए मैं आगे भी ऐसा ही करूँगा" बसपा सांसद बर्क-
1. पर लोकतंत्र भी इस्लाम के खिलाफ है और चुनाव लड़ना और मंत्री बनना भी इस्लाम के खिलाफ है तो आप क्यूँ चुनाव लड़ते है अभी के अभी इस्तीफा दे देना चाहिए।
2. पर इस्लाम मैं तो दारुल ए हराम (गैर इस्लामिक शाशित देश) मैं रहना भी हराम है तो आप इस देश मैं क्यूँ रह रहे है आज की आज पाकिस्तान चले जाए।
3. पर इस्लाम मैं तो मूर्ती पूजको के साथ दोस्ती रखना भी हराम है तो आप मूर्ती पूजको के वोट को क्यूँ मांगते है और मूर्ती पूजको के साथ संसद मैं क्यूँ बैठते है।
और भी बहुत कुछ गैर इस्लामिक काम करते है पर वो व्यक्तिगत लाभ के लिए गैर इस्लामिक नहीं है पर वन्दे मातरम कहना गैर इस्लामिक है क्योंकि इससे राजनीती मैं मुस्लिम वोट बड़ते है और हिन्दू तो वैसे ही जात के नाम पर वोट दे देंगे।




1. बिहार और मध्य प्रदेश मैं कहते है सूर्य नमस्कार इस्लामिक नहीं है इसलिए बंद कर दो ,
2. हेदराबाद मैं कहते है मंदिरों की घंटियों से हमको नमाज पड़ने मैंदिक्कत होती है। राम नवमी और हनुमान जयंती की पूजा से दिक्कत है।
3. फैजाबाद मैं दुर्गा जी की मूर्ती के विसर्जन से दिक्कत है
4. कोसी मैं मीठे पानी की छबील से दिक्कत है और उसमें थूक दिया जाताहै और मन करने पर दंगे किये जाते है।
5. बरेली मैं कवादियो के बम बम भोले बोलते हुए जाने से दिक्कत है।
6. संसद मैं वन्दे मातरम बोलने से दिक्कत है।
7. मध्य प्रदेश मैं बच्चो को भग्वद गीता पड़ने से दिक्कत है पर मदरसों मैं कुरान पड़ने की आजादी चैये
8. देश मैं गाय काटने पर रोक लगानेसे दिक्कत है। गाय काटने और खाने की आजादी चैये।
9. आतंकवादियों को फंसी देने से दिक्कत है।
10. कवादियो के उनके गाँवो से निकलने से दिक्कत है इस लिए उनकी कावड़ पर खून फेंक कर ख़राब किया जाता है।
11. हमारे राम मंदिर के बन्ने से दिक्कत है
12. कार सेवको के भजन से दिक्कत हैइसलिए उनको रेल मैं जिन्दा जल दिया जाता है।
इनको हमेशा दिक्कत रहेगी और हम ऐसे ही सहते रहेंगे रोते रहेंगे क्योंकि हम कांग्रेस के गुलाम है।





इस्लामी तथ्य

कुछ तथ्य 

जैसे की मुल्ले दाढ़ी रखते है! (महमद दाढ़ीधारी था और एक विशिष्ट प्रकार से उस पर हाथ घुमाता था, मुस्लिम भी ठीक वैसे ही अपनी दाढ़ी पे हाथ घुमाते है)

*. उस दाढ़ी को लाल रंग में रंगते है (क्योंके महमद लाल डाई का उपयोग करता था),

*. इस्लामिक टूट ब्रश का उपयोग करते है जिसे मिस्वाक कहते है (महमद इसका उपयोग करता था)

*. बड़े भाई का कुरता (घुटनों के नीचे तक आने वाला लंबा झब्बा) और छोटे भाई का पैजामा (छोटा पैजामा जिसमे पैरों की एडिय दिखती है) पहनते है (बिलकुल महमद जैसा)!

*. बैठ कर मूतते है और ईट को अपने लूली पे विक्षिप रूप से घुमाते है जैसे महमद करता था!

*. नदी के तट पे घर हो फिर भी ये मुल्ले जुम्मे से जुम्मे क्यों नहाते है? ये भी आप समझ चुके होगे! इतना भी नही सोचते की रेगिस्थानमें रहनेवाला महमद चाहकर भी प्रतीदिन नहा नही सकता था!

*. मुसलमान कहते है, हम वंदेमातरम नही कहेंगे क्यों की हम मातृभूमि को नही मानते तो फिर ये महमद की अरब भूमी के आगे दिन में ५ बार माथा क्यों रगड़ते है (ये भी महमद का सुन्ना है जिसके आधार पर महमद सारे विश्व को उसकी मातृभूमि के आगे झुकाता है)

*. ये मुल्ले अपने बच्चो के नाम सारे अरबस्तानसे आयात (Import) करते है! क्यों? महमद ने कहा इस लिए! ये तो इस्लाम, जैसे धर्म की आड में अरब श्रेष्ठता का विषयला साम्राज्यवादही हो ऐसा प्रतीत होता है!

*. इतना ही नही ये मुस्लिम अपनी कमाई में से कमसे कम १०% जकात के रूप में महमद की मातृभूमि अरब देशो को भेजते है! यह भी इस्लामी सुन्ना है!

*. अपना घर बार बेचकर हज की यात्रा करने वाले कई मुस्लिम आप को भारत पाकिस्तान और अफ्रीका के अनेक भागो में मिलेंगे! इससे अरब राष्ट्रों को इतना पैसा मिलता है की कोई भी काम किये बिना वे राजा के समान जीवन बिता सकते है! यदी उनका तेल समाप्त हो जाए तो भी !!

महमद का इस्लाम उसके देश बंधूओ (अरबो) के लिए एक वरदान सिद्ध हुआ है और अरबेतर (जो मुस्लिमअरब नही है वे) अरब राष्ट्र के गुलाम, जिन्हें अपने आप में कोई अस्तित्व नही!

इसी महमद की सीख है की उसे न मनने वाले काफिरो है! जिन्हें कतल करना भी महमद का सुन्ना (आचरण) है! काफ़िर वे है जो महमद का आचरण नही करते! इस लिए वे सब के सब नर्क में सड़ेंगे! क्या ये विचार धारा का पाठ पढा के शांति और सुखी जीवन संभव है?

यदि कोई मुस्लिम इस सुन्ना को नही पलता तो वह नर्कभागी काफ़िर हो जाएगा यही इस्लामी साहित्य बताता है

Tuesday, May 7, 2013

मलेशियन पुलिस एक हिन्दू उद्योगपति के बंगले में बने मन्दिर को ध्वस्त करते हुए

हिन्दुओ अब तो जागो ... क्या पूरा विश्व सिर्फ हिन्दुओ से ही धर्मनिरपेक्ष रहने की उम्मीद करेगा ?
मलेशिया के एक प्रान्त ने एक कानून पास किया है जिसमे अनुसार उस प्रान्त में मस्जिद के आलावा दूसरा कोई भी पूजा स्थल नही होंगे ..

यहाँ तक की कोई भी हिन्दू या बौद्ध अपने घर के अंदर भी मन्दिर नही बनवा सकता |
चित्र में देखिये .. मलेशियन पुलिस एक हिन्दू उद्योगपति के बंगले में बने मन्दिर को ध्वस्त करते हुए

Saturday, May 4, 2013

गद्दार गिलानी ने सरबजीत का शव लौटाने के लिये की पाक की सराहना




गद्दार गिलानी ने सरबजीत का शव लौटाने के लिये की पाक की सराहना

जहां पुरा देश सरबजीत सिंह के प्रति पाकिस्तान के अमानवीय व्यवहार के लिये आक्रोशित है वही अलगाववादी नेता सईद अली गिलानी को लगता है कि सरबजीत का शव भारत को सौंपकर पाकिस्तान ने उदारता का उदाहरण पेश किया है। सरबजीत की पाकिस्तान की एक जेल में बर्बरता हत्या कर दी गयी।

भारत के प्रति अपनी अनिष्ठा की सारी सीमाए पार करते हुए हुरियत कॉन्फ़रंस के अध्यक्ष ने कहा कि सरबजीत का शव भारत को सौंपकर पाकिस्तान ने उदारता का दिखायी है और भारत को पाकिस्तान से सीख लेते हुए अफ़झल गुरु के शव को उसके परिजनों को सौंप देने चाहिये।

उन्होंने कहा, “सरबजीत का शव भारत को सौंपकर पाकिस्तान ने अपना उदार दृष्टिकोण दिखाया है। भारत सरकार को पाकिस्तान का अनुकरण करते हुए अपना अड़ियल रुख छोड़कर शहिद भट और शहिद गुरु के शव वापस सौंप देने चाहिये।”

बेशरम पाकिस्तान समर्थक नेता यही नही रुके। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान मानवता का काम करते हुए उपनिवेशवादी भारत सरकार पर नैतिक जीत हासिल की है।”

गुरुवार को जारी किये एक बयान में उन्होंने कहा, “ इसके विपरित भारत सरकार ने अफ़झल गुरु का शव उसके परिजनों को सौंपने से इंकार किया।”

भारत सरकार पर कड़ा हमला बोलते हुए गिलानी ने कहा, “विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का भारत का दावा झूठा साबित हुआ है। वही अनेक संकटों के बावजूद सरबजीत का शव सौंप कर पाकिस्तान ने बहुत मानवीय व्यावहार किया।”

सईद अली गिलानी भारत में पाकिस्तान का वेतनभोगी दलाल?

ये पहली बार नही जब सईद अली गिलानी ने भारत के बारे में आग उगली है। अलगाववादी नेताओं में सबसे ज्यादा मुंहफ़ट नेता के रुप में उनकी पहचान है। गिलानी ने कई बार सार्वजनिक स्तर पर पाकिस्तान का खुला समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा है और भारत ने उसपर अवैध कब्जा किया है। उन्होंने कश्मीर में आतंकवाद का जोरदार समर्थन किया है और उनका मानना है कि घाटी में आतंकवाद ने ही भारत सरकार को उनकी मांग पर ध्यान देने के लिये मजबूर किया है।

गिलानी कश्मीर में भारतीय सेना की शांति मुहिम का विरोधी रहे है। जुलाई 2010 में सरकार ने युद्धविराम की घोषणा की और उसे नकारने में हुरियत नेताओं में गिलानी सबसे आये थे।

अक्तुबर 2010 में दिल्ली में आयोजित एक सम्मेलन में भारत विरोधी बयानबाजी करने के लिये उनकी काफ़ी आलोचना हुई थी। जुलाई 2012 में नैशनल कॉंन्फ़रन्स के एक नेता ने आरोप लगाया था कि गिलानी आईएसआई के वेतनभोगी दलाल है। उनपर 2010 में कश्मीर में हुई हिंसा को बढ़ाने का भी आरोप है।

कौन लगायेगा गिलानी पर लगाम?

भारत के विरोध में गिलानी की बगावत के बावजूद आज वो खुले आम घुम रहा है और अपनी जहरीली जुबान से लोगों की भावनाओं को भड़का रहा है। लेकिन ऐसा लगता है कि भारत की एकता को नुकसान पहुंचाने वाले गिलानी की तरफ़ ओमर अब्दुल्ला सरकार ने आंखें मूंद ली है।

क्या ये खबर किसी "news" चेनल पर देखी ?

क्या ये खबर किसी "news" चेनल पर देखी ?

मंदिर में घंटा बजाना पाप है अब !! कुछ दिन और रुको मंदिर देखने मात्र से मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं आहत हो जाएगी फिर मंदिर को भी माया के हाथी की तरह ढँक दिया जाएगा 

हैदराबाद के कांग्रेस के सांसद ओबेदुल्ला ओबैसी ने मांग किया कि मुस्लिम बहुल छेत्रो मे जो मंदिर है उसमे घंटे बजाने पर रोक लगा दिया जाये क्योकि घंटे गैर इस्लामिक होते है और इनकी आवाज किसी मुस्लिम के कानों मे नहीं जानी चाहिए .. और इससे मुसलमानों की भावनाएं आहत होती है फिर क्या था ..आन्ध्रप्रदेश मे कांग्रेस की ही सरकार है और मुख्यमंत्री ने तुरंत दिल्ली हाईकमान को इसकी सुचना दी ..मैडम तो वैसे ही हिन्दुओ से घृणा करती है .तुरंत बोल दिया कि फरमान जारी कर दो कि अब कोई भी हिंदू किसी भी मंदिर मे घंटा नहीं बजा पायेगा .. हर मंदिर मे महिला पुलिस कांस्टेबलों की डीयूटी लग जो घंटो को रस्सी से बांधकर पकड़ी है ..ताकि कोई बजा नहीं पाए .. अगर किसी ने बजाने की जुर्रत की तो सीधे जेल .. बड़ी बात तो यह है की संतो के स्टिंग ओपरेशन करने वाली मीडिया को इस खबर के बारे में पता नहीं है वोह ..हाय रे हमारा दुर्भाग्य हम आजाद हिन्दुस्तान मे मंदिरों मे घंटे भी नही बजा सकते .

इस्लाम के अनुसार हराम क्या है ,और हलाल क्या है ?

कठ मुल्लो के इस्लाम के अनुसार हराम क्या है ,और हलाल क्या है ????
(कुराने पाक में कही कोई ईस तरह की आयत नही )
1 -अल्लाह का नाम लिए बिना जानवर को मारना हराम है .लेकिन जिहाद के नाम से हजारों इंसानों का क़त्ल करना हलाल है .
2-यहूदियों ,ईसाइयों से दोस्ती करना हराम है .लेकिन यहूदियों ,ईसाईयों का क़त्ल करना हलाल है .
3-टी वी और सिनेमा देखना हराम है .लेकिन सार्वजनिक रूप से औरतों को पत्थर मार हत्या करते हुए देखना हलाल है .
4-किसी औरत को बेपर्दा देखना हराम है .लेकिन किसी गुलाम औरत को बेचते समय नंगा करके देखना हलाल है .
5-शराब का धंदा करना हराम है .लेकिन औरतों ,बच्चों को गुलाम बना कर बेचने का धंधा हलाल है .
6-संगीत सुनना हराम है . लेकिन जिहाद के कारण मारे गए निर्दोष लोगों के घर वालों की चीख पुकार
सुनना हलाल है .
7घोड़ों की दौड़ पर दाव लगाना हराम है .लेकिन काफिरों के घोड़े चुरा कर बेचना हलाल है
8-औरतों को एक से अधिक पति रखना हराम है .लेकिन मर्दों के लिए एक से अधिक पत्नियाँ रखना हलाल है .
9-चार से अधिक औरतें रखना हराम है . लेकिन अपने हरम में सैकड़ों रखेंलें रखना हलाल है .
10किसी मुस्लिम का दिल दुखाना हराम है . लेकिन किसी गैर मुस्लिम का सर काटना हलाल है .
11-औरतों के साथ व्यभिचार करना हराम है .लेकिन जिहाद में पकड़ी गयी औरतों के साथ सामूहिक बलात्कार करना हलाल है .
12-जब किसी औरत की पत्थर मार कर हत्या की जा रही हो ,तो उसे बचाना हराम है .जब उसी अपराध के लिए औरत को जिन्दा जलाया जा रहा हो,तो तमाशा देखना हलाल है .
इन थोड़े से मुद्दों को ध्यान से पढ़ने से उन लोगों की आँखें खुल जानी चाहिए जो कठ मुल्लो के इस्लाम को शांति का धर्म समझ बैठे है ।

Thursday, May 2, 2013

इस्लामी कामसूत्र

यह बात तो सर्वविदित है कि मुहम्मद एक
अय्याश व्यक्ति था .लेकिन वह सेक्स गुरु
भी था .वह मुसलमानों को सेक्स के नये नए तरीके
सिखाता रहता था .ताकि मुसलमान उसका अनुकरण
करके वैसा ही करें .क्योंकि जिहादियों को क्रूर
होने के साथ साथ अय्याश
होना भी जरुरी है .अगर इस दुनिया में
अय्याशी नहीं करेंगे तो ,मर कर जन्नत में
अय्याशी कैसे करेंगे .यही इस्लाम का आधार और
मुसलमानों का एकमात्र लक्ष्य है .
यद्यपि मुहम्मद ने सेक्स के बारे में कोई अलग से
किताब नहीं लिखी है ,परन्तु उसने
जो भी आय्याशियाँ कि हैं ,वे सब हदीसों में मौजूद
हैं .उन से छांट कर यह इस्लामी कामसूत्र ﺍﻟﻜِﺘﺎﺏ
ﺍﻟﺠِﻨﺲ ﺍﻻﺳﻼﻣﻴﻪ प्रस्तुत
किया जा रहा है .इसमे प्रारम्भ से अंत तक
इस्लामी सेक्स की जानकारी है .यह ज्ञान
मुस्लिम महिलाओं के लिए अवश्य उपयोगी होगा .
" ﻓﻘﻂ ﻟﻠﻨﺴﺎﺀ ﺍﻟﻤﺴﻠﻤﺎﺕ "केवल मुस्लिम
महिलाओं के लिए !
1 -सेक्स की तय्यारी कैसे करें
"औरतें अपने जिहादी पतियों के घर में आने से
पहिले अपने निचे के बाल(Pubic Hair )साफ़
करके रखें ".बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस
173
"मुस्लिम औरतें अपनी योनी और बगल के बाल
साफ करके तय्यार रहें "बुखारी -जिल्द 7 किताब
72 हदीस 177
2 -सेक्स के लिए सदा तय्यार रहें
"यदि कोई औरत घर के काम में व्यस्त हो ,और
उसका जिहादी पति उसे सेक्स के लिए बुलाये
तो ,औरत को चाहिए कि सब काम छोड़कर तुरंत
ही वहीँ पर सम्भोग करवा ले "मुस्लिम -किताब 8
हदीस 3240
"सम्भोग करना जरुरी है ,चाहे
तुम्हारी पत्नी राजी हो या नहीं ."मुस्लिम -किताब
3 हदीस 677 और 680
3 -छातियाँ मसलवाना(Breastpresing )
"अबू मूसा बिन अशरी ने कहा कि मैं
अपनी पत्नी की छातियाँ दबाकर उसका दूध
पीता हूँ .मुझे लगा कि यह हराम है .फिर
अब्दुल्लाह बिन मसूद ने रसूल से पूछा तो रसूल ने
कहा कि यह काम जायज है "मुवत्ता-किताब 30
हदीस 214
"याहया बिन मालिक ने कहा कि मैं अपनी पत्नी के
स्तनों से दूध पीता हूँ ,क्या यह हराम है .तब अबू
मूसने कहा कि इसे रसूल ने जायज कहा है .और मैं
दो सालों से यही कर रहा हूँ "मलिक मुवत्ता -
किताब 30 हदीस 215
4 -कुंवारी लड़कियाँ सेक्स के लिए उत्तम हैं
"अल्लाह की नजर में कुंवारी और अक्षत
योनी लड़कियाँ उत्तम होती है "बुखारी -जिल्द 7
किताब 62 हदीस 16
"कुँवारी लड़कियाँ सेक्स के लिए श्रेष्ठ होती हैं
"बुखारी -जिल्द 38 हदीस 504 .
"रसूल ने कहा कि ,कुंवारी कन्या के साथ सम्भोग
करने में अधिक आनंद आता है "मुस्लिम -किताब
8 हदीस 3459 .
5 -औरत की माहवारी में सम्भोग की विधि
"आयशा नेकहा कि ,रसूल उस समय भी सम्भोग
करते थे जब मैं माहवारी में होती थी "बुखारी -
जिल्द 3 किताब 33 हदीस 247
"रसूल ने कहा कि ,तुम औरतों से मास्क के समय
भी सम्भोग कर सकते हो "अबू दाऊद-किताब 1
हदीस 270
"मासिक के समय किसी भी औरत के साथ
सम्भोग करना हलाल है "अबूदाऊद -किताब 1
हदीस 212
"अगर कोई गलती से पत्नी के
आलावा किसी ऐसी स्त्री से सम्भोग
करे ,जो मासिक से हो ,तो उसे प्रायश्चित के लिए
आधा दीनार खैरात कर देना चाहिए"
"अबू दाऊद -किताब 11 हदीस 2164
"और अगर अपनी पत्नी से उसकी मासिक के समय
सम्भोग करे तो ,सदके के तौर पर एक दीनार दे
देना चाहिए "
.अबू दाऊद -किताब 1 हदीस 264 और 302
"यदि स्त्री की योनी से मासिक स्राव अधिक बह
रहा हो तो ,पहिले योनी से स्राव को साफ कर
लें ,फिर तेल लगा कर सम्भोग
करें .यही तरिका रसूल ने बताया है.
"सही मुस्लिम -किताब 3 हदीस 647 .
"आयशा ने कहा कि,जब भी मैं मासिक में
होती थी रसूल मेरी योनी से स्राव साफ करके
सम्भोग किया करते थे "
मुस्लिम -किताब 3 हदीस 658
6 -सम्भोग के बाद गुस्ल जरूरी नहीं
"आयशा ने कहा कि रसूल सम्भोग के बाद
बिना गुस्ल किये ही मेरे साथ उसी हालत में
सो जाते थे" .अबू दाऊद-किताब 1 हदीस 42
"आयशा ने बताया कि ,जब रसूल और मैं सम्भोग
के बाद गंदे हो जाते थे ,तो रासुल्बिना पानी छुए
ही मेरे पास सो जाते थे ..और उठकर नमाज के
लिए चले जाते थे ".अबू दाऊद -किताब 1 हदीस
42
"आयशा ने कहा कि ,जब सम्भोग के बाद एअसुल
गंदे हो जाते थे ,तो उसी हालत में सो जाते
थे ,फिर बाद में उठ जाने पर बाजार या नमाज के
लिए चले जाते थे .उनके पापड़ों पर वीर्य के दाग
साफ दिखाई देते थे ,"अबू दाऊद -किताब 1 हदीस
228
"आयशा ने कहा कि ,जब सम्भोग के बाद रसूल के
कपड़ों पर वीर्य सुख जाता था .और दाग पड़
जाता था तो मैं अपने नाखूनों से वीर्य के
दागों को खुरच देती थी .रसूल वही कपडे पहिन कर
नमाज के लिए चले जाते थे "अबू दाऊद -किताब
11 हदीस 2161
7 -वीर्य का स्वाद और रंग
"अनस बिन मलिक कहा कि रसूल ने उम्म सलेम
को बताया कि पुषों के वीर्य का रंग सफ़ेद होता है
और गाढ़ा होता है .और बेस्वाद होता है .लेकिन
स्त्री का वीर्य पतला ,पीला और तल्ख़ होता है
"अबू दाऊद -किताब 3 हदीस 608
"उम्म सलेम ने कहा कि ,रसूल ने
कहा कि स्त्रियों कि योनी से हमेशा एक स्राव
निकलता रहता है .जिसका रंग पीला होता है .रसूल
ने फिर कहा कि मुझे यह बात कहने कोई शर्म
नहीं है कि , योनी के स्राव का स्वाद तल्ख़ और
तीखा होता है "अबू दाऊद -किताब 3 हदीस
610 .
8 -माँ बेटी से एक साथ सम्भोग
"याह्या बिन मलिक की रवायत है
कि उबैदुल्ला इब्न उतवा इब्न मसूद ने
कहा कि उमर बिन खत्ताब ने जिहाद में एक
माँ और बेटी को पकड़ लिया .और रसूल से
पूछा क्या हम इन से एक एक करके सम्भोग करें
या अलग अलग ,रसूल ने कहा की तुम दौनों से एक
ही समय सम्भोग कर सकते
हो .इसकी अनुमति है .लेकिन मैं इसे नापसंद
करता हूँ "मलिक मुवत्ता-किताब 28 हदीस 1433
9 -वेश्या गमन
"रसूल ने कहा कि जिहाद के समय मुसलमान एक
रात केलिए भी शादी कर सकते हैं "मुस्लिम -
किताब 8 हदीस 3253
10 -कुतिया आसन(Doggy style )
"जाबिर बिन अब्दुल्लाह ने रसूल से कहा कि एक
यहूदी अपनी पत्नी की योनी में पीछे से लिंग प्रवेश
करता है .क्या बुरी बात है .रसूल ने
कहा की इसमे कोई हर्ज नहीं है ."मुस्लिम -
किताब 8 हदीस 3364
"अबू जुहरी ने कहा की रसूल ने कहा कि,तुम चाहे
औरतों से आगे से सम्भोग करो चाहे पीछे
से ,परन्तु लिंग योनी के अन्दर ही प्रवेश
होना चाहिए .नहीं तो संतान भेंगी होती है "मुस्लिम
-किताब 8 हदीस 3365
11 -जंघा मैथुन (Thighing )
"आयशा ने कहा कि ,जिस समय मैं माहवारी में
होती थी तबी रसूल आ गए और मुझ से
अपनी जांघें खोलने को कहा ,फिर नबी ने अपने गाल
मेरी जांघों पर रखे .मैंने उनके सर को जांघों में कास
लिया .इस से रसूल को गर्मी मिली और वह
उसी हालत में सोते रहे .शायद रसूल को सर्दी लग
गयी थी "अबू दाऊद-किताब 1 हदीस 270
12 -औरतें केवल भोग की वस्तु हैं
"औरतें केवल भोगने और मौजमस्ती और आमोद
प्रमोद के लिए ही बनी हैं "अबू दाऊद -किताब 11
हदीस 2078
"यदि औरत की सम्भोग की इच्छा भी नहीं हो तब
भी पति उस से जबरदस्ती सभोग करने का हकदार
है .रसूल ने कहा कि अल्लाह ने औरतों पर
मर्दों को फजीलत दे रखी है "अबू दाऊद - किताब
11 हदीस 2044 .
"यदि स्त्री सम्भोग से इंकार करे तो पति उसे
पीट कर जबरन सम्भोग कर सकता है "मिश्कात -
किताब 6 हदीस 671
"अगर पत्नी गर्भवती भी हो ,तो पति उस से उस
हालत में सम्भोग कर सकता है ,चाहे
उसकी पत्नी सम्भोग करवाने के लिए
कितना भी विरोध करे .पति उस से सम्भोग जरुर
करे "अबू दाऊद -किताब 11 हदीस 2153 और
2166 .
13 -मुख मैथुन (Oral Sex )
"आयशा ने कहा कि,रसूल जब रोजे कि हालत में
होते थे ,तब भी वह अपना मुंह मेरे मुंह से लगा कर
मेरी जीभ को अपने मुंह में लेकर चूसते थे .और
मेरा सारा थूक उनके मुंह में चला जाता था "अबू
दाऊद-किताब 13 हदीस 2380
"आयशा ने कहा कि रसूल कहते थे कि ,हरेक
हालत में आनंद लेना चाहिए .चाहे रोजे के दिन
हों "अबू दाऊद किताब 12 हदीस 302 .
"आयशा ने कहा कि रसूल कहते थे कि पुरुष और
स्त्री के अंगों में एक प्रकार की शहद
होती है ,जब तक स्त्री पुरुष का ,शहद
नहीं चखती है ,वह हलाल
नहीं मानी जा सकती है .और यही बात पुरुषों पर
लागू होती है "सही मुस्लिम -किताब 8 हदीस
3354 .
यह इस्लामी कामसूत्र पढनेके बाद आप
अच्छी तरह से समझ गए होंगे कि मुस्लिम ब्लोगर
बात बात पर हरेक मुद्दे को सेक्स की ओर
क्यों मोड़ देते हैं .और अश्लील
शब्दों का क्यों प्रयोग करते हैं .इसमे
इनका उतना कसूर नहीं है ,जितना इस कामसूत्र के
रचयिता मुहम्मद का हैं .जैसा मुसलमानों के
दिमागों में भरा हुआ है ,वैसा ही यह लोग बोलते
हैं .