Monday, April 29, 2013

कुछ सवाल करना चाहता हुँ कांग्रेस के नेताओ, सेकुलरों और मुल्लौ से


कुछ सवाल करना चाहता हुँ कांग्रेस के नेताओ, सेकुलरों और मुल्लौ से :- 

१- याद करो कांग्रेस वालो जब इंदिरा गाँधी के घर मे एक प्रसंग मे श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य सबको तिलक लगा रहे थे लेकिन तत्कालीन केबिनेट रेल मंत्री अब्दुल रहमान अंतुले ने शंकराचार्य का हाथ पकड लिया और कहा की इस्लाम मे तिलक हराम है वो नहीं लगवाएंगे .. तब तुम्हारी सदभावना कहा थी ?? 

२- क्या किसी समारोह मे कोई मौलवी राहुल गाँधी का खतना करना चाहे तो राहुल गाँधी सद्भावना की खातिर खतना करवाएंगे ?? 

३- अभी जब अन्ना का अनसन चल रहा था तो जामा मस्जिद के शाही इमाम बुखारी ने मुसलमानों को अन्ना के आन्दोलन से दूर रहने का फ़तवा दिया . उन्होंने कहा की वहा "वंदेमातरम" गया जाता है और भारत माता की जय के नारे लगाये जाते है .
जब इस पर एक पत्रकार ने कांग्रेस के प्रवक्ता रशीद अल्वी की टिप्पणी ली तो उन्होंने कहा की बुखारी ठीक कह रहे है इस्लाम मे अल्लाह के सिवा किसी की भी इबादत नहीं की जा सकती चाहे वो अपना राष्ट्रगान या अपना देश ही क्यों ना हों . 
तब कांग्रेस की सद्भावना कहा थी ? 

तब इस देश का नीच मीडिया कहाँ था ?
अब मेरा कुछ सवाल उस मौलवी से जो कांग्रेस के नेता और केबिनेट मंत्री दिनशा पटेल और अहमद पटेल के सिखाए हुए चाल के तहत मोदी को टोपी पहनाने ध्रष्टता किया था [ मौलवी दिनशा पटेल के छेत्र खेडा जिले के ठासरा का रहने वाला है ] 


१- मौलवी !! अगर मै तुम्हे भगवा वस्त्र पहनाऊ तो क्या तुम पहनोगे ? 


२- यदि उस मौलवी मे जरा भी सद्भावना होती तो उन्हें नरेंद्र मोदी के धर्म के अनुकूल प्रतिक चिन्ह भेंट में करना चाहिए था ,उन्हें चाहिए था कि वे भगवत गीता मोदी को भेंट करते ,उन्हें चाहिए था कि वे भारत माता की फोटो उन्हें भेंट करते 


३- क्या मिडिया उस मौलवी के फोन का काल डिटेल इस देश की जनता को दिखाएगी ?


मुस्लिम टोपी नहीं पहन कर और विनम्र भाव से टोपी को अस्वीकार कर मोदी ने छद्म धर्मनिरपेक्षता को पुरे देश के सामने करारा चांटा मारा है !!


मोदी ने इमाम के हाथो हरा दुपट्टा पहन कर यह संकेत दे दिया है की वे गुजरात और देश में मुस्लिम वर्ग को हराभरा ,खुश हाल देखना पसंद करते हैं

Saturday, April 27, 2013

चारो ओर "अल्लाह हु अकबर" की आवाजे थी


चारो ओर "अल्लाह हु अकबर" की आवाजे थी......भय से काँप रहा कभी **सेकुलर** रहा एक हिन्दू परिवार कमरे मे खुद को बंद करके खाली हाथ बैठा था......पति, पत्नी और एक सोलह साल की बेटी, एक दस साल का बच्चा....
अधिक समय नहीं लगा, तोड़ दिया दरवाजा हैवानो ने....घुस आए कमरे में... होने लगे चारो ओर से तलवारों के वार...

बाप, बेटे और माँ को अधमरा करके एक तरफ फेका, और लड़की के कपड़े फाड़कर कई दरिंदे एक साथ टूट पड़े उस पर...अपनी ही आंखो के सामने ये देखकर बाप ने खुद तलवार घोंप ली अपने पेट मे.....माँ के सामने बेटी के साथ एक एक करके बीस से ज्यादा नरपिशाचो ने दुष्कर्म किया......वो बेचारी धरती पर पड़ी चीखती रही...बिलखती रही, चिल्लाती रही, तड़पती रही...दुष्कर्म के पश्चात उसकी छातियाँ काट कर अल्लाह की मोहर भी दाग दी.....उसी अल्लाह की जिसमे यही नीच सेकुलर हमारे राम और कृष्ण के रूप देखता है..........काट डाली बेटे की गर्दन .... इसके बाद वो घर से बाहर निकले और जला दिया घर........पूरा परिवार ऐसी दुर्गति के बाद जिंदा जलकर खाक हो गया .......

कैसा लगा? ये कोई मार्मिक कपोल काल्पनिक कहानी नहीं है.....कश्मीर के एक पीड़ित और जिंदा बचे हिन्दू की, जो कि उसी मोहल्ले मे रहता था ........उसकी पुस्तक "कश्मीर का सच" से लेकर अपने शब्दो मे लिखी गयी एक सच्ची घटना है...

जब एक धर्मनिरपेक्षी राष्ट्र होकर भी भारत की सरकार,भारत के ही एक अंग कश्मीर मे हिन्दुओ को बचाने को आगे नहीं आई..... तो फिर इस राष्ट्र के इस्लामिकरण के पश्चात, कौन बचाने आएगा तुम्हें????

पूरा परिवार की ऐसी दुर्गति के बाद जिंदा जलकर खाक होने में लगा समय........केवल कुछ मिनट .........इस काम में मुल्लो की तैयारी में लगा समय....१४०० साल ......और हिन्दू को जागने में लगा समय.....आज तक नहीं जागा......

अगर तुम आज धर्म की ओर से, राष्ट्र की ओर से, गोमाता के ओर से मुंह छिपाए बैठे हो... तो गोमाता के आँसूओ और उनकी चीखो से बने कोप को तुम्हारी दुर्गति, तुम्हारा विनाश करने से कोई नहीं रोक सकता...

अब तुम खुद सोच लो.... तुम्हें खुद को अपने घरवालो को एक सुरक्षित राष्ट्र, अच्छा जीवन, और स्वर्णिम भविष्य देना है या ऐसा दर्दनाक अंत.....
तो उठो जागो हम मिलकर देखेंगे कौन सी नबी की औलादे इतनी ताकत, हिमाकत करेंगी... जो हमारे होते हुये इस राष्ट्र के मुस्लिमिकरण का विचार भी मन मे लाये........ हर हर महादेव


एक भी हिन्दू नहीं बचेगा आने वाले समय मे

एक भी हिन्दू नहीं बचेगा ?????
एक भी हिन्दू नहीं बचेगा आने वाले समय मे
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क्या आप धर्मनिरपेक्ष हैं ? जरा फ़िर सोचिये और स्वयंके लिये इन प्रश्नों के उत्तर खोजिये.....
१. विश्व में लगभग ५२ मुस्लिम देश हैं, एक मुस्लिम देश का नाम बताईये जो हज के लिये "सब्सिडी" देता हो ?
२. एक मुस्लिम देश बताईये जहाँ हिन्दुओं के लिये विशेष कानून हैं, जैसे कि भारत में मुसलमानों के लिये हैं ?
३. किसी एक देश का नाम बताईये, जहाँ ८५% बहुसंख्यकों को "याचना" करनी पडती है, १५% अल्पसंख्यकों को संतुष्ट करने के लिये ?
४. एक मुस्लिम देश का नाम बताईये, जहाँ का राष्ट्रपतिया प्रधानमन्त्री गैर-मुस्लिम हो ?
५. किसी "मुल्ला" या "मौलवी" का नाम बताईये, जिसने आतंकवादियों के खिलाफ़ फ़तवा जारी किया हो ?
६. महाराष्ट्र, बिहार, केरल जैसे हिन्दू बहुल राज्यों में मुस्लिम मुख्यमन्त्री हो चुके हैं, क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि मुस्लिम बहुल राज्य"कश्मीर" में कोई हिन्दू मुख्यमन्त्री हो सकता है ?
७. १९४७ में आजादी के दौरान पाकिस्तान में हिन्दू जनसंख्या 24% थी, अब वह घटकर 1% रह गई है, उसी समय तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (अब आज का अहसानफ़रामोश बांग्लादेश) में हिन्दू जनसंख्या 30% थी जो अब 7% से भी कम हो गई है । क्या हुआ गुमशुदा हिन्दुओं का ? क्या वहाँ (और यहाँ भी) हिन्दुओं के कोई मानवाधिकार हैं ?
८. जबकि इस दौरान भारत में मुस्लिम जनसंख्या 10.4% से बढकर 14.2% हो गई है, क्या वाकई हिन्दू कट्टरवादीहैं ?
९. यदि हिन्दू असहिष्णु हैं तो कैसे हमारे यहाँ मुस्लिम सडकों पर नमाज पढते रहते हैं, लाऊडस्पीकर परदिन भर चिल्लाते रहते हैं कि "अल्लाह के सिवाय और कोई शक्ति नहीं है" ?
१०. सोमनाथ मन्दिर के जीर्णोद्धार के लिये देश के पैसे का दुरुपयोग नहीं होना चाहिये ऐसा गाँधीजी ने कहा था, लेकिन 1948 में ही दिल्ली की मस्जिदों को सरकारी मदद से बनवाने के लिये उन्होंने नेहरू और पटेल पर दबाव बनाया, क्यों ?
११. कश्मीर, नागालैण्ड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय आदि में हिन्दू अल्पसंख्यक हैं, क्या उन्हें कोई विशेष सुविधा मिलती है ?
१२. हज करने के लिये सबसिडी मिलती है, जबकि मानसरोवर और अमरनाथ जाने पर टैक्स देना पड़ता है, क्यों ?
१३. मदरसे और क्रिश्चियन स्कूल अपने-अपने स्कूलों में बाईबल और कुरान पढा सकते हैं, तो फ़िर सरस्वती शिशु मन्दिरों में और बाकी स्कूलों में गीता और रामायण क्यों नहीं पढाई जा सकती ?
१४. गोधरा के बाद मीडिया में जो हंगामा बरपा, वैसा हंगामा कश्मीर के चार लाख हिन्दुओं की मौत और पलायन पर क्यों नहीं होता?
१५. क्या आप मानते हैं - संस्कृत सांप्रदायिक और उर्दू धर्मनिरपेक्ष, मन्दिर साम्प्रदायिक और मस्जिद धर्मनिरपेक्ष.
खींच कर आकाश धरती पर झुका दो साथियों,
चीर सीना पर्वतों का गंगा बहा दो साथियों;
कांप उठे दश दिशायें एक ही हुंकार से,
भींच कर प्राणों को रणसिंघा बजा दो साथियों।
जागो हिन्दू जागो ... वरना एक भी नहीं बचेगा
एक भी हिन्दू नहीं बचेगा ?????
एक भी हिन्दू नहीं बचेगा आने वाले समय मे

Wednesday, April 24, 2013

TET की परीक्षा


 कहा गये सेकुलरो !

उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के लिए अलग से होगी TET की परीक्षा जिसमे गणित और विज्ञानं नहीं होगे जिसे मुसलमान आसानी से पास कर सकेंगे और नौकरी पा सकेंगे हिन्दुओ अब तेल लगाओ बैठ कर
उनकोतो नौकरी मिल जयेगी बिना कुछ किये और तुम केबल मेहनत करते रहना।।




Saturday, April 20, 2013

मौलाना झाकिर नाइक, ओवैसी से भी बड़ा देशद्रोही

मौलाना झाकिर नाइक, ओवैसी से भी बड़ा देशद्रोही उ़गल रहा है जहर !

इसे शेयर करने के लिये पैसे नहीं लगते , 5 सेकंड का समय देकर इसे शेयर करे मित्रों ! लगता है हम हिंदुओ कि धर्मनिरपेक्षता और इन्सानियत देखकर मुसलमानों कि हिम्मत बहुत बढ़ चुकी है ! यह झाकिर नाइक हिंदुओ के नरसंहार कों सही ठहराता है !
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झाकिर ने कहा : “ में मुसलमानों से गुजारिश करता हू कि आप सेक्युलर होने का दिखावा करे और गैर इस्लामी देशो में अपने जनसंख्या विस्फोट से झुग्गिया, महंगाई, जमिन-पानी कि किल्लत, गरीबी, बेरोजगारी कों बढ़ावा देकर उस देश कों कमजोर कर दे । बहुसंख्यक होने के बाद काफिरो के खिलाफ दंगे भड़का कर उनसे इस्लाम कबुल करवाए, नहीं माने तो उनका हलाल करे और बुतखानो (मंदिर) कों तोड़ दे । कश्मीर, उत्तर प्रदेश, असम, प.बंगाल, केरल, हैद्राबाद में हम सफल हो गये । हम किसी भी देश में रहे, उससे हमें कोई लेना देना नहीं । हमारा एकमात्र लक्ष्य है दुनिया के हर इंसान से इस्लाम कबुल करवाना और हर देश में कुरान का शरिया कानून लागु करना । ”

कांग्रेस या दूसरी पार्टिय धर्मनिरपेक्ष कैसे हुई ?


हमे गर्व है इंफोसिस के पूर्व चेयरमैन नारायण मूर्ति पर ..जिन्होंने सेकुलर सुअरों को करारा जबाब दिया ...
उन्होंने कहा की यदि बीजेपी हिन्दुओ के हित की बात करने से साम्प्रदायिक हो जाती है तो फिर मुसलमानों के हित की बात करने वाली कांग्रेस या दूसरी पार्टिय धर्मनिरपेक्ष कैसे हुई ?

उन्होंने मीडिया को भी लताड़ा और कहा की भारत की मीडिया नरेंद्र मोदी के खिलाफ किसी साजिश के तहत अभियान चलती है .. क्या भारत में २००२ में पहले और २००२ के बाद दंगे नही भडके ? फिर मीडिया फिर २००२ को ही बार बार क्यों उछालती रहती है ?

उन्होंने कहा की आसाम दंगो पर कांग्रेस ने अपने मुख्यमंत्री के खिलाफ क्या करवाई की ? कुछ नही ..फिर क्या आसाम के मुख्यमंत्री ने माफ़ी मांगी ? क्या आसाम के मुख्यमंत्री ने दंगो की जिम्मेदारी ली ? नही

फिर वही कांग्रेस और वही मीडिया नरेंद्र मोदी को गुजरात दंगो के लिए जिम्मेदार क्यों ठहरती है ? और उनसे बार बार माफ़ी की मांग क्यों की जाती है ?

साम्प्रदायिकता या सेकुलरिज्म की आड में सिर्फ हिन्दुओ और हिंदूवादीयो को ही क्यों निशाना बनाया जाता है ?

लेकिन भारत की मीडिया का नीचता और दोगलेपन की हद देखिये ...किसी भी मीडिया ने उनके इस लेख के बारे में नही बताया लेकिन अगर यही नारायण मूर्ति मोदी या हिंदुत्व के खिलाफ लिखे होते तो अब तक नीच मीडिया उस कुत्ते की तरह उछ्लती जिसके पिछवाड़े पेट्रोल लगाया गया हो..

Friday, April 19, 2013

जॉर्ज बुश का ह्यूमन राईट का रिकॉर्ड मोदी के तुलना में बहुत ही ख़राब


आज तक पर मधु किश्वर बताती है की उन्होंने बहुत सारे दंगों का अध्यन किया है और जबतक मै हालातो के बारे में खुद से अध्यन न कर लू मै नहीं लिखती। मेरा ध्यान गुजरात दंगो के बारे में तब आया जब तीस्ता जैसे लोगो ने एक अंतरास्त्रीय मुहीम चलाई की नरेन्द्र मोदी को किसी भी देश का वीसा न मिले। मुझे आश्चर्य यह देख कर हुआ की जॉर्ज बुश का ह्यूमन राईट का रिकॉर्ड मोदी के तुलना में बहुत ही ख़राब है दूसरी तरफ मोदी के के बारे में किसी भी महावाधिकार के हनन का रिकॉर्ड कही नहीं है. फिर भी जॉर्ज बुश को सभी देशो में जाने की अनुमति है और मोदी के खिलाफ किसी भी कोर्ट में कोई भी केस नहीं होने के बाद भी यह लोग उन्हें किसी देश में जाने न दिया जाये उसके लिए मुहीम चल रहे थे। यह बात मुझे बहुत गलत लगी। देश की बात आप अमेरिका में जाकर उनकी झोली में आप डालते हो मुझे बिलकुल सही नहीं लगा।

आप बताओ देश में कितने दंगे हुए है कश्मीर, आसाम, मुंबई, हैदराबाद, जमशेदपुर, मेरट न जाने कितने बड़े बड़े दंगे हुए है देश में लेकिन उस समय वह का मुख्या मंत्री कौन तह कोई नहीं जानता। लेकिन गजरत के दंगो के समय मुक्यमंत्री कौन था सभी जानते है। अभी आसाम में दंगा हुआ वह ४ लाख हिन्दुओ विश्थापित हुए क्या किसी को याद भी है उसके बारे में? 1984 में दंगा हुआ उसमे राजीव गाँधी की भूमिका जगजाहिर है उन्होंने आर्मी को नहीं काम करने दिया था। लेकिन उनका कोई विरोध नहीं करता है।

आजतक तीस्ता ने पाकिस्तान या सऊदी अरब के तानाशाह के खिलाफ कोई मुहीम नहीं चलाया। लेकिन यह तीस्ता आये दिन मोदी के पीछे पड़े रहे। फिर अरे गुजरात में ११ साल से दंगे नहीं हुए अरे कुछ तो श्रेय दे दो। अगर कोई कह दे की गुजरात में 24 घंटे बिजली मिलती है तो लोग कहते है की तुम तानाशाह मोदी की समर्थक हो। इतना कहने की भी इजाजत नहीं है। इन लोगो ने इतना इंटेलेक्चुअल टेरर बना दिया की मुझे घुटन होने लगी। फिर मैंने तय किया की अब मै जाकर खुद गुजरात का अध्यन करुँगी। जब मैंने गुजरात का अध्यन किया तो मैंने बिलकुल उलटी बात पाई। यह बताती थी की गुजरात में मुस्लिम घुटे घुटे से रहते है, कुचले कुचले रहते है लेकिन आप वह पर किसी भी मुसलमान से पुछ लोग तो वो कहेंगे की आज़ाद भारत में ११ साल दंगामुक्त साशन उनको मिला है, नौकरी उनकी सुरक्छित है, सही ने कहा की हमारा बहुत विकास हुआ। मुसलमानों को मैंने कहते देखा की हम आरक्छन नहीं चाहते।

फिर जैसे ही मैंने यह बात बताना सुरु किया की गुजरात में तो हालत बिलकुल अलग है। तो सभी लोग मुझ पर टूट पड़े। उसके बाद SIT की रिपोर्ट आई, उस रिपोर्ट में यह कहा गया है की मोदी की भूमिका नेगेटिव होने के बजाये मोदी ने वो सब कुछ किया जो आज तक किसी भी मुक्य मंत्री ने दंगे के समय नहीं किया था। पहले ही दिन २७ से वो शांति के लिए लोगो को जोरते रहे, 20 घंटे के अन्दर आर्मी आ गई, रक्छा मंत्री खुद देखते है आर्मी की तैनाती को। फिर नरेन्द्र मोदी ने महारास्त्र, मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों को चिट्ठिया लिखी की हमें अतिरिक्त सुरक्छा बल दिया जाये और यह सारे कांग्रेसी राज्यों ने पुलिस बल देने से इनकार कर दिया।

मै आज तक नरेन्द्र मोदी से मिली भी नहीं हु, मै उनके काम को जनता के दृष्टी से देखना चाहती हु। मै खुद देखती हु की वो अपने भाषणों में कुछ और कहते है और मीडिया किस तरह से उसे विकृत करके पेश करती है। तीस्ता सैताल्वाद किस तरह से कोर्ट के प्रक्रिया को खीचे जा रही रही है, किसी भी मुद्दे को ख़त्म नहीं होने देती है, एक ही आरोप को बार बार लाती है। SIT पर जो तीस्ता ने जो आरोप लगाये उसकी जांच होने चाहिए। देश की मीडिया और न्यायपालिका के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ है और भगवन के लिए SIT के रिपोर्ट को पढ़े। लेकिन इन लोगो ने इंटेलेक्चुअल दहसत इस तरह की बना दी है की किसी की हिम्मत नहीं है इनके खिलाफ कुछ बोलने की।

http://www.youtube.com/watch?v=YJudO8FjPj4
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Thursday, April 18, 2013

U P के मुल्ला - यम

हमारे U P के मुल्ला - यम के बारे में क्या कहा जाये ... उनके दो सहरानियें काम सामने आये हैं
एक तो सालों से चली आ रहे "राम लल्ला " की राम नवमी की पूजा पे रोक लगाने का काम दूसरा मुस्लिम आतंकियों को अदालत से रहत दिलाने का काम और उनकी सब से बड़ी उपलब्धि पर भी एक नज़र डालिये, जब 1990 में उसने राम भक्त कार सेवकों पे बिना चेतावनी दिए गोलियां चलवा दी थीं, हजारों कार सेवकों को मार दिया गया , साधू संतों और महिलाओं को भी नहीं बक्शा गया और उनके शरीर को मिट्टी के बोरो के साथ बंद कर सरयू नदी में फैंक दिया गया ताकि लाशें ऊपर ना आ सकें.

Tuesday, April 16, 2013

सबसे भयानक दंगे 1969 में अहमदाबाद (गुजरात) में हुए थे

● 1-भारत की आज़ादी के बाद के इतिहास में सबसे भयानक दंगे 1969 में अहमदाबाद (गुजरात) में हुए थे जिसमें 5000 मुसलमान मारे गए थे। उस वक़्त गुजरातके मुख्यमंत्री काँग्रेस के"हितेन्द्र भाई देसाई"थे और भारत की प्रधानमंत्री इन्दिरा G..........

● 2- इसके बाद दूसरा बड़ा दंगा 1985 में गुजरात में हुआ जिसके बाद अन्य छोटे छोटे दंगे हुए जो महीनों तक चले, तब गुजरात के मुख्यमंत्री काँग्रेस के'माधव जी सोलंकी'थे और भारत के प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे। .......
● 3-1987 में गुजरात में फिर दंगे हुए और तब भी गुजरात के मुख्यमंत्री काँग्रेस के'अमर सिंह चौधरी'थे।

● 4- इसके बाद 1990 में फिर से गुजरात दंगों की आग में दहक उठा। उस समय भी गुजरात के मुख्यमंत्री काँग्रेस के'चिमन भाई पटेल'थे।

● 5. और आखिर में 1992 में हुए दंगों के समय भी गुजरात के मुख्यमंत्री काँग्रेस के'छिमा भाई पटेल'ही थे।

● गुजरात के इतिहास के सैकड़ों दंगों में से इन 5 बड़े दंगों के लिए हमारे"बुद्धिजीवी"किसे जिम्मेदार मानेंगे ?? और याद रखिए गुजरात में 2002 के बाद से अमन और शांति कायम है.....

All Because of Chief Minister NAREDRA MODI...

Narendra Modi : For me, Secularism means putting India First -

Saturday, April 13, 2013

मोलाना अब्दुल कलाम आजाद पहले शिक्षा मंत्री


मोलाना अब्दुल कलाम आजाद पहले शिक्षा मंत्री भी रहे है जिसके कारन आज भी किताबो मैं अकबर, ओरेंग्जेब, टीपू सुल्तान, शहाजाह, मोहम्मद गौरी, तुगलक आदि मुग़ल बादशाह-
(जिन्होंने लाखो करोड़ो हिन्दूओ को कतल किया ,लाखो अबलाओ की इजत लूटी और हमारे बड़े बड़े मंदिरों को तोड़ कर वह अपने रिश्तेदारों के शवो को दफनाया और उनको मस्जिद बना दिया और आज वही हमारे सेकुलर हिन्दू जाने अनजाने चद्दर चडाने जाते है)-
को महान शासक और इस भारत देश को सभ्य और संस्कृती देने वाला पढाया जाता है।

इस अब्दुल कलाम और नेहरु की किताब "भारत एक खोज" के अनुसार मुग़ल राज से पहले भारत एक जंगली देश था जहा लोगो के पास न ढंग के घर थे न रहना आता था न खाना और आपस मैं लड़ते मरते थे पर मुग़ल शासको ने आकर इनको संस्कृती और रहने खाने का तरीका सिखाया और जंगली से इन्सान बनाया और इनके कामो को कुछ हिन्दू आतंक वादियों ने ख़राब किया और वो हिन्दू आतंकवादी थे पृथ्वी राज चौहान, शिवाजी, महाराणा प्रताप, गुरु गोबिंद सिंह आदि जो इस देश का विकास नहीं होने देना चाहते थे और लोगो को अपनी बातो में बहका के मुगलों के प्रति षड्यंत्र रचते थे |

आज कल उनके(मौलाना .आजाद के) पोते भी हिन्दुओ से सबसे ज्यादा नफरत करते है जिन्होंने लव जिहाद के द्वारा 2 हिन्दू लडकियों की जिंदगी ख़राब की और सत्यमेव जयते नाम के सीरियल के द्वारा हिन्दू रीती रिवाजो पर जबरदस्ती की गन्दगी थोपी पर इनको इस्लाम की एक भी गन्दगी जैसे बुर्का, मुता निकाह(1 घंटे की शादी), 9 साल की लड़की की शादी, ओरतो के genital पार्ट्स को काट कर उनको शारीरिक सुख से विहीन करना और हलाला(जहा तलाक देने के बाद ओरत को वापिस पुराने पति से निकाह करने के लिए किसी और से सेक्स करना जरूरी है), सेक्टिस्म जहा 100 से ज्यादा सेक्ट एक दुसरे की जान के दुश्मन है और सेकड़ो जात पात मैं बिखरा हुआ है, पोलियो की दवा पिलाना इस्लाम के विरुद्ध है , आदि कुछ नहीं दीखता।
मोलाना अब्दुल कलाम आजाद पहले शिक्षा मंत्री भी रहे है जिसके कारन आज भी किताबो मैं अकबर, ओरेंग्जेब, टीपू सुल्तान, शहाजाह, मोहम्मद गौरी, तुगलक आदि मुग़ल बादशाह-
(जिन्होंने लाखो करोड़ो हिन्दूओ को कतल किया ,लाखो अबलाओ की इजत लूटी और हमारे बड़े बड़े मंदिरों को तोड़ कर वह अपने रिश्तेदारों के शवो को दफनाया और उनको मस्जिद बना दिया और आज वही हमारे सेकुलर हिन्दू जाने अनजाने चद्दर चडाने जाते है)-
को महान शासक और इस भारत देश को सभ्य और संस्कृती देने वाला पढाया जाता है।

इस अब्दुल कलाम और नेहरु की किताब "भारत एक खोज" के अनुसार मुग़ल राज से पहले भारत एक जंगली देश था जहा लोगो के पास न ढंग के घर थे न रहना आता था न खाना और आपस मैं लड़ते मरते थे पर मुग़ल शासको ने आकर इनको संस्कृती और रहने खाने का तरीका सिखाया और जंगली से इन्सान बनाया और इनके कामो को कुछ हिन्दू आतंक वादियों ने ख़राब किया और वो हिन्दू आतंकवादी थे पृथ्वी राज चौहान, शिवाजी, महाराणा प्रताप, गुरु गोबिंद सिंह आदि जो इस देश का विकास नहीं होने देना चाहते थे और लोगो को अपनी बातो में बहका के मुगलों के प्रति षड्यंत्र रचते थे | 

आज कल उनके(मौलाना .आजाद के) पोते भी हिन्दुओ से सबसे ज्यादा नफरत करते है जिन्होंने लव जिहाद के द्वारा 2 हिन्दू लडकियों की जिंदगी ख़राब की और सत्यमेव जयते नाम के सीरियल के द्वारा हिन्दू रीती रिवाजो पर जबरदस्ती की गन्दगी थोपी पर इनको इस्लाम की एक भी गन्दगी जैसे बुर्का, मुता निकाह(1 घंटे की शादी), 9 साल की लड़की की शादी, ओरतो के genital पार्ट्स को काट कर उनको शारीरिक सुख से विहीन करना और हलाला(जहा तलाक देने के बाद ओरत को वापिस पुराने पति से निकाह करने के लिए किसी और से सेक्स करना जरूरी है), सेक्टिस्म जहा 100 से ज्यादा सेक्ट एक दुसरे की जान के दुश्मन है और सेकड़ो जात पात मैं बिखरा हुआ है, पोलियो की दवा पिलाना इस्लाम के विरुद्ध है , आदि कुछ नहीं दीखता।

Friday, April 12, 2013

हज का सच


ये है कारण की क्यो मुस्लिम समुदाय के
लोग अधिकतर कांग्रेस के वोट बैक है हज
सब्सिडी का सच
सत्ता की मलाई चाटते रहने के लिये और अपने
वोट बैक को सुरक्षित रखने के लिये यूपीए
सरकार मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति अपनाये
हुये है,
इसके लिये खुले आम संविधान की धज्जियां उड़ाई
जाती है और उच्चतम न्यायालय के
आदेशो का पालन भी नही किया जाता ।
पंथनिरपेक्ष शासन में सरकार का यह
उत्तरदायित्व नहीं बनता कि वह पक्षपात
करते हुये समुदाय विशेष के नागरिकों को उनके
धार्मिक कर्मकांड अथवा परंपरा को पूरा करने
के लिए आर्थिक सहायता दे।
सरकार कर्मकांड के लिए सुविधाएं जैसे कानून
व्यवस्था कायम रखने, लोगों को जनसुविधाएं
उपलब्ध कराने और यातायात के लिए सड़क
आदि बनाने में तो सार्वजनिक धन का इस्तेमाल
कर सकती है, लेकिन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष
तरीके से कर्मकांड के लिए उस धन का इस्तेमाल
नहीं कर सकती।
आइये देखते है सरकार किस तरह आम
जनता द्वारा दिये टैक्स का दुरुपयोग कर
रही है ।
हज सब्सिडी के सदर्भ में उच्चतम न्यायालय ने
8मई 2012 को सरकार ने आदेश दिये की
1 हज सब्सिडी को बंद किया जाये और उच्चतम
न्यायालय ने इसके लिये दस वर्ष की समय
सीमा निधरित कर दी ।
2 प्रधानमंत्री के सद्भभावना शिष्टमंडल में
प्रतिनिधियों की संख्या में कमी करने
का भी निर्देश सरकार को दिया ।
3 15अप्रेल 2012 को आदेश दिया की हज
सब्सिडी पाच वर्ष मे एक बार के स्थान पर
जीवन मे एक बार दी जाये ।
अब देखते है कैसे काग्रेस सरकार सविंधान के
पथनिरपेक्षता के सिद्धान्त
की धज्जियां उड़ाती है।
=======================
पहले बात इस वर्ष की इस वर्ष कुल 5लाख हज
आवेदन मे से 1 लाख 45 हजार लोगो को सरकार
ने हज की अनुमति दी है जो
पिछले वर्ष से 25 हजार अधिक है । गत वर्ष
1लाख 20 हजार हाजी सरकारी सब्सिडी पर
हज पर गये थे ।
गत वर्ष 900 करोड़ रुपये हज सब्सिडी पर खर्च
हुये ।
कुछ दिनो पहले दिल्ली में हज कमेटी के साथ एक
बैठक में विदेश मत्री एस एम कृष्णा ने कहा कि
रुपये के अवमूल्यन , ईधन की कीमतो मे वृद्धि के
कारण इस वर्ष प्रत्येक हाजी पर 30-35हजार
का अधिक खर्चा होगा।
और इस वर्ष हज सब्सिडी पर खर्च की रकम
का आकड़ा लगभग 1500 करोड़ पहुचेगा , इसे
सरकार वहन करेगी ।
मतलब उच्चतम न्यायालय के 8मई2012 को दिये
आदेशो अवमानना ,
10वर्ष मे कम करते हुये खत्म करने के आदेश दिये
लेकिन सब्सिडी कम करने के स्थान पर बढाई
जा रही है ।
आपको जानकर हैरत होगी की सरकार ने पिछले
पांच साल में 3750करोड़ रुपये हज सब्सिडी पर
खर्च किये है ।
सद्भभावना शिष्टमण्डल के नाम पर मुस्लिम
नेताओ की जनता के पैसे पर विदेश
यात्रा की मौज
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भारत सरकार सऊदी अरब हर वर्ष 30
लोगों तक का शिष्टमंडल अपनी तरफ से हज
यात्रा पर भेजती है ।
जबकि उच्चतम न्यायालय ने इस पर रोक लगाते
हुये कहा था इसके लिये दो सदस्य पर्याप्त है ।
गत वर्ष नवम्बर में राज्यसभा के उप
सभापति के. रहमान खान 3 दर्जन से अधिक
मुस्लिम नेताओ का सद्भावना मंडल लेकर गये
साथ ही डाक्टरो, मेडिकल सहायको का एक
बड़ा दल भी गया , इस पर कुल 200 करोड़ खर्च
हुये ।
इस वर्ष इसी तरह के सद्भावना दल पर
300करोड़ खर्च होने का अनुमान है ।
अति विशिष्ट कोटे से हर साल
1100काग्रेसी कार्यकर्ता और
नेता सरकारी सब्सिडी पर हज करते है ।
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हज कमेटी मे सरकारी दखल और कमीशन
खोरी भ्रष्टाचार का आलम यह है
की कुर्रा( लाटरी) निकालने से पहले ही अवैध
रुप से सरकारी कारिन्दो के नाम तय हो जाते
है ,
सरकार को लथेड़ते हुये उच्चतम न्यायालय ने
8मई 2012 वी आई पी कोटे की 800सीटे
प्राइवेट टूर वालो के कोटे को देने के आदेश दिये
इस वर्ष हज कमेटी ,सऊदी सरकार की मदद से
हज यात्रियो को मुफ्त सिम बांटेगी जिसमें हज
कमेटी के अधिकारियो के , अस्पताल व अन्य
आपातकालीन सुविधाओ के नम्बर रहेगे ताकि हज
यात्रियों को अरब मे असुविधा ना हो ।
हालाकि इसके लिये भारत सरकार कोई खर्च
नही करने वाली है । यह सिम केवल उन्हे
दी जायेगी जो सरकारी हज कमेटी के माध्यम से
हज करने वाले है ।
जानिये कैसे दी जाती है हज सब्सिडी
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सरकार प्रत्येक हज यात्री से मात्र 16हजार
रुपये लेती है बाकि खर्च सरकार देती है ।
सब्सिडी नकद नही दी जाती इसे
सब्सिडी का बड़ा हिस्सा हवाई कंपनियों और
खासतौर से सरकारी विमानन कंपनी एयर
इंडिया को बड़े पैमाने पर
हजयात्रियों को जेद्दा ले जाने और वापस लाने
के लिए किराये में राहत के रूप में
दिया जाता है।
सरकारी विमानन कंपनी के घाटे और
पायलटो को वेतन ना मिलने का ये भी एक
कारण है
क्योकी सरकार एयर इण्डिया को भी नकद
भुगतान नही करती बल्कि ईधन के बाण्ड
जारी किये जाते है ।
भारत में 26शहरो से हज यात्रा के लिये विमान
उड़ान भरते है।
इस वर्ष 1500करोड़ रुपये एयर
इण्डिया को भुगतान किये जायेगे।
कैसे हुई शुरुआत हज सब्सिडी की :
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आजादी के बाद 1952 तक मुम्बई की मुगल
शिपिंग कम्पनी के जहाजो से लगभग सात हजार
लोग ही हज पर जाते थे , इसके बाद तब
यात्रियो के बढते दबाव और तस्करी और मानव
व्यापार की बढती घटनाओ के कारण सरकार ने
मुगल शिपिंग कम्पनी का अधिग्रहण कर
लिया । इसके बाद सरकार ही हज
यात्रियों की व्यवस्था करने लगी ।
पानी के जहाज़ से की जाने वाली हज
यात्रा की लागत लगातार महंगी होते जाने के
बाद जब सरकार ने इसका किराया बढ़ाने
का प्रस्ताव किया तो मुस्लिम समाज ने
इसका जमकर इस आधार पर विरोध
किया कि ऐसा करने से उनका एक धार्मिक
कर्तव्य पूरा होना कठिन होता जायेगा।
चूंकि हज यात्रियों के अलावा बाकी लोगों ने
हवाई यात्रा का विकल्प उपलब्ध होने के
कारण जलयात्रा को थकाऊ और लंबा समय लगने
से लगभग छोड़ दिया था,
इसलिये 1954में काग्रेस सरकार ने मुस्लिम
समाज के सामने यह विकल्प रखा कि
वह अगर जलयात्रा की जगह हवाई
यात्रा करने को राज़ी हो जाये तो ऐसा करने
से दोनों के यात्रा व्यय में जो अंतर
आयेगा उसकी पूर्ति सब्सिडी के रूप में सरकार
कर देगी।
नेहरु सरकार द्वारा शुरु की गई इस मुस्लिम
तुष्टीकरण की नीति को किसी भी सरकार ने
खत्म नही किया । सभी वोट बैक
की राजनीति में लगे रहे हज सब्सिडी को बद
करने के लिये
वाजपेयी सरकार के समय ससदीय कमेटी ने
सिफारिश की थी लेकिन बंद नही कर पाये ,
उसके बाद 2004 मे काग्रेस गठबधन की सरकार
आने के बाद मामला ठडे बस्ते मे डाल
दिया गया।
हज सब्सिडी पर सवाल
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विश्व भर में भारत ही ऐसा देश जो हज पर
सब्सिडी देता है , मक्का मदिना में सबसे
ज्यादा भारतीय मुस्लिम हज पर जाते है ।
काग्रेसी सरकार द्वारा शुरु की गई हज
सब्सिडी समाज मे वैमनस्य बढाती है ,
समुदायो मे झगड़े होते है । क्योकि पक्षपात
होता है तो अन्य धर्म के लोगो का रोष
आना स्वाभाविक है ।
आखिर इस देश का हर नागरिक टैक्स देता है
फिर केवल मुस्लिमो को ही अपने धार्मिक
कर्मकाण्ड के लिये सरकार सब्सिडी देती है
सरकार क्यो नही –
हिन्दुओ को अमरनाथ यात्रा, कैलाश
मानसरोवर के लिये सब्सिडी देती है ?
ईसाइयो को येरुशलम जाने के लिये
क्यो नही सरकार सब्सिडी देती है ?
सिखो को पाकिस्तान मे स्थित गुरुद्वारो के
लिये सरकारी सहायता क्यो नही मिलती ?
ये सब ये साबित करता है कि इस देश में सरकार
खुद संविधान का उल्लघंन कर रही है और इसके
लिये न्यायपालिका से भी झूठ बोला जाता है ।
आंकड़े छुपाये जाते है अवमानना की जाती है ।
अगर समाज में इस पक्षपात को लेकर धार्मिक
संगठन और राजनैतिक कार्यकर्ता आपस मे भिड़ते
है
समाज में तनाव फैलता है तो इसके लिये यूपीए
सरकार खुद दोषी है ।

(लक्ष्य २०१४ मोदी (Namo)

Thursday, April 11, 2013

नोवाखली में मारे गए बदनसीब हिन्दु



गुजरात के दंगो पर मोदी को कोसने वाले सेकुलरों यह दृश्य देख लो ,यह लाशें देश के विभाजन के समय नोवाखली में मारे गए उन बदनसीब हिन्दुओं की हैं जिन्होंने महात्मा गाँधी जैसे सेकुलरों पर भरोसा किया था.इन्हें इस तरह काटा गया की कोई लाश उठाने वाला तक नहीं बचा.चील कौवे इन्हें नोच- नोच कर खा गए.मोदी जैसे नेता न हों आज भी दंगों में हिन्दुओं का यही हाल हो.

गाँधी के कारण ही नोआखोली व मालाबार मे हिन्दुओँ का भयँकर नरसँहार हुआ था । मोपला पढेँ । तब सब समझ आजायेगा ।

महात्मा गाँधी ने “खिलाफत आन्दोलन” का समर्थन करके इस्लामी उग्रवाद को पनपाने का काम नहीं किया था ?

प्रथम विश्व युद्ध मैं जब स्थिति बदली तो तुर्की अंग्रेजों के विरुद्ध और जर्मनी के पछ मैं हो गया | विश्व युद्ध मैं जर्मनी की पराजय के पश्चात अंग्रेजों ने तुर्की को मजा चखने के लिए तुर्की को विघटित कर दिया | अंग्रेज तुर्की के खलीफा के विरोद मैं सामने आ गए | मुसलमान खलीफा को अपना नेता मानते थे | उनमे अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह की लहर दौड़ गई |

भारत के मुस्लिम नेताओं ने इस मामले को लेकर अंग्रेजों के विरुद्ध सन १९२१ मैं “खिलाफत आन्दोलन” शुरू किया | मुस्लिम नेताओं तथा भारतीय मुसलमानों को खुश करने के लिए गाँधी जी ने मोतीलाल नेहरु के सुझाव पर कांग्रेस की ओर से खिलाफत आन्दोलन के समर्थन की घोषणा की | श्री विपिन चन्द्र पाल, डा. एनी बेसेंट, सी. ऍफ़ अन्द्रूज आदि नेताओं ने कांग्रेस की बैठक मैं खिलाफत के समर्थन का विरोध किया , किन्तु इस प्रश्न पर हुए मतदान मैं गाँधी जीत गए | गाँधी जी खिलाफत आन्दोलन के खलीफा ही बन गए | मुसलमानों व कांग्रेस ने जगह जगह प्रदर्शन किये | ‘अल्लाह हो अकबर’ जैसे नारे लगाकर मुस्लिमो की भावनाएं भड़काई गयी| महामना मदनमोहन मालवीय जी तहत कुछ एनी नेताओं ने चेतावनी दी की खिलाफत आन्दोलन की आड़ मैं मुस्लिम भावनाएं भड़काकर भविष्य के लिए खतरा पैदा किया जा रहा है किन्तु गांधीजी ने कहा ‘ मैं मुसलमान भाईओं के इस आन्दोलन को स्वराज से भी ज्यादा महत्वा देता हूँ ‘भले ही भारतीय मुसलमान खिलाफत आन्दोलन करने के वावजूद अंगेजों का बाल बांका नहीं कर पाए किन्तु उन्होंने पुरे भारत मैं मृतप्राय मुस्लिम कट्टरपंथ को जहरीले सर्प की तरह जिन्दा कर डाला आन्दोलन की की असफलता से चिढ़े मुसलमानों ने पुरे देश मैं दंगे करने शुरू कर दिए

 मालावार छेत्र मैं मुस्लिम मोपलाओं ने वहां के हिन्दुओं पे जो अत्याचार ढाए, उनकी जिस बर्बरता से हत्या की उसे पढ़कर हरदे दहल जाता है | हिन्दू महासभा के नेता स्वातंत्रवीर सावरकर जी ने आगे चलकर मालावार छेत्र का भर्मद कर वहां के अत्याचारों व हत्याकांड की प्रस्थ्भूमि पर ‘मोपला’ नामक उपन्यास लिखा था |
खिलाफा आन्दोलन का समर्थ कर गाँधी जी तथा कांग्रेस ने मुस्लिम कट्टरवाद तथा अलगावबाद को बढ़ावा दिया था | मोपलाओं द्वारा हिन्दुओं की निर्संस हत्या का जब आर्य समाज तथा हिन्दू महासभा ने विरोध किया तब भी गाँधी जी मोपलाओं को ‘शांति का दूत’ बताने से नहीं चुके |

महात्मा गाँधी कांग्रेसी मुसलमानों को तुष्ट करने के लिए मोपला विद्रोह को अग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह बताकर आततायिओं को स्वाधीनता सेनानी सिद्ध करने का प्रयास कर रहे थे जबकि मोपला मैं लाखों हिदों की न्रिशंश हत्या की गयी और २०, ००० हिन्दुओं को धर्मान्तरित कर मुस्लिम बनाया गया.मोपलाओं द्वारा किये गए जघन्य अत्याचारों पर डा. बाबा साहेब अम्बेडकर ने अपनी पुस्तक ‘भारत का बिभाजन ‘ के प्रष्ठ १८७ पर गाँधी जी पर प्रहार करते हुए लिखा था :
‘गाँधी जी हिंसा की प्रत्येक घटना की निंदा करने मैं चुकते नहीं थे किन्तु गाँधी जी ने ऐसी हत्याओं का कभी विरोध नहीं किया | उन्होंने चुप्पी साढ़े राखी | ऐसी मानसिकता का केवल इस तर्क पर ही विश्लेषित की जा सकती है की गाँधी जी हिन्दू- मुस्लिम एकता के लिए व्यग्र थे और इस उद्देश्य की पूर्ती के लिए कुछ हिन्दुओं की हत्या से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता था 

 .इस दौरान तलवार के दम पर हजारो हिन्दुओं को मुस्लमान बनाया गया.यह देश का दुर्भाग्य रहा है की कांग्रेस ने इस्लामी आतंकवाद के विरुद्ध एक भी शब्द नहीं बोला | जब आर्य समाज, हिन्दू महासभा और अन्य हिन्दू संगठनो ने हिन्दुओं की स्वधर्म वापसी के लिए शुद्धिकरण . अभियान चलाया तो यह लोग कट्टरपंथियों की नजरों मैं काँटा बन गए| स्वामी श्रद्धानंद जी शिक्षाविद तथा आर्य प्रचारक के साथ साथ कांग्रेस के नेता भी थे | वह कांग्रेस कार्यकारिणी के सदस्य भी थे | स्वामी जी ने और लाला लाजपत राय ने यह महसूस किया की अगर मुस्लिमो और इसाईओं को हिन्दुओं के निर्बाध धर्मान्तरण की छूट मिलती रही तो यह हिंदुस्तान की एकता के लिए भारी खतरा सिद्ध होगा | स्वामी श्रद्धानंद जी , लाला लाजपत राय जी और महात्मा हंसराज जी ने धरम परिवर्तन करने वाले हिन्दुओं को पुन: वैदिक धरम मैं वापस करने का अभियान शुरू किया |

कांग्रेस के मुस्लिम नेताओं ने इनके द्वारा चलाये जा रहे शुद्धि आन्दोलन का विरोध शुरू कर दिया | कहा गया की यह आन्दोलन हिन्दू मुस्लिम एकता को कमजोर कर रहा है . गाँधी जी के निर्देश पर कांग्रेस ने स्वामी जी को आदेश दिया की वे इस अभियान मैं भाग न लें | स्वामी जीने उत्तर दिया, ‘मुस्लिम मौलवी’ हिन्दुओं के धरमांतरण का अभियान तबलीग चला रहे हैं ! क्या कांग्रेस उसे भी बंद कराने का प्रयास करेगी ? कांग्रेस मुस्लिमों को तुष्ट करने के लिए शुद्धि अभियान का विरोध करती रही लेकिन गांधीजी और कांग्रेस ने ‘तबलीग अभियान ‘ के विरुद्ध एक भी शब्द नहीं कहा | स्वामी श्रधानंद जी ने कांग्रेस से सम्बन्ध तोड़ लिया |स्वामी श्रधानंद जी शुद्धि अभियान मैं पुरे जोर शोर से सक्रिय हो गए | हजारों धर्मान्तरित मुसलमानों को वैदिक (हिन्दू) धर्म मैं दीक्षित किया गया | उन्मादी मुसलमान शुद्धि अभियान को सहन नहीं कर पाए | पहले तो उन्हें धमकियां दी गयीं, अंत मैं २२ दिसम्बर १९२६ को दिल्ली मैं अब्दुल रशीद नामक एक मजहबी उन्मादी ने उनकी गोली मारकर हत्या कर डाली |

स्वामी श्रद्धानंद जी की इस निर्मम हत्या ने सारे देश को व्यथित कर डाला परन्तु गाँधी जी ने यंग इंडिया मैं लिखा , ” मैं भैया अब्दुल रशीद नामक मुसलमान, जिसने श्रद्धानंद की हत्या की है , का पक्ष लेकर कहना चाहता हूँ , की इस हत्या का दोष हमारा है | अब्दुल रशीद जिस धर्मोन्माद से पीड़ित था, उसका उत्तरदायित्व हम लोगों पर है | देशाग्नी भड़काने के लिए केबल मुसलमान ही नहीं, हिन्दू भी दोषी हैं | ”स्वातंत्रवीर सावरकर जी ने उन्हीं दिनों २० जनवरी १९२७ के ‘श्रधानंद’ के अंक मैं अपने लेख मैं गाँधी जी द्वारा हत्यारे अब्दुल रशीद की तरफदारी की कड़ी आलोचना करते हुए लिखा – गाँधी जी ने अपने को , ‘महात्मा’ तथा निस्पछ सिद्ध करने के लिए एक मजहवी उन्मादी हत्यारे के प्रति सुहानुभूति व्यक्त की है | मालाबार के मोपला हत्यारों के प्रति वे पहले ही ऐसी सुहानुभूति दिखा चुके हैं |

गाँधी जी ने स्वयं ‘हरिजन’ तथा अन्य पत्रों मैं लेख लिखकर स्वामी श्रधानंद जी तथा आर्य समाज के ‘शुधि आन्दोलन ” की कड़ी निंदा की | दूसरी ओर जगह जगह हिन्दुओं के बलात धरमांतरण के विरुद्ध उन्होंने एक भी शब्द कहने का साहस नहीं दिखाया |

गाँधी तो वास्तव मे बहुत दुष्ट , झूठा , दोगला व मुँह मे राम बगल मे छुरी रखने वाला था ।

धर्मपरिवर्तन और इस्लाम की नीति !

धर्मपरिवर्तन और इस्लाम की नीति !

इन दिनों एक टी वी चैनल पर जाकिर नायक नाम का मुस्लिम गुरु इस्लाम पर खूब लच्छेदार प्रवचन दे रहा है उसके द्वारा इस्लाम को सबसे बेहतर धर्म बताया जाता है.लोगों को इस्लाम क़ुबूल करने के लिए प्रेरित किया जाता है .जाकिर नायक जैसे लोग हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन कराने के लिए इस्लाम का सिर्फ एक ही पक्ष पेश करते है .और दूसरे पक्ष को छुपा लेते हैं और भोलेभाले लोग इस्लाम को ठीक से जाने बिना अपना धर्म छोड़कर मुसलमान बन जाते हैं और पछताते हैं क्योंकि इन लोगों को इस्लाम की दोहरी नीति के बारे में पता नहीं होता है यह लोग कहते हैं कि इस्लाम में जबरदस्ती नहीं है और हर एक को अपनी पसंद का धर्म बदलने का अधिकार है यह बातें सिर्फ हिन्दुओं और गैर मुस्लिमों को रिझाने के लिए कही जाती हैं ताकि वह इस्लाम के जाल में फंस जाएँ .

हम भाग्यशाली है कि हमारा जन्म भारत में हुआ है जहां इस्लामी हुकूमत नहीं है और वह लोग सौभाग्यशाली है जो अभी तक सेकुलरवाद और इस्लाम के प्रभाव से बचे हुए हैं और वह लोग तारीफ़ करने के योग्य हैं जो निडर होकर इस्लामी विचारों विरोध करते हैं और जिनकी किस्मत फूट जाती है वह जाने अनजाने इस्लाम की खाई में गिर जाते है जहाँ से निकलना संभव नहीं है क्योकि इस्लाम में गिर तो सकते हैं लेकिन बहार नहीं निकल सकते इस्लाम दुसरे धर्म के लोगों को अपना धर्म छोड़ने की अनुमति तो देता है लेकिन फिर से अपने धर्म में आने या अपनी पसंद के किसी और धर्म में जाने की इजाजत नहीं देता है. इस्लाम छोड़कर वापस अपने धर्म में आने को इस्लाम में "इरतदादارتداد" Apostasy या धर्म भ्रष्टता कहा जाता है और ऐसा करने वाले को "मुरतदمُرتد" कहा जाता है कुरान में ऐसे व्यक्ति के लिए कठोर सजा का प्रावधान है.

जैसे -
१) "अगर तुमने ईमान लाने के बाद इरतदाद किया तो हम तुम्हें कठोर यातनाएं देंगे "सूरा -तौबा 9 :66
२) "लोग चाहते हैं कि तुम फिर से उन्ही की तरह वैसे ही काफ़िर हो जाओ जैसे वह खुद है तो ऐसे लोग जहाँ मिलें उन्हें पकड़ो और उनका वध कर दो और कोई उनकी सहायता नहीं करे "सूरा -निसा 4 :89 
३) "क्योंकि जिसने रसूल का आदेश माना समझ लो उसने अल्लाह का आदेश मान लिया "सूरा -निसा 4 :80 

वैसे तो मुसलमानों के कई फिरके हैं लेकिन सबके विचार एक जैसे ही है सभी जहरीले और घातक है ऊनके बारे में फिर कभी दिया जायेगा इस लेख में शिया लोगों के विचार दिए जा रहे है शिया लोगों की मुख्य हदीस "अल काफी الكافي"है जिसका संकलन "अबू जाफर मुहम्मद बिन याकूब कुल्यानी अल राजी "ने किया था .इसकी मौत सन 939 में हुई थी इसकी हदीस के संकलन की किताब का नाम "मिरातुल उकूल"مراة اكعقول कहा जाता है इसी किताब में इस्लाम छोड़कर वापस अपने धर्म में आने जैसे अपराधों के लिए जो सजाएँ बताई है उनका कुछ नमूना दिया जा रहा है इस से आपको इस्लाम की उदारता का पता चल जायेगा.

१) मर्दों के लिए इस्लाम त्यागने की सजा 
"मुहम्मद बिन मुस्लिम ने कहा की मैंने अबू जाफर से "मुर्तद" ( इस्लाम त्यागने वाला ) के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा जो भी इस्लाम से हट जाये और उस बात पर अविश्वास करे जो अल्लाह ने रसूल पर नाजिल की है तो ऐसे व्यक्ति के लिए पश्चाताप के लिए कोई रास्ता नहीं है उसे क़त्ल करना अनिवार्य है और उसकी पत्नी की किसी मुसलमान से शादी करा देना चाहिए और उसकी विरासत की संपत्ति और बच्चे मुसलमानों में बाँट देना चाहिए " Punishment for a Male Apostate 
عَلِيُّ بْنُ إِبْرَاهِيمَ عَنْ أَبِيهِ وَ عِدَّةٌ مِنْ أَصْحَابِنَا عَنْ سَهْلِ بْنِ زِيَادٍ جَمِيعاً عَنِ ابْنِ مَحْبُوبٍ عَنِ الْعَلَاءِ بْنِ رَزِينٍ عَنْ مُحَمَّدِ بْنِ مُسْلِمٍ قَالَ سَأَلْتُ أَبَا جَعْفَرٍ ع عَنِ الْمُرْتَدِّ فَقَالَ مَنْ رَغِبَ عَنِ الْإِسْلَامِ وَ كَفَرَ بِمَا أَنْزَلَ اللَّهُ عَلَى مُحَمَّدٍ ص بَعْدَ إِسْلَامِهِ فَلَا تَوْبَةَ لَهُ وَ قَدْ وَجَبَ قَتْلُهُ وَ بَانَتْ مِنْهُ امْرَأَتُهُ وَ يُقْسَمُ مَا تَرَكَ عَلَى وُلْدِهِ "

From Muhammad bin Muslim said: That I said Abu Ja`far about the apostate (murtad). So he said: “Whoever turns away from Islaam, and disbelieves in what Allaah has revealed to the Prophet after being a Muslim, there is no repentance for him, and it is waajib (obligatory) to kill him, and his wife becomes a wife of a believer muslim and his legacy and children should be sold and divided among the muslims "
Al-Kulayni, Al-Kaafi, vol. 7, pg. 256, hadeeth # 1 Mir’aat Al-`Uqool, vol. 23, pg. 396 

२) ईसाई धर्म अपनाने की सजा 
"अली बिन जाफर से उसके भाई अबी अल हसन कहा कि एक मुसलमान ईसाई बन गया है तो हसन ने कहा उसे क़त्ल कर देना चाहिए फिर अली ने पूछा कि अगर कोई इसाई मुसलमान हो जाये और फिर से ईसाई हो जाये तो काया करना चाहिए हसन ने कहा पहले तो उस से तौबा करने को कहो अगर नहीं माने तो उसे क़त्ल कर दो और उसकी पत्नी और संपत्ति मुसलमानों में बाँट दो " Mir’aat Al-`Uqool, vol. 23, pg. 396 
مُحَمَّدُ بْنُ يَحْيَى عَنِ الْعَمْرَكِيِّ بْنِ عَلِيٍّ النَّيْسَابُورِيِّ عَنْ عَلِيِّ بْنِ جَعْفَرٍ عَنْ أَخِيهِ أَبِي الْحَسَنِ ع قَالَ سَأَلْتُهُ عَنْ مُسْلِمٍ تَنَصَّرَ قَالَ يُقْتَلُ وَ لَا يُسْتَتَابُ قُلْتُ فَنَصْرَانِيٌّ أَسْلَمَ ثُمَّ ارْتَدَّ عَنِ الْإِسْلَامِ قَالَ يُسْتَتَابُ فَإِنْ رَجَعَ وَ إِلَّا قُتِلَ

From `Alee bin Ja`far from his brother Abee Al-Hasan said: I asked him about a Muslim who becomes a Christian. He said: “He (should be) killed, and no repentance from him” I said: “What about a Christian who becomes Muslim then Apostates from Islaam?” He said: “He is asked to repent. And if he returns (to Islaam that is okay), or otherwise he is killed and his wife and property should be given to muslims ”
Mir’aat Al-`Uqool, vol. 23, pg. 400 

३) औरतों के लिए इस्लाम त्यागने की सजा 
"गियास बिन इब्राहीम कहा कि जाफर बिन मुहम्मद ने अपने पिता अली से पूछा कि अगर कोई औरत इस्लाम त्याग दे तो उसका क्या करना चाहिए अली ने कहा उसे क़त्ल नहीं करो बल्कि कैद करो फिर मुसलमानों के हाथ बेच डालो "Punishment for a Female Apostate: 
وَ فِي رِوَايَةِ غِيَاثِ بْنِ إِبْرَاهِيمَ عَنْ جَعْفَرِ بْنِ مُحَمَّدٍ عَنْ أَبِيهِ ع أَنَّ عَلِيّاً ع قَالَ إِذَا ارْتَدَّتِ الْمَرْأَةُ عَنِ الْإِسْلَامِ لَمْ تُقْتَلْ وَ لَكِنْ تُحْبَسُ أَبَداً "

From Ghiyaath bin Ibraaheem from Ja`far bin Muhammad from his father That `Alee said: “When a woman apostates from Islaam, she is not killed, but she is imprisoned and sold to muslims"
Al-Sadooq, Man Laa YaHDuruh Al-Faqeeh, vol. 3, Baab Al-Irtidaad, pg. 150, hadeeth # 3549 

४) रसूल के विरुद्ध बोलने की सजा 
" अम्मार बिन अल शबाती ने कहा कि मैंने अबा अब्दुल्लाह से सुना है कि तुम में से जो भी मुस्लिम इस्लाम का त्याग करे और मुहम्मद कि नबूवत से इंकार करे़ और झूठ बताये तो उसका खून बहाना और क़त्ल करना जायज है और जिस दिन तुम यह बात सुनो उस दिन से उसकी पत्नी उस से अलग कर दो और तुम्हारे नेता को चाहिए कि अगर वह औरत तौबा नहीं करे तो उसे गुलाम बनाकर अपने लिए रख ले और बाकी सम्पति बाँट दे " Punishment for Talking Against the Prophet (صلى الله عليه وآله وسلم)
عِدَّةٌ مِنْ أَصْحَابِنَا عَنْ سَهْلِ بْنِ زِيَادٍ وَ عَلِيُّ بْنُ إِبْرَاهِيمَ عَنْ أَبِيهِ وَ مُحَمَّدُ بْنُ يَحْيَى عَنْ أَحْمَدَ بْنِ مُحَمَّدٍ جَمِيعاً عَنِ ابْنِ مَحْبُوبٍ عَنْ هِشَامِ بْنِ سَالِمٍ عَنْ عَمَّارٍ السَّابَاطِيِّ قَالَ سَمِعْتُ أَبَا عَبْدِ اللَّهِ ع يَقُولُ كُلُّ مُسْلِمٍ بَيْنَ مُسْلِمَيْنِ ارْتَدَّ عَنِ الْإِسْلَامِ وَ جَحَدَ مُحَمَّداً ص نُبُوَّتَهُ وَ كَذَّبَهُ فَإِنَّ دَمَهُ مُبَاحٌ لِكُلِّ مَنْ سَمِعَ ذَلِكَ مِنْهُ وَ امْرَأَتَهُ بَائِنَةٌ مِنْهُ يَوْمَ ارْتَدَّ فَلَا تَقْرَبْهُ وَ يُقْسَمُ مَالُهُ عَلَى وَرَثَتِهِ وَ تَعْتَدُّ امْرَأَتُهُ [بَعْدُ] عِدَّةَ الْمُتَوَفَّى عَنْهَا زَوْجُهَا وَ عَلَى الْإِمَامِ أَنْ يَقْتُلَهُ وَ لَا يَسْتَتِيبَهُ

From `Ammaar Al-SaabaaTee said: I hear Abaa `Abd Allaah he said: “Every Muslim amongst the Muslimeen who apostates from Islaam, and denies Muhammad prophecy and (call) him a liar. His blood is allowed (to kill) whoever hears that from him. And his wife baa’inah (?) from the day of apostasy, and she should not go near him. And his wealth is divided amongst his muslims and his wife invokes upon herself `iddah of the death of her husband. And it is upon Imaam (leader) that he kills him, and if she does not ask for repentance then enslave her for himself ”
Al-Kulayni, Al-Kaafi, vol. 7, pg. 257-258, hadeeth # 1
عَلِيُّ بْنُ إِبْرَاهِيمَ عَنْ أَبِيهِ عَنِ ابْنِ أَبِي عُمَيْرٍ عَنْ هِشَامِ بْنِ سَالِمٍ عَنْ أَبِي عَبْدِ اللَّهِ ع أَنَّهُ سَأَلَ عَمَّنْ شَتَمَ رَسُولَ اللَّهِ ص فَقَالَ يَقْتُلُهُ الْأَدْنَى فَالْأَدْنَى قَبْلَ أَنْ يَرْفَعَهُ إِلَى الْإِمَامِ "

From Hishaam bin Saalim from Abee `Abd Allaah That he was asked about one who abuses the Messenger of Allaah,So he said: “He is to be killed, for the lowest of the low (rebuke) before he is taken to the Imaam(leader)”

हिश्शाम बिन सालिम ने अबी अब्दुल्लाह से रसूल का अनादर करने की सजा के बारे में पूछा तो वह बोले ऐसा करने वाले को अपने सरदार के सामने पेश करके फटकारो और फिर उसे क़त्ल कर दो यही उसकी न्यूनतम सजा है. Mir’aat Al-`Uqool, vol. 23, pg. 400 

६) इमाम की दिव्यता से इंकार की सजा 
"हिशाम बिन सलीम ने कहा कि मैंने अबा अब्दुलाह से सुना कि उन्होंने अपने साथियों से कहा कि जोभी अमीरुल मोमनीन अली बिन अबी तालिब की खिलाफत और उनकी दिव्यता से इंकार करे तो उसे पहले तौबा करने को कहो और अगर वह तौबा नहीं करे तो उसे जिन्दा जला दिया जाये " Punishment for Refusing Divinity of the Imaams (عليهم السلام) Here is a SaHeeH hadeeth taken from Rijaal Al-Kashee, about the infamous `Abd Allaah bin Saba’.
حدثني محمد بن قولويه، قال حدثني سعد بن عبد الله، قال حدثنا يعقوب بن يزيد و محمد بن عيسى، عن ابن أبي عمير، عن هشام بن سالم، قال : سمعت أبا عبد الله (عليه السلام) يقول و هو يحدث أصحابه بحديث عبد الله بن سبإ و ما ادعى من الربوبية في أمير المؤمنين علي بن أبي طالب، فقال إنه لما ادعى ذلك فيه استتابه أمير المؤمنين (عليه السلام) فأبى أن يتوب فأحرقه بالنار. "
From Hishaam bin Saalim said: I heard from Abaa `Abd Allaah and he said: “And he narrated from his companions the narration of `Abd Allaah bin Sabaa’ and he called (to people) the lordship/divinity of Ameer Al-Mumineen `Alee bin Abee Taalib . So he said: That Ameer Al-Mu’mineen ordered him to repent, but he refused. Then Ali let him burn in fire."
Al-Kashee, Rijaal Al-Kashee, pg. 107, hadeeth # 17

६) दूसरे नबियों का आदर करने की सजा 
"इब्न अबी याफूर ने कहा मैंने अबी अब्दुलाह को बताया कि" बजी " नामक व्यक्ति दावा करता है कि सभी नबी बराबर हैं अब्दुल्लाह ने कहा अग्गर तुम यह बात खुद उस से सुनो तो उसे क़त्ल कर देना यह हदीस कहने वाला कहता है कि मैंने ऐसी ही किया और उस व्यक्ति के घर में आग लगा दी जिस से वह मकान सहित जल कर मर गया " Punishment for Respecting other Prophets
مُحَمَّدُ بْنُ يَحْيَى عَنْ أَحْمَدَ بْنِ مُحَمَّدٍ عَنِ ابْنِ فَضَّالٍ عَنْ حَمَّادِ بْنِ عُثْمَانَ عَنِ ابْنِ أَبِي يَعْفُورٍ قَالَ قُلْتُ لِأَبِي عَبْدِ اللَّهِ ع إِنَّ بَزِيعاً يَزْعُمُ أَنَّهُ نَبِيٌّ فَقَالَ إِنْ سَمِعْتَهُ يَقُولُ ذَلِكَ فَاقْتُلْهُ قَالَ فَجَلَسْتُ لَهُ غَيْرَ مَرَّةٍ فَلَمْ يُمْكِنِّي ذَلِكَ "

From Ibn Abee Ya`foor said: I said to Abee `Abd Allaah that Bazee` calims that all Prophets are equal .. So he said: “If you hear him saying that you (must) kill him”. He (the narrator) said: “I sat fire on his house and butnt him alive " Al-Kulayni, Al-Kaafi, vol. 7, pg. 259, hadeeth # 22

मेरा उन इस्लाम के वकीलों, हिमायतियों, ब्लोगरों और दलालों से सवाल है जो दावा करते हैं कि इस्लाम में कोई जबरदस्ती नहीं है और इस्लाम एक उदार और शांतिप्रिय धर्म है लेकिन वह इसका जवाब दें कि इस्लाम में वन वे ट्रेफिक क्यों है लोग इस्लाम में आ तो सकते है लेकिन अपने धर्म में वापस क्यों नहीं जा सकते ? हिन्दू लड़कियों मुस्लिम लड़कों से कभी मित्रता नहीं करना चाहिए वर्ना वाही हालत होगी जो रीना राय और उमर अब्दुल्लाह की पत्नी पायल की हुई है मुसलमानों की दोस्ती हमेशा घातक होती है मेरा विशेषकर उन लड़कियों से अनुरोध है जो किसी झूठे प्रेम में फंस कर अपना धर्म छोड़ने का इरादा रखती हैं और इस्लाम कबूल करना चाहती हैं वह ऐसा करने पहले एक करोड़ बार सोच लें कि उनको सिवाय पछताने के कुछ नहीं मिलेगा लोगों को पता होना चाहिए कि धर्म परिवर्तन के बारे में मुसलंमान दोहरी नीति अपनाते हैं अगर कोई मुसलमान इस्लाम के अलावा कोई धर्म अपनाता है तो उसे क़त्ल कर देते हैं यही कश्मीर में हुआ है

सेकुलर कहते हैं कि मोदी हत्यारा है

अगर आज सेकुलर कुछ ये कहते हैं कि मोदी हत्यारा है, उनका गुजरात दंगो में हाथ है..... कुछ कहते है है कि मोदी जी और नेतायों की तरह मुस्लिम टोपी नही पहनते हैं? उनके लिए बस इतना कि पहले गुजरात दंगो का सच जान लीजिये और दुसरे हिन्दू नेता मुस्लिम वोट की खातिर टोपी पहनते हैं यह सब नोटंकी करते हैं तो क्या कोई मुस्लिम नेता हिन्दू वोट की खातिर हिन्दुओ के मन्दिरों में जाता है या माथे पर टीका लगता है ? अभी तक सुप्रीम कोर्ट तक मोदी जी पर कोई इलज़ाम साबित नही कर पाया है तो तुम कौन होते हो यह तय करने करने वाले कि मोदी जी हत्यारे हैं? क्या तुमने कभी गोधरा कांड को पढ़ा? क्या मोदी जी तोप, तलवार लेकर सडको से घुमे थे? जब देखो मोदी मोदी मोदी और कुछ काम नही है? कश्मीर दंगो की बात कोई नही करता है क्यूंकि वहां एक लाख से ज्यादा कश्मीरी हिन्दू पंडित मारे गये थे.. मुस्लिम नही.. सिख दंगो की बात कोई नही करता है क्यूंकि वहां सिख मारे गये थे..मुस्लिम नही? असंम दंगो की बात कोई नही करता है क्यूंकि वहां हिन्दू मारे गये थे..मुस्लिम नही? आज आप जहाँ भी देखोगे केबल गुजरात दंगो की बात की जाती है क्यूं? वहां मुस्लिम मारे गये इसीलिए.... पर शुरुआत किसने की थी उनको कोई कुछ नही कहता है... गुजरात में दंगा होने पर मुसलमानों को बुलाकर दुःख पूछा जाता है पर कभी मीडिया ने ट्रेन में जले हुए साठ हिन्दुओ के परिवार को बुलाया जिनको मुस्लिम ने जिन्दा ट्रेन में जला दिया था ? पहले जायो गुजरात वहां का विकास देखिये और अगर गोधरा कांड को लेकर मोदी जी पर निशाना बनाते हो तो उसका सच जान लीजिये... हमे गर्व है मोदी जी पर.... अब आप तय करिए कि आपका वोट किसको है?

Wednesday, April 10, 2013

हम हिन्दू अगर कट्टर होते

हम हिन्दू अगर कट्टर होते तो 1947में जब देश बिभाजन हुआतो क्या हममुसलमानों को हिंदुस्तान में रहनेदेते..? ... अगर दिया भी तो उन्हेंपूरा अधिकार देते इस देश में ?आजवो हिंदुस्तान में मस्जिदबना रहा है ..? loudspeaker सेनमाज पढ़ रहे है फिर भी कुछ नही कहते ?आज देश पेजितना भी आतंकवादी हमला होरहा हैसभी के साथ इस्लाम जुदा हुआरहने के बाबजूद हम चुप चाप सह रहेहै ?कभी किसी मौलबी ने इसआतंकवादी के बिरुद्धफतवा जरी किया.. हम गायको माता मानते है और ये लोग हमारे देश पे रहकरहमारी माता का बलि चदा रहा हैफिर भी हम चुप है...और भी बहुतकुछ. इतना कुछ सहने के बाबजूदभी हम काफ़िर बने तो आपसभी बताये क्या हम सचमे ही कट्टर है....?1947में जब देश बिभाजन हुआतो क्या हममुसलमानों को हिंदुस्तान में रहनेदेते..? ... अगर दिया भी तो उन्हेंपूरा अधिकार देते इस देश में ?आजवो हिंदुस्तान में मस्जिदबना रहा है ..? loudspeaker सेनमाज पढ़ रहे है फिर भी कुछ नही कहते ?आज देश पेजितना भी आतंकवादी हमला होरहा हैसभी के साथ इस्लाम जुदा हुआरहने के बाबजूद हम चुप चाप सह रहेहै ?कभी किसी मौलबी ने इसआतंकवादी के बिरुद्धफतवा जरी किया.. हम गायको माता मानते है और ये लोग हमारे देश पे रहकरहमारी माता का बलि चदा रहा हैफिर भी हम चुप है...और भी बहुतकुछ. इतना कुछ सहने के बाबजूदभी हम काफ़िर बने तो आपसभी बताये क्या हम सचमे ही कट्टर है....?

पाक से आए 480 हिन्दुओँ की दास्ताँ सुनी

पाक से आए 480 हिन्दुओँ की दास्ताँ सुनी

मन्दिरो मे गाय काटी जाती है और हिन्दुओ को को बोला जाता है कि देखो तेरी माँ को खा रहे है ।

सब्जि लेने जाते है तो गाय को खुन के पात्र मे रख के दी जाती है ।

लडकियोँ का बलात्कार होता है जबरदस्ती उठा के ले जाते है ।

छोटी छोटी बच्चियोँ को भी घरोँ मे छिपकर रहना पडता है ।
ना कोई शिक्षा ना कोई मौलिक अधिकार ।

मै पुछता हुँ भारत के उन तथाकथित मानवधिकार के चुतिया नुमाईनदोँ से

जो अफजल की फासी पर हा हुल्ला करते है .सोनिया गधी से जो सोहराबुद्दीन एनकाउटर मे आँसु बहाती है अब कहाँ हैँ आप के मानवधिकार के पैमाने

कुम्भ के समय पाकिस्तान से भारत आये हिन्दू शरणार्थियो की मदद के लिए बीजेपी , कांग्रेस , RSS , केजरीवाल , या जो NGO हैं उनमे से कोई
आगे नहीं आता. क्यों??

कुछ लोग जो हैं वो इस पर नकारात्मक विचार प्रकट करते हैं की इस तरह कब तक बांग्लादेश, मलेशिया, पाकिस्तान आदि देशो से आये पीड़ित हिन्दुओ की मदद करेंगे ??

क्युकी हर इस्लामी राष्ट्र में हिन्दुओ पर ऐसे अत्त्याचार हो रहे हैं की सोचकर भी रूह काँप उठती है... तो वो लोग मेरी इस पोस्ट के ऊपर भी थोडा सोचे
अगर हम इन पीड़ित हिन्दुओं को वापिस भेजने की बात करते हैं तो कुछ

सवाल उठते हैं –

१) बांग्लादेशी घुसपैठियों और तिब्बत के शरनारथियो , नेपाली नागरिको के
प्रति भारत में उदारता दिखाई गयी, तो फिर इन पीड़ित हिन्दुओं के प्रति इतनी कठोरता क्यों?

२) भारत में लगभग ३ करोड़ बांग्लादेशी घुसपैठिये घुस चुके हैं, इन पीड़ित
हिन्दुओं की संख्या तो बहुत कम है, यदि वहां से सभी हिन्दू (लगभग 30 लाख) भी आ जाएँ तो भी इन घुसपैठियों से बहुत कम होंगे | सुरक्षा का खतरा तो इन बांग्लादेशी घुसपैठियों से भी है |

३) पाकिस्तान से आये आतंकवादी भारत में अपने मंसूबों में इसलिए कामयाब होते हैं क्योंकि उन्हें यहाँ के स्थानीय निवासी पनाह देते हैं, और वोट बैंक की नीति के कारण इन स्थानीय लोगों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं होती |

४) विश्व की कुल जनसँख्या में अल्पसंख्यक हो गए हिन्दुओं की मुसीबत में
सहायता करना क्या हमारा फ़र्ज़ नहीं बनता?

अगर आप कुछ भी मदद कर सकते हैं

किसी भी तरह से तो कृपया जरुर करे.
==============
किसी भी स्त्रोत का इस्तेमाल करे . चाहे वो कोई समाजसेवी संस्था हो या राजनीतिक पार्टी या कोई अखबार , जिनसे भी आप इसके लिए संपर्क कर सकते हैं उसके लिए कोशिश करे. कापसहेड़ा बॉर्डर जो नयी दिल्ली में है वहा फ़िलहाल एक ही घर में करीब ४८० लोग बुरी हालत में जी रहे हैं . वो पाकिस्तान जाने की बजाए मौत को बेहतर समझ रहे हैं. अब आप आगे खुद सोच लीजिये की पाकिस्तान में इनके साथ क्या क्या होता है. समय
समय पर आपने भी खबरों में देखा ही होगा. मेरा तो मन बहुत दुखी हो चूका है

उनकी दशा देखकर .
नकारात्मकता को छोड़कर जरा सोचिये तो....

Friday, April 5, 2013

मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना


"मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना "
सुनने में कितना अच्छा लगता हैं न ?
हिन्दु नजरिया से इसमें कोई बुराई नजर नहीं
आती ...........
पर जब इस्लामी नजरिये से देखना हो तो
इसका अर्थ स्पष्ट
कर देना आवश्यक हैं .......
क्यूंकि मुल्ले बात बात पर इसे कहते हैं ...
इकबाल जो हिन्दू से मुल्ला बन गया ....
बोला "मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना "

आईये इन पंक्तियों का खतना करे

इस्लाम के मुताबिक :-
इस्लाम ही दिन (मजहब )हैं ...........
बाकी सब काफीर हैं नष्ट कर देने
योग्य हैं कत्ल कर देने योग्य हैं ...........
इसका सबुत हैं सऊदी अरब ..........
जहाँ गैर इस्लाम वालो को कोई चर्च
अथवा मंदिर बनाने की इजाजत नहीं हैं

वास्तव में बैर तो इस्लाम ने ही पैदा
किया हैं .....................
बैर तो इस्लाम ने ही सिखाया हैं ......
सोमनाथ का मंदिर तोडा .......
लाखो नर नारियो के सिर काटे .....
मासूमो के खून की नदिया बहाई ....
अबलाओ की इज्जत पैरो तले
रोंद डाली ................
मुहम्मद गौरी को १६ बार शमा करने
वाले पृथ्वीराज चौहान की आँखें निकलवा
ली गयी .......................
अनगिनत राजपूतो को राजपूतो से
लडवा कर मरवाया गया ........
अनगिनत लोगो का जबरन ...
धर्म परिवरतन करवाया गया ..........
कत्लेआम किया गया .........
यग्य वेदियो पर खून का लोथड़ा
फेंका गया ..............
कृष्ण जन्म स्थान पर गाय
काट के अपवित्रता फेलाई गयी ....
पता नही कितने ही मंदिरों को
तोड़ तोड़ के उनकी जगह मस्जिदे
खड़ी की गयी .......जिनमे से एक
बाबरी मस्जिद हैं . जहाँ पहले राम
मंदिर था ...................................
अनगिनत सिखों के सिर उतार लिए ........
गुरु तेग बहादुर जी का सिर उतार
लिया ...............
गुरु गोविन्द जी के बच्चो को दीवारों
में चिनवा दिया ...........
छत्रपति शम्बू जी के टुकड़े टुकड़े
कर के फेक दिए गए ..............
दोस्ती के नाम उपर जिनहोने बार
बार पीठ पर छुरा घोपा ...........
और भी जाने क्या क्या क्रूर
गाथाएं जिनसे इतिहास रंगाहुआ हैं
जिन्होंने हमारे देश के टुकड़े करवाए
वो मुल्ले हमे शिख्सा देंगे की
"मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर
रखना "

Tuesday, April 2, 2013

मुसलमानों का सबसे ताकतवर हथियार 'अल-तकिया'


मुसलमानों का सबसे ताकतवर हथियार 'अल-तकिया' .....

इसने इस्लाम के प्रचार प्रसार में जितना योगदान दिया है उतना इनकी सैंकड़ों हजारों कायरों की सेनायें नहीं कर पायीं ।

इस हथियार का नाम है "अल - तकिया" । अल-तकिया के अनुसार यदि इस्लाम के प्रचार , प्रसार अथवा बचाव के लिए किसी भी प्रकार का झूठ, धोखा , द्रऋह करना पड़े - सब धर्म स्वीकृत है ।

इस प्रकार अल - तकिया ने मुसलामानों को सदियों से बचाए रखा है ।

मुसलमानों के विश्वासघात के अन्य उदाहरण ---

1 -मुहम्मद गौरी ने 17 बार कुरआन की कसम खाई थी कि भारत पर हमला नहीं करेगा, लेकिन हमला किया ।
2 -अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तोड़ के राणा रतन सिंह को दोस्ती के बहाने बुलाया फिर क़त्ल कर दिया ।
3 -औरंगजेब ने शिवाजी को दोस्ती के बहाने आगरा बुलाया फिर धोखे से कैद कर लिया ।
4 -औरंगजेब ने कुरआन की कसम खाकर श्री गोविन्द सिघ को आनद पुर से सुरक्षित जाने देने का वादा किया था. फिर हमला किया था.
5 -अफजल खान ने दोस्ती के बहाने शिवाजी की ह्त्या का प्रयत्न किया था ।
6-मित्रता की बातें कहकर पाकिस्तान ने कारगिल पर हमला किया था ।