Saturday, January 12, 2013

आखिर ओबैसी को ऐसा कौन सा हथियार हाथ लग गया है जो..







हमारे देश में धर्मनिरपेक्षता या यूँ कहें कि..... वोट बैंक की क्षुद्र राजनीति का ये आलम है कि..... कोई हिन्दूवादी नेता यदि किसी मुस्लिम आतंकवादी को मारने या फांसी पर चढाने की बात करते हैं तो.... ये तथाकथित सेकुलरों को तुरत धर्मनिरपेक्षता पर खतरा नजर आने लगता है.... और, वे छाती कूट कूट कर..... अपनी विधवा प्रलाप प्रारंभ कर देते हैं..!

परन्तु यदि... हैदराबाद का एक मुस्लिम नेता ... अकबरुद्दीन ओबैसी.... यदि हिन्दुस्थान के सौ करोड़ हिन्दुओं को ... सिर्फ 15 मिनट मार डालने की बात करता है.... सभी सेकुलरों को उस पर गर्व होता है.... और, वे यह जानने की जहमत तक नहीं उठाते कि.... आखिर ओबैसी को ऐसा कौन सा हथियार हाथ लग गया है जो..... वो इतना बड़ा दावा कर रहा है...????

कहीं ऐसा तो नहीं कि.... ओबैसी ने किसी आतंकवादी संगठन के सहयोग से कोई रासायनिक अथवा जैविक हथियार विकसित कर लिया हो....और, उसी के मद में चूर होकर वो ऐसा दावा कर कर रहा हो...????


क्योंकि.... जितनी बड़ी धमकी ये ओबैसी दे रहा है...... उतनी बड़ी धमकी तो आज तक दुनिया से सबसे खूंखार आतंकवादी ओसामा बिन लादेन तक ने भी नहीं दी थी....!

यहाँ तक कि.... जो जुल्फिकार अली भुट्टो दशकों तक हिन्दुस्थान से लड़ने का दंभ भरा करता था.... और, उसकी बेटी.... बेनजीर भुट्टो हमेशा हिन्दुस्थान से लड़ने सम्बन्धी बयान दिया करती थी.... उन्होंने भी कभी ओबैसी की तरह .... 100 करोड़ हिन्दुओं को 15 मिनट में मार डालने जैसा बडबोलापन नहीं किया....!

वैसे.... हैदराबाद में मुस्लिमों की यह कहानी कोई नयी है.... और, 1947 के पहले से ही हैदराबाद के मुस्लिमों द्वारा ... हैदराबाद को ... पाकिस्तान में मिलाने की कोशिश की जा रही है..... और, हैदराबाद को पाकिस्तान का हिस्सा बनाने के लिए ही 1927 ईस्वी में नबाब मीर उस्मान अली खान की सलाह पर.... महमूद नवाज खान किलेदार गोलकुंडा ने ..... MIM का गठन किया गया था...!

MIM की पहली बैठक .... महमूद नवाज खान के घर "तौहीद मंजिल" में हुई थी.... और, जिसमे सबसे पहला प्रस्ताव यही आया था कि.... हैदराबाद को किसी भी हालत में हिन्दुस्थान का हिस्सा बनाने से रोकना है..!

हालाँकि.... पाकिस्तान की मांग 1930 में हुई थी... परन्तु MIM .... उससे काफी पहले से ही..... अलगाववाद की पैरोकार रही है...!

1938 में जब बहादुर यार जंग MIM का सदर बना तो....उसने मुस्लिम लीग के साथ ताल मेल बना लिया... और., 1943 को लाहौर में हुए मुस्लिम लीग की बैठक में इसी बहादुर यार जंग ने ... पाकिस्तान के समर्थन में .....सबसे आक्रामक भाषण दिया था...!

सिर्फ इतना ही नहीं..... MIM ने आजादी से पहले ही हैदराबाद से हिन्दुओं के सफाए के लिए ..... करीब डेढ़ लाख मुस्लिमों की फ़ौज तैयार की थी.....और हैदराबाद स्टेट के तत्कालीन प्रधानमंत्री मीर लाइक अली की सलाह पर कासिम राजवी नमक वकील को .... उन मुस्लिमों की सेना का प्रमुख बनाया गया था...!

जब 1948 में मुस्लिमों (रजाकारों) की उस फ़ौज ने हैदराबाद में हिन्दुओं का कत्लेआम शुरू किया तो..... भारत के प्रधानमंत्री नेहरू .. मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति के कारण ये कत्लेआम चुपचाप देखते रहे.... परन्तु सरदार पटेल.... जो की उस समय देश के गृह मंत्री थे.... ने .... सेना और पुलिस की मदद से हैदराबाद में ""ऑपरेशन पोलो"" चलाया और.... मुस्लिमों (रजाकारो) की फ़ौज को चुन चुन कर काटा जाने लगा..... जिससे MIM का दिमाग सही हुआ और... हैदराबाद ने समर्पण कर दिया ...... साथ ही.... रजाकारों के फ़ौज के मुखिया कासिम रिजवी को जेल में ठूंस दिया गया..... जो बाद में माफीनामा दे कर पाकिस्तान भाग गया....!

कासिम रिजवी के पाकिस्तान भागने के बाद .... mim ठंडी पड़ गयी..... और, उसका नियंत्रण अब्दुल वाहिद ओबैसी के हाथ में आ गया...!

अब्दुल वाहिद ओबैसी ....स्वयंभू सालार ए मिल्लत (कौम का कमांडर) कहलाता था.... और 1960 में उसने हैदराबाद महानगर पालिका का चुनाव जीता...!

1962 में अब्दुल वाहिद ओबैसी का बेटा... सुल्तान सलाउद्दीन ओबैसी ... पथरघत्ती से ..... 1967 में चारमीनार से.... और , 1972 में यकूतपुरा से विधायक रहा...!

इस तरह.... 1974 -75 आते -आते.... सुल्तान सलाउद्दीन ओबैसी.... MIM का सर्वेसर्वा बन गया...!

1984 में सुल्तान सलाउद्दीन ओबैसी.. पहली बार हैदराबाद से सांसद बना..... और लगातार 2004 तक सांसद रहा... !

ये अकबरुद्दीन ओबैसी ... सुल्तान सलाउद्दीन ओबैसी का बेटा...... और, 1999 से विधायक है.... और.... हैदराबाद के महानगर पालिका पर भी..... mim का ही कब्ज़ा है..!

हालाँकि.... आंध्रप्रदेश विधानसभा में MIM के सिर्फ 7 ही विधायक हैं.... परन्तु , उनकी दबंगई से वहां की सरकार भी कांपती है...!

MIM की दहशत का ये आलम है कि..... आन्ध्र प्रदेश की सरकार.... कभी हैदराबाद में .... रामनवमी की अनुमति नहीं देती है तो.... कभी भाग्यलक्ष्मी मंदिर पर प्रतिबन्ध लगाया जाता है...!

लगता है कि.... ओबैसी को पुलिस और कानून का भी भय नहीं है.. और, उसका आज उसका मन इतना बढ़ चुका है कि........ तभी तो .... ये कभी पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव को कातिल, दरिंदा . धोखेबाज जैसी गालियाँ देता है तो.... कभी हैदराबाद पुलिस को हिजड़ों की फ़ौज........ और, कभी कभी तो..... हिन्दुस्थान के 100 करोड़ हिन्दुओं को ही मारने करने लगता है...!

शायद इन जैसों को ये मालूम नहीं है कि..... जिस दिन हिन्दुओं की सहनशीलता जबाब जबाब दे गयी.... उस दिन इन जैसों को भागने के लिए मुस्लिमों के 54 देश भी कम पड़ जायेंगे...!

जय महाकाल...!!!

स्रोत: सामना दैनिक, मुंबई dated 07 .01 .13

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