Tuesday, December 25, 2012

सेकुलर बताने वाले भारतीय नागरिको


(यह लेख स्वयं को सेकुलर बताने वाले भारतीय नागरिको के लिए ही है. कृपया इस देश के बहुसंख्यक सेकुलर एक बार अवश्य पढ़े. और विचार करे कि जो कुछ भी मीडिया गुजरात के बारे में दिखता है क्या वो ही पूरा सच है? क्या इस देश में कुछ और भी सच है जो हमारा तथाकथित "स्वतंत्र" मीडिया नहीं दिखता.)


चारो ओर "अल्लाह हु अकबर" की आवाजे थी......भय से काँप रहा कभी **सेकुलर** रहा एक हिन्दू परिवार कमरे मे खुद को बंद करके खाली हाथ बैठा था......पति, पत्नी और एक सोलह साल की बेटी, एक दस साल का बच्चा....
अधिक समय नहीं लगा, तोड़ दिया दरवाजा हैवानो ने....घुस आए कमरे में... होने लगे चारो ओर से तलवारों के वार...

बाप, बेटे और माँ को अधमरा करके एक तरफ फेका, और लड़की के कपड़े फाड़कर कई दरिंदे एक साथ टूट पड़े उस पर...अपनी ही आंखो के सामने ये देखकर बाप ने खुद तलवार घोंप ली अपने पेट मे.....माँ के सामने बेटी के साथ एक एक करके बीस से ज्यादा नरपिशाचो ने दुष्कर्म किया......वो बेचारी धरती पर पड़ी चीखती रही...बिलखती रही, चिल्लाती रही, तड़पती रही...दुष्कर्म के पश्चात उसकी छातियाँ काट कर अल्लाह की मोहर भी दाग दी.....उसी अल्लाह की जिसमे यही नीच सेकुलर हमारे राम और कृष्ण के रूप देखता है..........काट डाली बेटे की गर्दन .... इसके बाद वो घर से बाहर निकले और जला दिया घर........पूरा परिवार ऐसी दुर्गति के बाद जिंदा जलकर खाक हो गया .......

कैसा लगा? ये कोई मार्मिक कपोल काल्पनिक कहानी नहीं है.....कश्मीर के एक पीड़ित और जिंदा बचे हिन्दू की, जो कि उसी मोहल्ले मे रहता था ........उसकी पुस्तक "कश्मीर का सच" से लेकर अपने शब्दो मे लिखी गयी एक सच्ची घटना है...

जब एक धर्मनिरपेक्षी राष्ट्र होकर भी भारत की सरकार,भारत के ही एक अंग कश्मीर मे हिन्दुओ को बचाने को आगे नहीं आई..... तो फिर इस राष्ट्र के इस्लामिकरण के पश्चात, कौन बचाने आएगा तुम्हें????

पूरा परिवार की ऐसी दुर्गति के बाद जिंदा जलकर खाक होने में लगा समय........केवल कुछ मिनट .........इस काम में मुल्लो की तैयारी में लगा समय....१४०० साल ......और हिन्दू को जागने में लगा समय.....आज तक नहीं जागा......

अगर तुम आज धर्म की ओर से, राष्ट्र की ओर से, गोमाता के ओर से मुंह छिपाए बैठे हो... तो गोमाता के आँसूओ और उनकी चीखो से बने कोप को तुम्हारी दुर्गति, तुम्हारा विनाश करने से कोई नहीं रोक सकता...

अब तुम खुद सोच लो.... तुम्हें खुद को अपने घरवालो को एक सुरक्षित राष्ट्र, अच्छा जीवन, और स्वर्णिम भविष्य देना है या ऐसा दर्दनाक अंत.....
तो उठो जागो हम मिलकर देखेंगे कौन सी नबी की औलादे इतनी ताकत, हिमाकत करेंगी... जो हमारे होते हुये इस राष्ट्र के मुस्लिमिकरण का विचार भी मन मे लाये........

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नई दिल्ली।। कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 1984 के सिख दंगों में सज्जन कुमार का हाथ था। सीबीआई ने कहा कि सज्जन कुमार ने उस वक्त भीड़ को उकसाकर दिल्ली छावनी इलाके में हत्याएं कराई थीं।

एक टीवी रिपोर्ट का हवाला देते हुए सीबीआई ने कहा है कि सज्जन ने भीड़ से कहा था कि एक भी सिख जिंदा नहीं बचना चाहिए। सबको मार डालो।

साथ ही सीबीआई ने कहा है कि उस वक्त एक खास समुदाय के लोगों को टारगेट किया गया। पूरा दंगा संगठित तरीके से अंजाम दिया गया। इसमें सरकार और पुलिस दोनों का समर्थन था।

गौरतलब है कि इससे पहले भी सीबीआई ने अदालत को बताया था कि दंगों के समय पुलिस ने अपनी आंखें बंद कर ली थी। दिल्ली के छावनी इलाके में 6 सिखों की हत्या के मामले में सज्जन कुमार और 5 अन्य बलवान खोखर, किशन खोखर, महेंद्र यादव, गिरधारी लाल और कैप्टन भागमल पर मुकदमा चल रहा है। (साभार: नवभारत टाइम)

http://navbharattimes.indiatimes.com/pmarticleshow/12839027.cms
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"आपने अक्सर नोट किया होगा कि 1984 के सिख विरोधी हिंसा को "दल्ला मीडिया" "सिख विरोधी दंगा" कहता है, जबकि गुजरात में 2002 के दंगों को "गुजरात नरसंहार" कहा जाता है… सरकारी आँकड़ों के अनुसार दिल्ली में 1984 में 3000 से अधिक सिख मारे गए, जबकि "अन्य" के मारे जाने का कोई विशेष आँकड़ा उपलब्ध नहीं है… दूसरी तरफ़ 2002 की गुजरात हिंसा में लगभग 400 मुसलमान और 150 हिन्दू मारे गए, जिसमें से बड़ी संख्या पुलिस की गोली से मरने वालों की भी थी… कश्मीर में 50,000 से अधिक मारे गए और 3 लाख से अधिक भगाए गए हिन्दुओं की किसी गिनती में ही नहीं हैं, न "दंगों" में और न ही "नरसंहार" में…

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इसका अर्थ है कि मीडिया में इतने "अनपढ़" बैठे हैं जिन्हें हिंसा, दंगा और नरसंहार में अन्तर भी नहीं पता???
 — with Andrei AzsacraMan Singh PawarPankaj Ch

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