Friday, December 21, 2012

भारत को एक धर्मनिरपेक्ष देश घोषित नहीं था


क्या आप जानते हैं कि..... संविधान निर्माताओं द्वारा भारत को एक "धर्मनिरपेक्ष राज्य" राज्य घोषित नहीं किया गया था...!

जी हाँ.. यह बिलकुल सत्य है.. और भारत के संविधान निर्माताओं द्वारा भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राज्य कतई भी घोषित नहीं किया गया था....

बल्कि..... ""धर्मनिरपेक्ष"" शब्द भारतीय संविधान में उसके काफी समय बाद ... यानि कि संविधान में 42 वां संशोधन कर सन 1976 में... स्वर्गीय इंदिरा गाँधी द्वारा ... भारतीय बहुसंख्यक जनता पर जबरदस्ती थोपा गया है.... ताकि समय आने पर अपने वोट बैंक के लिए इस शब्द का मनमाने तरीके से इस्तेमाल किया जा सके..... जैसे कि .. आज किया भी जा रहा है....!

धर्मनिरपेक्ष का शाब्दिक अर्थ होता है...... धर्म + निरपेक्ष .... अर्थात वैसा राज्य .... जो किसी खास धर्म या संप्रदाय को प्रोत्साहित नहीं करेगा.... और धर्म के मामले में वो तथष्ठ रहेगा....!

परन्तु... आज कुछ सत्तालोपुप लोगों ने धर्मनिरपेक्षता का मतलब... मुल्ला तुष्टिकरण समझाने में लगे रहते हैं और..... बहुत सारे जयचंद किस्म के दोगले बिना जाने-समझे उनकी हाँ में हाँ मिलाते रहते हैं... !


मुस्लिमों को 4 .50 % का आरक्षण... हज में सब्सिडी... मदरसों को अनुदान.... इत्यादि, इनकी दोगली नीति का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं..!

और सिर्फ इतना ही नहीं....
विश्व मे पहली बार इस देश मे सांप्रदायिक बजट आया....2008-09 के बजट मे मुस्लिम आबादी वाले 90 जिलों और 338 नगरों/कस्बों के लिए 3780 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा हुई केन्द्रीय वित्तमंत्री ने मदरसा शिक्षा के लिए 80 करोड़ व राष्ट्रीय अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम के लिए 75 करोड़ रुपये के साथ सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के लिए 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया…..जनवरी 2008 में ही आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने अल्पसंख्यक संप्रदाय के छात्रों के लिए 1868 करोड़ रुपये की घोषणा की गयी .


एक तरफ विस्थापित कश्मीरी पंडित ... टेंटों में जानवरों से भी बदतर.. और दयनीय जीवन जीने को मजबूर हैं... पिग्गिस्तान में हिन्दुओं पर जी भर कर जुल्म किये जा रहे हैं ... वहीँ हमारे हिंदुस्तान में सत्ता और व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए सेकुलर नामक जीव अपनी माँ, बहनों और बेटियों को मुल्लों के बिस्तर पर सुलाने की ठान रखी है...!

जागो हिन्दुओं... नहीं तो वो दिन दूर नहीं जब.... 15 % हिन्दू लड़कियों को भी मुल्लों से शादी करने के लिए अनिवार्य बना दिया जाएगा...!



अगर आप मेरे से सहमत है तो मेरे साथ आवाज़ मिलाये और अगर मेरे विरुद्ध तो विरोध में बोले पर मौन न रहे।क्योंकि मौन रहना उचित नहीं यही तो एक कमी है हम मौन रहकर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं करते और हमारा शत्रु प्रबल हो जाता है और हमारे सगे कमजोर।मौन न रहे अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे।

जय हिन्द जय भारत जय हिंदुत्व जय महाकाल

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