Thursday, December 20, 2012

सम्प्रय्दिक हिन्दुओं का सच

सम्प्रय्दिक हिन्दुओं का सच
(यह सिर्फ मीडिया का फैलाया हुआ भ्रम है लेख पड़ें)


कभी सोचा है के हिंदुस्तान में सिर्फ हिन्दू मुस्लिम दंगे क्यूँ होते हैं , कभी हिन्दू - पारसी , हिन्दू -यहूदी , हिन्दू -बौध दंगे क्यूँ नहि?

आप को एक बात और बता दें 1984 में भी हिन्दू-सिख दंगे नहीं हुए थे . में जो हुआ वोह था 'स्टेट स्पॉन्सर्ड एक्ट ऑफ़ टेरर " 

अब देखें एक्ट ऑफ़ टेरर को क्या कहा गया है act of terrorism - the calculated use of violence (or the threat of violence) against civilians in order to attain goals that are political or religious or ideological in nature; this is done through intimidation or coercion or instilling fear

विश्व स्त्र पे भी आप को मीडिया यह नहीं बताएगा के जिन जिन देशों में मुसलमानों की संख्या बाद गयी है वहां भी ऐसे साजिश चल रहे है जिस के तेहत वहां के लोगों को ह़ी सम्रदायक कहा जा रहा है जब वोह मुसलमानों के कभी भी ना स्तिमिलित होने वाली आदतों से परेशां हो जाते हैं , मीडिया वहां भी ऐसे ही झूठ बोलता है जैसे 'यू आर रेसिस्ट ' ..हिंदुस्तान में हमें सम्रदय्क कहा जाता है वहां उन लोगों को रेसिस्ट , याँ एक नया शबद निकला है 'इस्लामोफोबिया , वहा भी झूठे 'वाइट टेररिस्ट पैदा कर दिए गए हैं जैसे यहाँ सैफरन टेररिस्ट . विश्व के लोग अब इस बात को समझ गए हैं के यह सब मीडिया की फलाई हुई बातें हैं , , 

यूरोप के सभी देशों में इन लोगों ने एक अन्तराष्ट्रीय कांस्पीरेसी के तेहत फ़ैल कर , ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा कर के और कभी भी वहा के कानूनों को ना अपना के , उन देशों की आर्थिक व्यवस्था को भारी नुक्सान पहुँचाना शुरू कर दिया है , वहा जा के भी इनलोगों ने घेटो (ghetto )बना लिए हैं जहाँ यह लोग रहते हैं और जहाँ किसी भी वाइट मन के लिए जाना सुरक्षित नहीं है , पुलिस इन एरियाज को " नो गो" एरियाज कहती हैं . जब शुरू में इन एरियाज में दंगे होते थे और वहन की भोली पुलिस बिना किसी हतियार के वहां जाती थी तो यह दंगे बज उन्हें ही मरने लगते थे , अब पुलिस दंगो मैं इन एरियाज में जाती हे नहीं है और जाती भी ई तो पूरे बेक उप से साथ . इन एरियाज को इनलोगों ने "शरिया -जोंस" बना लिया है , यानि इन जगहों पे रहने वालों पे उस देश का नहीं शरिया का कानून लागु होगा , और पोलिस से छुप के यह लोग छोटी बचियों की शादी से ले के , पोल्य्गामी यानि एक से ज्यादा शादी , फीमेल गेनेतिकल मुतिलतिओन ... और जिहाद फैलाना जैसे सरे गतिविधियाँ करते हैं , जिससे आज यूरोप और अमेरिका भी इन लोगों से परेशां हो गए हैं .

इसलिए अगर आप लोगों के अन्दर एक परसेंट भी यह भावना है के हम लोग किसी भी तरह मुसलमानों की किसी भी स्तिथि के लिए जिम्मेदार हैं , या न फिर इनकी गतिविधियों के जिमेदार अशिक्षा है ,

या न फिर हिन्दू टेरर भी तो होता है , तो आंखें खोलिए , यह सिर्फ मीडिया का फैलाया असत्य

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