Wednesday, February 27, 2013

आज 27 फरवरी है

आज 27 फरवरी है...
कुछ याद आया सेकुलरोँ??
चलो मैं बता देता हूँ आज ही के दिन यानी 27 feb 2002 को गुजरात में गोधरा कांड हुआ था आज ही के दिन आतंकवादी नरपिशाच मुल्लोँ ने गोधरा रेलवे स्टेशन में खड़ी एक ट्रेन के बोगी को आग लगा दिया था जिसमेँ महिलाओं और बच्चो समेत कुल साठ लोग मारे गए थे, कितना आसान लग रहा है न ? अब सुनिए जब गोधरा स्टेशन में ट्रेन पहुंची तब पहले से प्लानिंग करके बैठे लगभग तीन सौ कटवोँ ने ट्रेन के सारे दरवाजे बंद कर दिए उसके बाद उसमे चारों तरफ से लगभग दौ सो लीटर पेट्रोल डाल कर आग लगा दिया, मासूम निर्दोष लोग अंदर तडपते रहे बिलखते रहे मगर उनको कोई दया नहीं आई और एक भी हिंदू नहीं बचा सबको जिन्दा जला दिया गया, गोधरा स्टेशन के पास ही एक मस्जिद से माइक पर एक मौलवी द्वारा लगातार निर्देश दिए जा रहे थे की सबको जला दो अब दूसरे डब्बे में आग लगाओ, एक भी हिंदू नहीं बचना चाहिए ये खबर जब पूरा गोधरा शहर सुना तो वो स्टेशन की तरफ भागे जिस वजह से मुल्ले दूसरे डब्बे तक नहीं पहुँच पाए...
उस वक्त मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की आँखों में पहली बार आंसू आये थे....
उन्होंने लोगों से धैर्य रखने की अपील की और यकीन दिलाया की गुनाहगारों को जरुर सजा मिलेगी लेकिन उसी दिन शाम को अहमदाबाद में आतंकवादी मुल्लोँ ने दंगे शुरू कर दिए जिसके बाद हिंदुओं का धैर्य टूटा उसके बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क गए साठ हिंदुओं के मौत का बदला हिंदुओं ने दो हजार मुल्लोँ को काट कर और जहन्नुम भेजकर लिया.
जिसे देखो गुजरात दंगो का रोना रोता है मगर गोधरा कांड की बर्बरता किसी को नज़र नहीं आती

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