Friday, December 20, 2013

मुस्लिम‬ मित्रों से एक छोटा सा सवाल

‎मुस्लिम‬ मित्रों से एक छोटा सा सवाल :-

हाल ही में हुए मुज्जफरनगर दंगों पर सभी आहत हैं चाहें वे हिन्दू हो या मुसलमान, पर ज्यादातर मुस्लिम समुदाय इसके लिए राजनैतिक पार्टिओं को कोस रहा है.. हो सकता है उन दंगों को भड़काने में राजनैतिक पार्टिओं का भी हाथ हो, पर जिस मुज्जफरनगर में आज़ादी से पहले से आजतक कोई साम्प्रदायिक दंगा नहीं हुआ था वहाँ पहली बार २०१३ में दंगा हुआ..

दंगा क्यों हुआ और किस समुदाय ने इसकी शुरुवात की वो भी सबको पता है बताने की जरुरत नहीं है, तो यहाँ सवाल ये पैदा होता है कि कई दशकों से चली आ रही है हिन्दू- मुसलमानों की एकता को वहाँ भंग करने का काम किसने शुरू किया ? और केवल वहीँ नहीं दुनिया के हरेक कोने में सबसे पहले मार- काट दंगे कौन शुरु करता है बताने की जरुरत नहीं है.. फिर जब गैर मुस्लिम इसका जवाब देते हैं तो मुस्लिम समुदाय रोना क्यों शुरू कर देता है ?

जीवन का नियम है कि क्रिया की प्रतिक्रिया हमेशा होती है.. चाहें बड़ी हो या छोटी हो..

गुजरात दंगे किसने शुरू किए थे ? बर्मा दंगे क्यों शुरू हुए थे ? अमेरिका ने पाकिस्तान वा अफगानिस्तान पर हमले क्यों शुरू किए थे ? इजरायल के साथ युद्ध ना करने के दस्तावेजों पर साइन करने के बाद पहले लड़ाई की पहल कौन करता है.. ? भारत से पाकिस्तान को अलग काटने की माँग की पहल किसने शुरू की थी ? ऐसे बहुत से सवाल हैं जहाँ पर आपको ऐसे हरेक मामले में शुरूवात करने वाला पक्ष मुस्लिम समुदाय ही मिलेगा..

फिर ऐसे में दुसरे पक्ष यदि अपनी आत्मरक्षा में कुछ कदम उठाता है तो क्या वो गलत है ? मुज्जफरनगर दंगों में क्या सपा, ‪#‎मोदी‬ या अमित शाह या किसी अन्य पार्टी ने कहा था कि जाओ और जाकर जाटों की लड़की को छेड़ो ? और जब उनके भाई इसके विरोध में आयें तो उन दोनों को जान से मार दो ?

राजनैतिक पार्टियाँ अपने लाभ के लिए किसी दंगे को बड़ा कर सकती हैं पर पैदा नहीं कर सकती हैं.. यदि हिन्दू साम्प्रदायिक होते हैं और मोदी या संघ या राजनैतिक पार्टियाँ आदि हिन्दुओं को भड़काती हैं तो हिमाचल प्रदेश में तो करीब 98% से ज्यादा हिन्दू हैं और हर साल वहाँ पर सरकारें बदलती हैं भाजपा भी सत्ता में आती है फिर भी वहाँ अभी तक हिन्दू- मुसलमानों का एक भी साम्प्रदायिक दंगा क्यों नहीं हुआ ?

इसका केवल एक ही कारण है क्योंकि हिन्दू वहाँ अभी बहुमत में हैं और मुस्लिम समुदाय अल्पमत में.. और दुनिया के किसी भी कोने में देख लीजिये जहाँ- जहाँ पर मुस्लिम बहुमत में हैं वहाँ पर गैर मुसलमानों के साथ आये दिन मुसलमानों के साथ टकराव आम बात होती है..

तो क्या गैरमुसलमानों का अपने बचाव में कोई कदम उठाना गलत है वो भी जब- जब कि हमेशा हर दंगे मार- काट की शुरुवात मुस्लिम समुदाय ही करता है..

मुस्लिम मित्रों से जवाब की आश रहेगी....

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