Wednesday, December 11, 2013

अल्लाह को मदद चाहिए ?

आर्य - अल्लाह को मदद चाहिए ?
मुस्लिम-नही।

आर्य - किसी भी प्रकार की नहीं?
मुस्लिम- हाँ किसी भी प्रकार की नहीँ?

आर्य - सोच लो।
मुस्लिम- हाँ सोच लिया।

आर्य - तो फिर ये क्या है" या अय्युहल्जीन आमनू इन् तन्सुरूल्लाह यन्सुर्कम् व युसब्बित अक्दामकुम्( सूरा मुहम्मद, आयत 7)
तर्जुमा- हे वे लोग जो ईमान लाये हो यदि तुम अल्लाह की मदद करोगे तो वह तुम्हारी मदद करेगा और तुम्हारे कदमोँ को जमा देखा।

मुस्लिम- इसका अर्थ ये नहीँ होगा।

आर्य - अर्थ तो तुम्हारी प्रमाणिक कुरआन का दिया है।
मुस्लिम- और अर्थ नहीँ मैँ भावार्थ की बात कर रहा था।

आर्य - तो जरा भावार्थ बता दीजिए?

मुस्लिम- इसका भावार्थ कि अल्लाह की जो बाते हैँ उन पर अमल करो और अल्लाह के मार्ग पर चलो तो तुम्हारा भी भला होगा।

आर्य - तब्दीली कर नहीँ पायेँ मियाँ, और न खुदा को बचा पाये, आप आयत मेँ आये 'नसर'(मदद) लफ़्ज को हटा नहीँ पाये।
खुदा को मदद चाहिए भले ही उसकी मदद करने का तरीका दूसरा हो।

मुस्लिम - हाँ ये बात तो है।
आर्य - तो फिर आपने ये क्योँ कहाँ कि अल्लाह को किसी भी प्रकार की मदद की आवश्यकता नहीँ,
मैने तो पहले ही पूछ लिया था इस बात को।
मुस्लिम- ??????

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