Friday, December 20, 2013

मुस्लिम कब समझेंगे की उन्हें विकास चाहिए ना की धार्मिक कट्टरता

‪‎मुजफ्फरनगर‬ ,शामली से विस्थापित हुए मुस्लिम केम्पों में अब तक 60 से ज्यादा वृद्ध और बच्चे ‪‎ठण्ड‬ से अपनी जान गँवा चुके .....

1000 से ज्यादा लोग निमोनिया से ग्रस्त हैं , और मूलभूत सुविधायों के अभाव से लगभग सभी ग्रस्त हैं

इस देश के मुस्लिम कब समझेंगे की उन्हें विकास चाहिए ना की धार्मिक कट्टरता ,,,,,

‪‎मुस्लिमों‬ के रहनुमा बनने वाली केंद्र सरकार में बैठी ‪‎कोंग्रेस‬ हो ...

‪‎मुल्ला‬ टोपी पहनकर आतंकियों की पैरोकार करने वाली समाजवादी पार्टी हो

या अभी अभी नवजात मुस्लिम पैरोकार का दावा करने वाली ‪‎आप‬ हो ...
इनमे से कोई भी पार्टी ने अभी तक रिलीफ केम्पों में सुविधाओं के लिए कोई कदम उठाना तो दूर बल्कि इनके लिए कोई चर्चा करना भी मुनासिब नहीं समझा .....

क्या कोंग्रेस के पास इनके लिए फंड की कमी है ? ???????

क्या समाजवादी पार्टी की सरकार होते हुए इनके पास प्रशासन या पैसे की कमी है ????????

क्या देश हित में चंदा इकटठा करने वाली आ आ पा के पास इतना भी पैसा नहीं की वो इन रिलीफ केम्पों को कुछ राहत सामग्री भिजवा सके ???

असल में मुस्लिमों को ये बात समझनी होगी की कब तक वो धर्म के नाम पर दिखाए जा रहे इस डर को दिल में पाल कर रखेगी ? .......कब तक वो वोट बैंक की घटिया राजनीति का शिकार होती रहेगी??????? .....हिंसा बिल के जरिये मुसलमानों का कुछ भला नहीं होना बल्कि हिन्दू- मुस्लिम के बीच खाई को और बढाया जाना है जिसके दुस्प्रभाव ही होंगे आपके लिए

अंत में बता दूँ की रिलीफ केम्पों में कुछ लोकल हिन्दू ही इन्हें कम्बल आदि मुहेया करवा रहें हैं लेकिन वो नाकाफी हैं क्यूंकि जब तक मुस्लिम अपने धार्मिक कट्टरपन और इस्तेमाल होने की प्रवर्ति नहीं छोड़ेंगे , तब तक हिन्दुओं में पूर्ण विश्वास नहीं जागेगा आपके प्रति .....

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