Friday, December 13, 2013

1971 के युद्ध में हिंदुओं को चुन-चुनकर मार रही थी पाकिस्तानी फौज

1971 के युद्ध में हिंदुओं को चुन-चुनकर मार रही थी पाकिस्तानी फौज




1971 के युद्ध में पाकिस्तानी फौज पूर्वी पाकिस्तांन में हिंदुओं को चुन-चुनकर कर मार रही थी. पाकिस्तानी फौज ने जान-बूझकर ऐसा किया. भारत की सरकार यह सब जानती थी, लेकिन इसे गलत तरीके से लोगों तक पहुंचाया गया. तब कहा गया कि पाकिस्तानी सेना ने बंगालियों का कत्लेआम किया है. यह सब एक किताब में लिखा है, जो हाल ही में रिलीज हुई है.

अब तक ऐसा माना जाता रहा था कि 1971 के भारत-पाकिस्ताजन युद्ध में पाकिस्ता.नी फौज के निशाने पर बंगाली थे. पर अब एक किताब से नई जानकारी सामने आई है. किताब में बांग्लापदेश की आजादी (तब के पूर्वी पाकिस्ताान) की लड़ाई के बारे में कुछ अहम बातों का खुलासा किया गया है. भारत सरकार इस तथ्या से पूरी तरह वाकिफ थी कि युद्ध में हिंदू निशाना बन रहे हैं, इसके बावजूद इसे ज्यायदा प्रचारित नहीं किया गया. अगर तब इस बात का खुलासा किया जाता, तो जनसंघ के नेताओं के भड़कने का खतरा था.

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी जनसंघ से ही निकली है. लेखक गरी जे. बास ने अपनी किताब, 'The Blood Telegram: Nixon, Kissinger and a Forgotten Genocide में इस युद्ध के बारे में विस्ता र से लिखा है.

प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में राजनीति और अंतरराष्ट्रीdय संबंध के प्रोफेसर जे. बास के मुताबिक वह युद्ध मूल रूप से पूर्वी पाकिस्तािन में रह रहे हिंदुओं के खिलाफ था, इसके बावजूद भारत ने इसे बंगा‍लि‍यों के खिलाफ संहार करार दिया.

जे. बास ने लिखा है कि भारतीय विदेश मंत्रालय का तर्क है कि पाकिस्ताोन के जनरल चुनाव हार बैठे, क्योंखकि उनके देश में बंगालियों की तादाद ज्यासदा थी.


पाकिस्तान की सेना लगातार हिंदू समुदाय को निशाना बनाती रही. किताब के मुताबिक, भारतीय अधिकारी यह नहीं चाहते थे कि जनसंघ पार्टी के हिंदू राष्ट्र वादियों को उग्र होने का मौका मिले.

जे. बास ने अपनी किताब में लिखा है कि तब रूस में भारत के राजदूत रहे डीपी धर के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने पहले से हिंदुओं को ही जनसंहार के लिए निशाना बना रखा था. लेकिन इस बात से हिंदू राष्ट्रवादियों का गुस्सा भड़कने का खतरा था.



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