Thursday, May 9, 2013

इस्लामी तथ्य

कुछ तथ्य 

जैसे की मुल्ले दाढ़ी रखते है! (महमद दाढ़ीधारी था और एक विशिष्ट प्रकार से उस पर हाथ घुमाता था, मुस्लिम भी ठीक वैसे ही अपनी दाढ़ी पे हाथ घुमाते है)

*. उस दाढ़ी को लाल रंग में रंगते है (क्योंके महमद लाल डाई का उपयोग करता था),

*. इस्लामिक टूट ब्रश का उपयोग करते है जिसे मिस्वाक कहते है (महमद इसका उपयोग करता था)

*. बड़े भाई का कुरता (घुटनों के नीचे तक आने वाला लंबा झब्बा) और छोटे भाई का पैजामा (छोटा पैजामा जिसमे पैरों की एडिय दिखती है) पहनते है (बिलकुल महमद जैसा)!

*. बैठ कर मूतते है और ईट को अपने लूली पे विक्षिप रूप से घुमाते है जैसे महमद करता था!

*. नदी के तट पे घर हो फिर भी ये मुल्ले जुम्मे से जुम्मे क्यों नहाते है? ये भी आप समझ चुके होगे! इतना भी नही सोचते की रेगिस्थानमें रहनेवाला महमद चाहकर भी प्रतीदिन नहा नही सकता था!

*. मुसलमान कहते है, हम वंदेमातरम नही कहेंगे क्यों की हम मातृभूमि को नही मानते तो फिर ये महमद की अरब भूमी के आगे दिन में ५ बार माथा क्यों रगड़ते है (ये भी महमद का सुन्ना है जिसके आधार पर महमद सारे विश्व को उसकी मातृभूमि के आगे झुकाता है)

*. ये मुल्ले अपने बच्चो के नाम सारे अरबस्तानसे आयात (Import) करते है! क्यों? महमद ने कहा इस लिए! ये तो इस्लाम, जैसे धर्म की आड में अरब श्रेष्ठता का विषयला साम्राज्यवादही हो ऐसा प्रतीत होता है!

*. इतना ही नही ये मुस्लिम अपनी कमाई में से कमसे कम १०% जकात के रूप में महमद की मातृभूमि अरब देशो को भेजते है! यह भी इस्लामी सुन्ना है!

*. अपना घर बार बेचकर हज की यात्रा करने वाले कई मुस्लिम आप को भारत पाकिस्तान और अफ्रीका के अनेक भागो में मिलेंगे! इससे अरब राष्ट्रों को इतना पैसा मिलता है की कोई भी काम किये बिना वे राजा के समान जीवन बिता सकते है! यदी उनका तेल समाप्त हो जाए तो भी !!

महमद का इस्लाम उसके देश बंधूओ (अरबो) के लिए एक वरदान सिद्ध हुआ है और अरबेतर (जो मुस्लिमअरब नही है वे) अरब राष्ट्र के गुलाम, जिन्हें अपने आप में कोई अस्तित्व नही!

इसी महमद की सीख है की उसे न मनने वाले काफिरो है! जिन्हें कतल करना भी महमद का सुन्ना (आचरण) है! काफ़िर वे है जो महमद का आचरण नही करते! इस लिए वे सब के सब नर्क में सड़ेंगे! क्या ये विचार धारा का पाठ पढा के शांति और सुखी जीवन संभव है?

यदि कोई मुस्लिम इस सुन्ना को नही पलता तो वह नर्कभागी काफ़िर हो जाएगा यही इस्लामी साहित्य बताता है

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