Thursday, May 9, 2013

मुसलमानों को तो बस अपनी कौम प्यारी है.., देश - नही.







जब संसद सत्र की समाप्ति के बाद जब राष्ट्रगीत वंदेमातरम् गाने की धुन के लिए जब सारे सांसद खड़े हुए तब सांसद हाफिज अब्दुर रहमान और असद्दुदीन ओबैसी बिना राष्ट्रगान गाये चल दिए,

जब भारत माता का गुणगान इन्हें उचित नहीं लगता तो क्या ये लोग इस देश की मिटटी में रहने के अधिकारी है ?








मुसलमानों को तो बस अपनी कौम प्यारी है..,

देश - नही..।




नरेन्द्र मोदी टोपी न पहने तो वो साम्प्रदायिक, मुल्ला राष्ट्रगीत वन्देमातरम न गाये तो उसका धार्मिक मामला, भाड़ में जाए ऐसा धर्म और उनकी भावनाएं.............




शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि इस्लाम के खिलाफ है वंदे मातरम.......और मैं कहता हूँ कि ऐसी मानसिकता हिंदुस्तान के खिलाफ है...............अब इस्लाम को महत्व देना है तो वहाँ जाओ जहां इसको महत्व मिलता हो और देश को महत्व देना है तो वंदे मातरम का सम्मान करो।




अगर आप भारतीय हैं -तो जरुर सोचने की कृपा करें ****
१- कल 8 मई को संसद में 2 मुस्लिम सांसदों ने किया "रास्ट्रगीत " का अपमान ---अब इसको भी सेकुलर कीड़े -मकोड़े- धर्मनिरपेक्षता ही कहेंगे -और इसको देश की अस्मिता से ना देखकर -मज़हब के चश्मे से देखंगे
२ हम सवाल उठा रहे हैं-कि संसद में इन 2 सांसदों ने ये निंदनीय अपराध क्यों किया? -सविंधान का ही अपमान नहीं किया बल्कि देश की आत्मा को चोट पहुंचाई है।किसके कहने पर ये अपराध किया है ? क्या इनको भारत छोड़कर किसी और मुल्क में नहीं चले जाना चाहिए ? क्या इन पर देशद्रोह का मुकदमा नहीं चलना चाहिए ? चलना चैये -- केवल चेतावनी देने से बात नहीं बन सकती है
३-अब फिर से ऊपर वाले "सेकुलर कीड़े -मकोड़े" -हमारी इस मांग को"साम्प्प्रदायिक ता "से जोड़ देंगे कोई बात नहीं --- अगर सच को सच कहने के लिए -हमें कोई साम्प्रदाइक कहता है ..तो कहता रहे ..

संसद से वन्देमातरम का विरोध करके वाक्-आऊट करने वाले दोनों मुल्ले सांसदों के खिलाफ मीडिया तो कुछ कहेगा नहीं (क्योंकि ऐसे विषयों पर बात करने में उसे घबराहट भी होती है, और "मम्मी" का आदेश भी नहीं है)...

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लेकिन सवाल यह है कि दिल्ली में बैठे "पंजा छाप भाजपाई नेता" इस मुद्दे पर अभी तक क्या बोले हैं??? क्या उन दोनों सांसदों के खिलाफ को प्रस्ताव लाए हैं? या संसद में लाने का कोई विचार है? क्या दोनों सांसदों के निवास पर कोई तगड़ा प्रदर्शन किया है? आखिर क्या किए हैं??

अभी तो ये लोग पार्टी को गिराते-गिराते 115 पर लाए हैं... सिर्फ गुजरात-मप्र-छग ही हाथ में बचा है.... और कितना नीचे ले जाएंगे पता नहीं...

वाकई "सेकुलरिज्म" बड़ी खतरनाक बीमारी है, सीधे ले डूबती है...




"वन्दे मातरम कहना इस्लाम के खिलाफ है इसलिए मैं आगे भी ऐसा ही करूँगा" बसपा सांसद बर्क-
1. पर लोकतंत्र भी इस्लाम के खिलाफ है और चुनाव लड़ना और मंत्री बनना भी इस्लाम के खिलाफ है तो आप क्यूँ चुनाव लड़ते है अभी के अभी इस्तीफा दे देना चाहिए।
2. पर इस्लाम मैं तो दारुल ए हराम (गैर इस्लामिक शाशित देश) मैं रहना भी हराम है तो आप इस देश मैं क्यूँ रह रहे है आज की आज पाकिस्तान चले जाए।
3. पर इस्लाम मैं तो मूर्ती पूजको के साथ दोस्ती रखना भी हराम है तो आप मूर्ती पूजको के वोट को क्यूँ मांगते है और मूर्ती पूजको के साथ संसद मैं क्यूँ बैठते है।
और भी बहुत कुछ गैर इस्लामिक काम करते है पर वो व्यक्तिगत लाभ के लिए गैर इस्लामिक नहीं है पर वन्दे मातरम कहना गैर इस्लामिक है क्योंकि इससे राजनीती मैं मुस्लिम वोट बड़ते है और हिन्दू तो वैसे ही जात के नाम पर वोट दे देंगे।




1. बिहार और मध्य प्रदेश मैं कहते है सूर्य नमस्कार इस्लामिक नहीं है इसलिए बंद कर दो ,
2. हेदराबाद मैं कहते है मंदिरों की घंटियों से हमको नमाज पड़ने मैंदिक्कत होती है। राम नवमी और हनुमान जयंती की पूजा से दिक्कत है।
3. फैजाबाद मैं दुर्गा जी की मूर्ती के विसर्जन से दिक्कत है
4. कोसी मैं मीठे पानी की छबील से दिक्कत है और उसमें थूक दिया जाताहै और मन करने पर दंगे किये जाते है।
5. बरेली मैं कवादियो के बम बम भोले बोलते हुए जाने से दिक्कत है।
6. संसद मैं वन्दे मातरम बोलने से दिक्कत है।
7. मध्य प्रदेश मैं बच्चो को भग्वद गीता पड़ने से दिक्कत है पर मदरसों मैं कुरान पड़ने की आजादी चैये
8. देश मैं गाय काटने पर रोक लगानेसे दिक्कत है। गाय काटने और खाने की आजादी चैये।
9. आतंकवादियों को फंसी देने से दिक्कत है।
10. कवादियो के उनके गाँवो से निकलने से दिक्कत है इस लिए उनकी कावड़ पर खून फेंक कर ख़राब किया जाता है।
11. हमारे राम मंदिर के बन्ने से दिक्कत है
12. कार सेवको के भजन से दिक्कत हैइसलिए उनको रेल मैं जिन्दा जल दिया जाता है।
इनको हमेशा दिक्कत रहेगी और हम ऐसे ही सहते रहेंगे रोते रहेंगे क्योंकि हम कांग्रेस के गुलाम है।





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