Friday, March 22, 2013

प्रमुख मुस्लिम नेताओं के भारत के प्रती सेकुलर वचन

प्रमुख मुस्लिम नेताओं के भारत के प्रती सेकुलर वचन
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(1) हामिद दलवई का मत है कि 'आज भी भारत के
मुसलमानों और पाकिस्तान में भी प्रभावशाली गुट हैं,
जिनकी अन्तिम मांग पूरे भारत का इस्लाम में धर्मान्तरण
है।' (मुस्लिम डिलेमा इन इंडिया पृ., ३५)
(2) एफ. ए. दुर्रानी ने कहा-''भारत-सम्पूर्ण भारत
हमारी पैतृक सम्पत्ति है और उसका फिर से इस्लाम के लिए
विजय करना नितांत आवश्यक है' तथा पाकिस्तान
का निर्माण इसलिए महत्वपूर्ण था कि उसका शिविर
यानी पड़ाव बनाकर शेष भारत का इस्लामीकरण
किया जा सके।'' (पुरुषोत्तम,मुस्लिम राजनीतिक चिन्तन
और आकंक्षाएँ पृ. ५१, ५३)
(3) कांग्रेस नेता एवं भूतपूर्व शिक्षा मंत्री अबुल कलाम
आज़ाद ने पूरे भारत के इस्लामीकरण की वकालत करते हुए
कहा : भारत जैसे देश को जो एक बार मुसलमानों के शासन
में रह चुका है, कभी भी त्यागा नहीं जा सकता और प्रत्येक
मुसलमान का कर्त्तव्य है कि उस खोई हुई मुस्लिम
सत्ता को फिर प्राप्त करने के लिए प्रयत्न करें (बी. आर.
नन्दा, गांधी पैन इस्लामिज्म, इम्पीरियालज्म एण्ड
नेशनलिज्म, पृ. ११७)।
(4) मौलाना कौदूदी का कथन है कि 'मुस्लिम भी भारत
की स्वतन्त्रता के उतने ही इच्छुक थे जितने की दूसरे लोग।
किन्तु वह इसको एक साधन, एक पड़ाव मानते थे ध्येय
(मंजिल) नहीं। उनका ध्येय एक ऐसे राज्य
की स्थापना था जिसमें मुसलमानों को विदेशी अथवा अपने
ही देश के गैर-मुस्लिमों की प्रजा बनकर रहना न पड़े।
शासन दारूल-इस्लाम
(शरीय :शासन) की कल्पना के, जितना सम्भव हो, निकट
हो। मुस्लिम, भारत सरकार में, भारतीय होने के नाते नहीं,
मुस्लिम हैसियत से भागीदार हों।'' (डॉ. तारा चन्द,
हिस्ट्री ऑफ दी फ्रीडम मूवमेंट, खंड ३, पृ. २८७)
(5) बंगलादेश के जहांगीर खां ने ''बंगला देश, पाकिस्तान,
कश्मीर तथा पश्चिमी बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश,
राजस्थान, पंजाब व हरियाणा के मुस्लिम बहुल कुछ
भागों को मिलाकर मुगलियास्थान नामक
इस्लामी राष्ट्र बनाने का सपना संजोया है'' (मुसलमान
रिसर्च इंस्टीट्यूट जहांगीर नगर, बंगलादेश, २०००)
(6) राष्ट्रगान वन्देमातरम ओर सूर्य नमस्कार को ये
अपना अपमान मानते है
जिनके नेता ऐसे होंगे वो कोम कैसी है खुद
अंदाजा लगा लो । जागो हिँदुओ

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