Sunday, October 27, 2013

गैर मुस्लिम देशो मे मुस्लिम लोग कुछ विशेष रणनीतियां

विश्वविख्यात विद्वान अली सीना के मुताबिक गैर मुस्लिम देशो मे मुस्लिम लोग कुछ विशेष रणनीतियां बनाकर रहते है :-
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1) जिस देश मे यह रहते है उस देश के लिये ये जो थोडा बहुत

कुछ करते है तो उसका सारी जिंदगी बखान करते है और बदले मे
लगातार उसकी भारी कीमत वसूल कर उस देश को खोखला कर
देते है!

2) ये मौका मिलने पर अपने हालात के लिए देश की व्यवस्था को कोसते रहते है ,जबकि खुद इनके मुल्को का रिसर्च मे ,विज्ञान मे टैक्नोलोजी मे ,मेडिकल मे ,अंतरिक्ष अभियान मे ,जीडीपी मे ,सैन्य क्षमता और दूसरे मामलो मे रिकार्ड बेहद शर्मनाक है !

3) इनके पास हमेशा टकराव के लिए खास मुद्दे रहते है जैसे
भारत मे अयोध्या मुद्दा ,तो लंदन मे मिलेनियम डोम के पास
मस्जिद विवाद या अमेरिका मे ग्रांउड जीरो पे मस्जिद की मांग
या इजराइल के साथ विवाद !

4) जहा इनका 'पर्दाफाश' होता है वहा ये धमकी भी देते है
कि हिंदू मुस्लिम फसाद हो जायेगा और बाहर वालो को ईसाई-
मुस्लिम ,बौद्ध-मुस्लिम ,यहूदी-मुस्लिम और अपने यहा शिया-
सुन्नी कादियानी या अहमदिया का दंगा होने की धमकी !

5) गैर मुस्लिम मुल्को मे जहा इनकी जनसंख्या कम है
वहा भी अक्सर मुसलमानो के दिल का "इस्लामी बारूद"।
किसी न किसी बात पर.. किसी न किसी रूप
मे.,थोडा या ज्यादा ही सही पर फटता जरूर है !!

6) भले ही इनके मजहब की वजह से हमारे देश मे और दुनिया मे हजारो दंगे और आंतकवाद के मामले हो चुके हो .......लाखो लोग बेवजह मर चुके हो ..बहुत कुछ हो चुका हो !
और वर्तमान मे भी हर साल सैकडो दंगे फसाद के मामले आते हो
और आगे भी होते रहे ....
लेकिन बदले मे मुस्लिम कुतर्क करके उल्टा सामने वाले पर दोष डाल देते है ...
इस तरह ये हमेशा काफिरो को थकाकर और उलझा कर रखते है !

7) सच सामने आने पर मुस्लिमो के पास बहस के लिए हमेशा कुतर्क और घिसपिटे जवाब तैयार रहते है ,जैसे:-
-ये सिर्फ "कुछ" भटके हुये लोगो का काम
है ..blahblahblah...!
- इस्लाम इस की इजाजत नही देता इसलिए हमे इस्लाम को ठीक से समझना चाहिए blahblahblah...!
-बुरे लोग तो हर मजहब मे होते है blahblahblah...!...
-मुस्लिमो मे सुधार की जरूरत है ...सब लोग ऐसे
नही होते...अच्छे मुस्लिम भी होते हैblahblahblah...!
- पालिटिशयन और मीडिया मुसलमानो को बदनाम करना चाहते है:blahblah..!

ऐसे ही बहुत सारी घिसीपिटी दलीले लाखो बार देकर मुस्लिम दूसरो को अक्सर गुमराह करते रहते है !

8 ) मुस्लिम अपनी पत्रिकाओ और अपने अखबारो मे खुद को "मजलूम"और दूसरो को "जालिम" दिखाते देते रहते है!
और मौके पर हजारो की संख्या मे इस्लाम और शरिया कानून के
लिए मोर्चा और रैलिया वगैरह निकालते रहते है !

9) मुसलमानो द्वारा समय समय पर भाईचारा,सदभाव और
लुभावनी मीठी बाते करके हिंदुओ और गैरमुस्लिमो को "नींद
की गोली" दी जाती है ...
ताकि हिंदुओ और गैर मुस्लिमो का ध्यान मुसलमानो की पौपुलेशन
जो जिला ,शहरो के लेवल से लगातार बढती जा रही है ,उससे
वो बेखबर रहे और किसी का उस पर ध्यान न जाने पाए ..

10) ये इस्लाम के सिद्धातो की चमकदार मार्केटिंग करने लिए
जी जान से जुटे रहते है !
और अपने इस्लाम को चमकाने के लिए दूसरे मजहबो मे
लगातार कमियां निकालते रहते है!

11) लेकिन हद तो यहा है कि जिन किताबो को ये नही मानते
उन्ही किताबो मे ये अपने मोहम्मद जी को अवतार दिखाते है
और इस्लाम को जबरदस्ती विज्ञान से जोड़ते है !
मतलब किसी भी तरह से हर हाल मे इस्लाम और मौहम्मद
जी की मार्केटिंग करते रहते है !

12) ये अक्सर बोलते रहते है इस्लाम तेजी से फैल रहा है
लेकिन जैसे ही सच्चाई सामने लायी जाये तो ये चिल्ला भी पडते
है कि इस्लाम खतरे मे है !

13) जहा ये संख्या मे कम होते है वहा खुद को "मजलूम" और "ग़ुलाम" बता कर प्रोपेगंडा करते है और बाकी मजहब वालो को जालिम ठहरा देते है जैसे :-
१-इजराईल मे ---यहूदियो को जायनिस्ट ठहराना
२-अमेरिका मे--अमेरिकन्स को दहशतगर्द ठहराना
३- यूरोप मे----ईसाईयो को रासिस्ट ठहराना
४-भारत मे---हिन्दुओ को सांप्रदायिक ठहराना
५-बौद्ध देशो---बौद्धो को फासिस्ट ठहराना

जाहिर है ऐसा करके ये अगले पर मानसिक दबाब बनाने का प्रयास करते हैं ,ताकि अगला घबड़ाकर कर चुप हो जाये .....!

14) इस्लामीकरण को जारी रखने के लिए ये "इमोशनल"
प्रौपगेंडा भी करते है जिसके लिए ये अक्सर शेरो शायरी या कुछ
बोलबचन या फिल्मे या मुस्लिम मजहब से ताल्लुक रखने वाले
अभिनेता कलाकार ,संगीतकार ,पत्रकार ,खिलाड़ी वगैरह
या पुराने किस्सो का उदाहरण देते रहते है !

15) ये गैर मुस्लिमो पर "मानसिक दबाव" बनाते है इसके
लिए ये दूसरे मजहबो मे "सेकुलर" ढूंढ कर उनकी तारीफो के
पुल बाँध देते है:)) ताकि इनका इस्लामीकरण
का एजेंड़ा चलता रहे ....

16) इस तरह ये कभी हिंसा और अराजकता का डर दिखाकर
या इमोशनली मानसिक दबाव बनाकर दूसरो को उलझाये रखते
है और धीरे धीरे अपना इस्लामीकरण चालू रखते है!

17) और जो राष्ट्रवादी संगठन इनके इस्लामीकरण के अभियान
मे आड़े आते है ये उनके खिलाफ प्रोपगेंडा करते है ,
जैसे भारत के कुछ राष्ट्रवादी संगठनो के अलावा बाहर मे
English Defence League(EDL), SIOA ,SIOE ,Mossad
जैसे बड़े- बडे सैकड़ो राष्ट्रवादी संगठनो को ये मुस्लिम लोग जालिम और दहशतगर्द ठहरा देते है !
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=>समाज मे आम धारणा है कि धमाके या दंगे फसाद करने वाले
मुस्लिम ही खतरा है ....
पर इस्लाम का प्रमुख उद्देश्य सभी गैर
मुस्लिमो को इस्लामी झंड़े और शरिया कानून के दायरे मे लाना
है और "इस इस्लामी मकसद को पूरा करने के लिये
धमाको की या किसी को मारने की पहली जरूरत नही है !"
इसलिए असली समस्या है वो करोडो मुस्लिम जो हमारे बीच
मे सामान्य रूप से रहते हुये मुस्लिम बच्चे पैदा करके
अपनी जनसंख्या मे इजाफा कर रहे है और
सारे सिस्टम को अपने काबू मे करते जा रहे है जो कि अत्यंत
गंभीर समस्या है !

=>इसलिए सारी दुनिया इस पुराने अरबी साम्राज्यवाद के
इस्लामीकरण के खतरे को जान चुकी है और इसके खिलाफ एकजुट
हो चुकी है !
आज चाहे जापान ,इजराइल जैसे छोटे देश हो या अमेरिका रूस ,आस्ट्रेलिया जैसे बडे देश ...कोई
भी देश अपनी संस्कृति ,अपनी पहचान ,अपनी विरासत की कीमत
पर समझौता नही करता !

=>इसलिए जरूरत अब हमे इमोशनल न होकर खुद को मजबूत और ताकतवर बनाने की है ...
क्योकि शांति तभी स्थायी हो सकती है ,जब हम.खुद को मजबूत बनाये और सेक्युलरिज्म की वजह से भावुक न होकर खुद को प्रैक्टिकल बनाए और हमेशा हर चीज के लिए तैयार रहे !

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