Saturday, January 4, 2014

मुजफ्फरनगर दंगे: मुस्लिम नेताओं से केस वापसी की तैयारी?

मुजफ्फरनगर दंगे: मुस्लिम नेताओं से केस वापसी की तैयारी?
नवभारतटाइम्स.कॉम | Jan 5, 2014, 09.22AM IST


कादिर राणा

नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं यूपी की समाजवादी सरकार जीत के लिए हर संभव हथकंडा अपनाने में लग गई है। खबर है कि यूपी सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान भड़काउ भाषणों के जरिए हिंसा भड़काने के संबंध में मुस्लिम नेताओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने की तैयारी कर ली है। न्यूज चैनलों के मुताबिक यूपी के मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में मुजफ्फरनगर के डीएम को चिट्ठी भी लिखी है। हालांकि, सरकार की तरफ से इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

खबर है कि अखिलेश सरकार ने मुजफ्फरनगर के डीएम को भड़काउ भाषण देकर हिंसा भड़काने के संबंध में नेताओं के खिलाफ दायर मामले वापस लेने से जुड़ी रिपोर्ट सौंपने को कहा है। इसमें शामिल सभी नेता मुस्लिम समुदाय के हैं। हालांकि, ये नेता सभी पार्टियों से जुड़े हुए हैं।

गौरतलब है कि इस संबंध में बीएसपी सांसद कादिर राणा, विधायक नूर सलीम और मौलाना जमील अहमद, पूर्व कांग्रेस मंत्री सईदुज्जमां और उनके बेटे सलमान सईद, समुदाय के नेता असद जमा, नौशाद कुरैशी, एक व्यापारी अहसान, वकील सुलतान मशीर सहित विभिन्न लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है।

स्थानीय अदालत ने इस मामले में इन सब के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया था। सईदुज्जमां और 3 अन्य लोगों को छोड़कर कादिर राणा सहित अन्य सभी आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं। एसआईटी इस मामले की जांच कर रही, लेकिन अभी तक इसमें कोई आरोप पत्र दायर नहीं किया गया है।

इस मामले पर दंगा भड़काने के एक आरोपी और बीजेपी विधायक सुरेश राणा ने कहा कि यूपी सरकार की इन्हीं नीतियों के कारण प्रदेश में दंगा भड़का था। अखिलेश सरकार के इस कदम साफ पता चलता है कि सरकार एक खास समुदाय की तुष्टीकरण के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।

वहीं, इस मुद्दे पर कांग्रेस के पूर्व मंत्री सईदुज्जमां ने कहा कि दंगों के भड़कने में हमारा कोई हाथ नहीं है। हमें जानबूझकर फंसाया गया था।

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