Friday, August 9, 2013

शर्मनिरपेक्ष हिन्दू नेताओं





- क्या आपने कभी आज़म खान को "छठ पर्व" पर सूर्य को अर्घ्य देते देखा है? 
- क्या आपने कभी अबू आज़मी को गणेश पंडाल में आरती गाते सुना या देखा है? 
- क्या आपने कभी ओवैसी को "उगादि" पर चन्दन तिलक और लुंगी धारण किए हुए देखा है? 
- क्या आपने कभी उमर अब्दुल्ला को नवरात्रि में वैष्णो देवी जाते देखा है? 

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जालीदार टोपी धारण करके इफ्तार पार्टी में मुर्गे की टांग तोड़ने वाली "एकतरफा खुजली" सिर्फ "शर्मनिरपेक्ष हिन्दू नेताओं" में ही पाई जाती है...

(नोट :- इस एकतरफा "खुजली" से भाजपा के नेता भी मुक्त नहीं हैं).

पता नहीं इसे "संस्कार"(?) कहें, या "बीमार शिक्षा व्यवस्था" की देन कहें... 



टोपी पहनने से धर्म नहीँ बदल जाता- रजा मुराद
वाह जनाब और आपका धर्म...???
1. वन्दे मातरम बोलने मेँ बदल जाता है।
2. तिलक लगाने मेँ बदल जाता है।
3. मन्दिर की घंटियोँ की आवाज से बदल जाता है।
4. हिन्दू त्यौहारोँ पर बजते भजनोँ से बदल जाता है।



रजा मुराद जी मोदी जी को राय देने के साथ साथ कभी कभी अपना मुह उमर अब्दुल्ला के लिए भी फाड़ा करे।। आज जम्मू में हजारो हिन्दुओं के घरो को जलाया गया।।कुछ की हत्या भी हुई जिसे सरकार छिपा रही।।
कश्मीर के भटके हुए नौजवानों ईद मनाने का ये कौन सा तरीका है ??या शांति का महिना रमजान बीतते ही पिछले माह का कोटा पूरा हो रहा है।।


जब उन जले हुए घरो के बारे में सोचता हूँ तो मेरी जबान ईद मुबारक बोलने से पहले लड़खड़ा जाती है।।
जय श्री राम इश्वर उन हिनू भाइयों को संघर्ष की प्रेरणा दे।


"किश्तवाड़ में ईद की नमाज के बाद एक समूह ने राष्ट्रविरोधी नारे लगाये" क्या यह "टोपी" पहनने वालों का विशेषाधिकार नही है, जो उन्हे "सेकुलरों" की ओर से दिया गया है? वैसे रजा मुराद से इस पर राय लेने की कोई पत्रकार हिम्मत करेगा?


आज के दिन 99.99 % हिन्दू ईद की बधाई जरूर देंगे..

लेकिन 99.99% मुस्लिम आज के दिन तीज की बधाई नहीं देंगे..

क्योकि इस्लाम के अनुसार ये कुफर बढ़ने का काम है और उन्होंने ऐसा किया तो उनका अल्लाह उन्हें दंड देगा ...

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और एक बात ये आकड़े 100 % सच होने के बावजूद भी 15 से 20 % हिन्दुओ को इसपे विशवास नहीं होगा..


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