Sunday, June 30, 2013

मुस्लिम और इसाई पड़ा सकते हैं अपना धर्म पर हिन्दू नहीं !

मुस्लिम और इसाई पड़ा सकते हैं अपना धर्म पर हिन्दू नहीं ! 

हमरे संविधान के आर्टिकल 30 और 30A है वोह कहता है के माइनॉरिटी का अधिकार है इस देश में के अपना सिक्षा संसथान शुरू करे और चलाये उसमें सरकार का धखल नहीं होगा , लेकिन माइनॉरिटी इंस्टीट्यूशनका definition क्या होगया :४ माइनॉरिटी मिल कर इंस्टीट्यूशन शुरू किया वोह माइनॉरिटी इंस्टीट्यूशन हो गया , आप लोगों को पता है जितने संत जेविएर ,संत पॉल संत डॉन बोस्को यह् सब स्कूल शुरू तो मिशनरी करते हैं लेकिन उसमें अगर पड़ने वाले ९ ९ % चाहे क्रिस्चियन हों याँ हिन्दू , उनमें बाइबिल पड़ना उनका हक़ है लेकिन जिन स्कूलों में १० ० % हिन्दू छात्र पड़ते हैं, जिस स्कूल का खर्चा सरकार देती है, हमारी जेब से जाता है ,उन स्कूल में हिन्दू अपने रामायण महाभारत उपनिषद् नहीं पड़ सकते । लेकिन इसाई और मुस्लमान अपने सिक्षा संस्थान शुरू कर के गैर इसाई और गैर मुस्लमान को अपने मजहब की सिक्षा दे सकते हैं ,उसको तनख्वा भी हमरी सरकर देगी और संरक्षण भी हमरी सरकार देगी .. यह है धर्म निरपेक्षता
इसका मतलब हिन्दू तुम अपने सेकुलरिज्म को कायम रखने के लिए अपने बचों को इसाई बनाओ मुसलमान बनाओ और हिन्दू धर्म की सिक्षा से इंकार कर दो और तुम धर्म निरपेक्ष बने रहो यही सेकुलरिज्म का आज प्रैक्टिकल मीनिंग हो गया है ।


1 comment:

  1. ये सब कानून बने हैं क्यों की 60 साल तक हमारे देश का प्रशासन ऐसे लोगो के मे राहा हैं, जिन का चरित्र गिरा हुआ हैं, और उनके ज्यादातर रक्त संबंध मुस्लिम और ईसाइयों के साथ है.

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