Friday, April 5, 2013

मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना


"मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना "
सुनने में कितना अच्छा लगता हैं न ?
हिन्दु नजरिया से इसमें कोई बुराई नजर नहीं
आती ...........
पर जब इस्लामी नजरिये से देखना हो तो
इसका अर्थ स्पष्ट
कर देना आवश्यक हैं .......
क्यूंकि मुल्ले बात बात पर इसे कहते हैं ...
इकबाल जो हिन्दू से मुल्ला बन गया ....
बोला "मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना "

आईये इन पंक्तियों का खतना करे

इस्लाम के मुताबिक :-
इस्लाम ही दिन (मजहब )हैं ...........
बाकी सब काफीर हैं नष्ट कर देने
योग्य हैं कत्ल कर देने योग्य हैं ...........
इसका सबुत हैं सऊदी अरब ..........
जहाँ गैर इस्लाम वालो को कोई चर्च
अथवा मंदिर बनाने की इजाजत नहीं हैं

वास्तव में बैर तो इस्लाम ने ही पैदा
किया हैं .....................
बैर तो इस्लाम ने ही सिखाया हैं ......
सोमनाथ का मंदिर तोडा .......
लाखो नर नारियो के सिर काटे .....
मासूमो के खून की नदिया बहाई ....
अबलाओ की इज्जत पैरो तले
रोंद डाली ................
मुहम्मद गौरी को १६ बार शमा करने
वाले पृथ्वीराज चौहान की आँखें निकलवा
ली गयी .......................
अनगिनत राजपूतो को राजपूतो से
लडवा कर मरवाया गया ........
अनगिनत लोगो का जबरन ...
धर्म परिवरतन करवाया गया ..........
कत्लेआम किया गया .........
यग्य वेदियो पर खून का लोथड़ा
फेंका गया ..............
कृष्ण जन्म स्थान पर गाय
काट के अपवित्रता फेलाई गयी ....
पता नही कितने ही मंदिरों को
तोड़ तोड़ के उनकी जगह मस्जिदे
खड़ी की गयी .......जिनमे से एक
बाबरी मस्जिद हैं . जहाँ पहले राम
मंदिर था ...................................
अनगिनत सिखों के सिर उतार लिए ........
गुरु तेग बहादुर जी का सिर उतार
लिया ...............
गुरु गोविन्द जी के बच्चो को दीवारों
में चिनवा दिया ...........
छत्रपति शम्बू जी के टुकड़े टुकड़े
कर के फेक दिए गए ..............
दोस्ती के नाम उपर जिनहोने बार
बार पीठ पर छुरा घोपा ...........
और भी जाने क्या क्या क्रूर
गाथाएं जिनसे इतिहास रंगाहुआ हैं
जिन्होंने हमारे देश के टुकड़े करवाए
वो मुल्ले हमे शिख्सा देंगे की
"मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर
रखना "

1 comment:

  1. सईदुल खुदरी ने लिखा रसूल ने कहा कत्ल,बलात्कार इस्लाम मे जायज है
    बुखारी जिल्द 6 किताब 60 हदीस 139

    "रसूल ने कहा कि मैंने दहशत और बलात्कार से लोगों को डराया इस्लाम को मजबूत किया बुखारी जिल्द 4 किताब 85 हदीस 220
    https://sanatangyanpeeth.in/most-dangerous-quran-ayats

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