'विश्वरूपम' विवाद - भारत का इस्लामीकरण हो चूका है
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अगर जो कांग्रेसी और सेकुलर किस्म में लोग अभी भी ये मानते है कि भारत एक हिंदू बहुसंख्यक देश है या धर्मनिरपेक्ष देश , वो जरा फिर सोचे...
आपको याद हो दिल्ली की कुछ बीती घटनाये-
१. "दामिनी कांड" में प्रदर्शन करती हजारों की भीड़.
२. "भ्रष्टाचार व् कला धन" के मुद्दे पर रामदेव के साथ लाखो लोगो की भीड़
३. "जन लोकपाल" पर अन्ना हजारे के साथ प्रदर्शन करती हजारों की भीड़.
इसके आलावा की कई और मुद्दों पर लाखो की भीड़ ने देश भर में प्रदर्शन किये . पर क्या सरकार के कानो पर जू रेंगी. प्रदर्शनकारियों से बात करना तो
दूर, उलटे उन्हें नक्सलवादी तक कह डाला गया... और भी जाने क्या क्या सहा उन सब लोगो ने. आपको सब याद हि होगा.
परन्तु मेरा दिमाग तब खटकता है, जब पता हू कि केवल कुछ लोगो, शायद २०-३० , के विरोध के चलते 'विश्वरूपम' को बैन कर दिया जाता है. एक के
बाद एक कई राज्यों में. अब उत्तरप्रदेश सरकार भी येही कह रही है.
आप सोचे कहा लाखो लोगो की भीड़ प्रदर्शन करती है राष्ट्रवादी मुद्दों पर, पर सरकार कुछ नहीं करती.
....और २०-३० मुस्लमान लोगो के द्वारा प्रदर्शन पर इतने बड़े निर्णय.
ये सोच की "कही मुस्लमान नाराज ना हो जाये", क्या ये भारत का इस्लामीकरण नहीं????
अभी भी समय है, फेसबुक के इलावा भी जमीनी स्तर पर हिंदू धर्मं का पालन व् प्रचार करे.
हिन्दुओ के जागने और जगाने का समय आ चूका है...ये हम जितना जल्द समझले उतना कम खून खराबा होगा..
२०१४ का चुनाव एक मौका है और शायद आखिरी!!
जय श्री राम. जय हिंद.
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अगर जो कांग्रेसी और सेकुलर किस्म में लोग अभी भी ये मानते है कि भारत एक हिंदू बहुसंख्यक देश है या धर्मनिरपेक्ष देश , वो जरा फिर सोचे...
आपको याद हो दिल्ली की कुछ बीती घटनाये-
१. "दामिनी कांड" में प्रदर्शन करती हजारों की भीड़.
२. "भ्रष्टाचार व् कला धन" के मुद्दे पर रामदेव के साथ लाखो लोगो की भीड़
३. "जन लोकपाल" पर अन्ना हजारे के साथ प्रदर्शन करती हजारों की भीड़.
इसके आलावा की कई और मुद्दों पर लाखो की भीड़ ने देश भर में प्रदर्शन किये . पर क्या सरकार के कानो पर जू रेंगी. प्रदर्शनकारियों से बात करना तो
दूर, उलटे उन्हें नक्सलवादी तक कह डाला गया... और भी जाने क्या क्या सहा उन सब लोगो ने. आपको सब याद हि होगा.
परन्तु मेरा दिमाग तब खटकता है, जब पता हू कि केवल कुछ लोगो, शायद २०-३० , के विरोध के चलते 'विश्वरूपम' को बैन कर दिया जाता है. एक के
बाद एक कई राज्यों में. अब उत्तरप्रदेश सरकार भी येही कह रही है.
आप सोचे कहा लाखो लोगो की भीड़ प्रदर्शन करती है राष्ट्रवादी मुद्दों पर, पर सरकार कुछ नहीं करती.
....और २०-३० मुस्लमान लोगो के द्वारा प्रदर्शन पर इतने बड़े निर्णय.
ये सोच की "कही मुस्लमान नाराज ना हो जाये", क्या ये भारत का इस्लामीकरण नहीं????
अभी भी समय है, फेसबुक के इलावा भी जमीनी स्तर पर हिंदू धर्मं का पालन व् प्रचार करे.
हिन्दुओ के जागने और जगाने का समय आ चूका है...ये हम जितना जल्द समझले उतना कम खून खराबा होगा..
२०१४ का चुनाव एक मौका है और शायद आखिरी!!
जय श्री राम. जय हिंद.
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