Sunday, January 27, 2013

मुस्लिमो ने अपने ब्लॉग और पेज में ये पोस्ट खूब डाली हुई हैं


दोस्तों मुस्लिमो ने अपने ब्लॉग और पेज में ये पोस्ट खूब डाली हुई हैं..............


मिली आजादी जिससे वो शख्स मुसलमान था |

दिया हिन्द को ताज महल वो शख्स मुसलमान था ||



आज कहते हो के दहसत गर्द है मुसलमान |

था गाँधी जी ने अपनाया किरदार वो शख्स मुसलमान था ||


लगता है ! दुनिया वाले टिपु सुलतान को भुल गये |

शुरु कि जिसने जँग ए आजादी वो शख्स मुसलमान था ||




जहा लहराता है। तिरँगा आज भी बडेशान से |

किया तामीर जिसने लाल किला वो शख्स मुसलमान था ||




सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा |

लिखा जिसने तराना ए हिन्द वो शख्स मुसलमान था ||

( PROUD TO BE A MUSLIM & INDIAN )




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अब ये मुसल्लों हिन्दू ब्लॉगर के भी जवाब पढ़ ले .............. मोनिका की भाषा में...




धर्म के नाम पर भारत के टुकड़े किये जिसने - वों जिन्नाह मुसलमान था |

करोडो हिंदुओ का खून बहाया जिसने - वों हर सुल्तान मुसलमान था ||




हिंदुओ से जबरन इस्लाम कबुल करवाया जिसने - वों अरब मुसलमान था |

राम मंदिर तोड़कर मस्जिद बनायीं जिसने - वों बाबर मुसलमान था ||




गुरु तेग बहादुर का सर कलम किया जिसने- वों औरंगजेब मुसलमान था |

कश्मीर में पंडितो का नरसंहार किया जिसने - वों हर आतंकी मुसलमान था ||




मुंबई में बम धमाके करवाए जिसने - वों दाउद मुसलमान था |

भारत में घुसे 5 करोड जाहिलो में - हर बांग्लादेशी मुसलमान था ||




बुद्ध महावीर कि मुर्तिया तोड़ी जिसने - वों हर दंगाई मुसलमान था |

भारत के संसद पर हमला किया जिसने- वों अफजल मुसलमान था ||




गोधरा में कारसेवको कों जिन्दा जलाया जिसने - वों हर जेहादी मुसलमान था |

पाकिस्तान, असम से हिंदुओ को खदेड़ा जिसने - वों हर शख्स मुसलमान था ||




26/11 कों हिंदुओ कों गोलियों से भुना जिसने - वों कसाब मुसलमान था |

अमरनाथ यात्रा पर पाबंदी कि मांग कि है जिसने - वों गिलानी मुसलमान था ||




अमरनाथ यात्रियों पे जजिया लगाया है जिसने - वों मंत्री मुसलमान था |

100 करोड हिंदुओ कों काटने कि कसम खायी है जिसने - वों ओवैसी भी मुसलमान हे ||




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इसमें आगे की पंक्तियाँ मैं जोड़ रही हूँ .......................

जो गाय काट के खाता हैं वो हर शख्स मुस्लमान हैं |

वो वन्देमातरम नहीं गाता वो हर शक्श मुस्लमान हैं ||




कश्मीर में भारत मुर्दाबाद बोलता हैं वो शक्श मुस्लमान हैं |

हैदराबाद में तिरंगा जलाने वाला हर शक्श मुस्लमान हैं ||




जो लव जिहाद करता हैं वो हर शक्श मुस्लमान हैं |

जो देश बर्बाद करने की सोचने वाली कांग्रेस सरकार का हर हाथ मुसलमान है ||




अब तुम मुसलमान शांतिप्रिय कैसे हो जरा हमें भी बताओ......




सेकूलर सनातनी बने | इंडियन नहीं भारतीय बने ||

3 comments:

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  2. एक कहानी दो भाइयों की , एक हिन्दू दूसरा मुसलमान ।
    दोनों से मिलकर एक देश बना , सोने की चिड़िया वो कहलाया,

    जिसे देखा एक फिरंगी ने, मन मे उसके लालच आया ।
    धर के भेष एक व्यापारी का, भारत के भीतर वो घुस आया,

    छोटे बड़े का भेद बता, अपनों को अपनों से लड़वाया ।
    भाइयों की छीन के धन दौलत , लाडसाहब खुद वो कहलाया,

    सोना छीना चाँदी छीनी , रोटी के साधन भी छीन लिये,
    जो जगत गुरु कहलाता था ,उसे मिट्टी ढोने को मजबूर किया ,

    दीन धर्म के मंदिर मे पढ़ने बढ़ने से रोक दिया,
    250 वर्ष की गुलामी ने , देश का हाड़ मांस तक छील लिया ,

    जब तक होते भाई एक , तब तक थी पीड़ियाँ बीत चुकी ,
    फिर भी दूर हो, एक हुये क्योंकि हर भाई तो अपना था ,

    मिलते ही गले भाइयों के , फिरंगी के छकके छूट गये ,
    जब देखा उसने भी, कि इनकी आजादी अब दूर नहीं ,

    बीज बो चला कटुता के फिर से, जिन्हें जिन्ना-नेहरू न देख सके,
    जो आजादी मिली अखण्डता से, भीख उसने इसे सिध्द कर दिया,

    सोने के पक्षी के परों को खण्ड खण्ड फिर कर दिया,
    मजहब के रंगों मे बाँट दिया, उस लहू को जो आजादी के लिये बहा,

    हर धर्म जाति और वर्ग का लहू, जो आजादी तक एक था ।
    जब जश्न मानना था सबको , तब अपनों की लाशें थे उठा रहे ,

    और भोज देना था खुशी का , तब दिन गरीबी मे थे बिता रहे ,
    सब कुछ लूटा दिया फिरंगी को , दो भाइयों की दूरी ने ,

    लाखों लोगो को मरवाया , दो भाइयों की दूरी ने ।
    जाते वक्त जो बीज बोये थे फिरंगी ने, सोचा था कि एक दिन ,

    फिर मैं वापस आऊँगा , जो बीज बोये हैं लोगों के दिलों मे,
    वृक्ष उन्हे तो बनना है , फल जो पैदा इनमे ,
    वे फल तो मैं ही खाऊँगा ।

    आज जो पीड़ी देख रहा हूँ , हिन्दू और मुसलमा की ,
    पौधा बड़ा होने लगा है जिसे बोया था फिरंगी ने ,

    कुचल दो इस पौधे को , कि ये बड़ा न हो पाये ,
    आगे फिर न ऐसे लेख लिखो , जो कि इसको पनपायें ।

    दीन धरम पे मत झगड़ो , कि कोई फिरंगी फिर आये ॥

    देश दो भाइयों का , सोने की चिड़िया कहलाया ।
    देश दो मज़हबों का , हिंदुस्तान और पाकिस्तान कहलाया ॥

    सोने की चिड़िया मे रहने वाला , हर शख्श एक इंषा था ,
    न वो हिन्दू था , न वो मूसलमाँ था ॥

    लड़ने और झगड़ने वाला हर दिल एक फिरंगी था..
    और अब भी ऐसा करने वालो का हर दिल फिरंगी है।

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    1. rajputo ke naam pe kanlk na bano

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