राष्ट्र विरोधी व् हिन्दू विरोधी था गाँधी का असहयोग आन्दोलन
मोपला कांड में ही अकेले २० हजार हिन्दुओं को काट डाला गया ,२० हजार से ज्यादा को मुस्लमान बना डाला. १० हजार से अधिक हिदू ओरतों के बलात्कार हुए . और यह सब हुआ गाँधी के असहयोग आन्दोलन के कारण मह्रिषी अरविन्द ने १९०९ में कहा था "प्रारंभ से ही कोंग्रेस ने राजनीति में सदैव अपनी द्रष्टि को समाज से अलग केवल ब्रिटिश शासन की स्वामिभक्ति की ओर ही लगाए रक्खा।"
"१९०६ के आस-पास से ही कोंग्रेसमें मतभेद शुरू हो गए थे।कोंग्रेस नरम व गरम दलों में विभाजित हो गयी थी।"
नरम दल यानि अंग्रेजों की स्वामिभक्ति करने वाला दल था जिसके नेता थे गोखले व मोती लालनेहरू। दूसरा गरम दल जिसके नेता लोक मान्य तिलक थे। तिलक का नारा था ,"स्वराज मेराजन्म सिद्ध अधिकार है और मै उसे लेकर रहूँगा। " या कह सकते हैं कि कोंग्रेस का गरम दल वास्तव में एकराष्ट्रवादी कोंग्रेस का रूप था। यानि कि १९०६ से १९२० तक तिलक के नेर्तत्व में कोंग्रेस एक राष्ट्रवादी दल रहा। लेकिन १९१६ में गाँधी के अफ्रीका से आने के बाद स्थिति बदलनी शुरू हो गयी।सन १९२० में तिलक जी के स्वर्गवास के पश्चात अचानक परिस्थितियों ने अवसर दिया और गाँधी कोंग्रेस का बड़ा नेता बन गया।
गाँधी अगर चाहते तो वह तिलक के पूर्ण स्वराज्य की मांग को मजबूती प्रदान कर सकते थे।किन्तु गाँधी जी ने ऐसा नहीं किया। गाँधी जी ने स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए अपना पहला आन्दोलन शुरू किया,जो इतिहास में असहयोग आन्दोलन के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
वास्तव में असहयोग आन्दोलन, खिलाफत आन्दोलन(खिलाफत क्या बाला थी ,इसे आगे जानेंगे) का एक हिस्सा था। स्यवं गाँधी के शब्दों में ,"मुसलमानों के लिए स्वराज का अर्थ है,जो होना चाहिए। खिलाफत की समस्या के लिए.......खिलाफत के सहयोग के लिए आवश्यक पड़ने पर मै स्वराज्य प्राप्ति को भी सहर्ष स्थगित कर देने को तैयार हूँ।"
अब सबसे प्रथम यह जानना आवश्यक है कि खिलाफत आन्दोलन क्या बला थी?
भारतीय इतिहास में खिलाफत आन्दोलन का वर्णन तो है किन्तु कही विस्तार से नहीं बताया गयाकि खिलाफत आन्दोलन वस्तुत:भारत की स्वाधीनता के लिए नहीं अपितु वह एक राष्ट्र विरोधी व हिन्दू विरोधी आन्दोलन था।
खिलाफत आन्दोलन दूर देश तुर्की के खलीफा को गद्दी से हटाने के विरोध में भारतीय मुसलमानों द्वारा चलाया गया आन्दोलन था। असहयोग आन्दोलन भी खिलाफत आन्दोलन की सफलता के लिए चलाया गया आन्दोलन था। आज भी अधिकांश भारतीयों को यही पता है कि असहयोगआन्दोलन स्वतंत्रता प्राप्ति को चलाया गया कोंग्रेस का प्रथम आन्दोलन था। किन्तु सत्य तो यही है कि इस आन्दोलन का कोई भी रास्ट्रीय लक्ष्य नहीं था।
प्रथम विश्व युद्ध में तुर्की की हार के पश्चात अंग्रेजों ने वहां के खलीफा को गद्दी से पदच्युत कर दियाथा। खिलाफत+असहयोग आंदोलनों का लक्ष्य तुर्की के सुलतान की गद्दी वापस दिलाने के लिए चलाया गया आन्दोलन था।
यहाँ एक हास्यप्रद बात और है कि तुर्की की जनता ने स्वं ही कमाल अता तुर्क के नेर्तत्व्य में तुर्की के खलीफा को देश निकला दे दिया था।
भारत में मोहम्मद अली जोहर व शोकत अली जोहर दो भाई खिलाफत का नेर्तत्व कर रहे थे। गाँधी ने खिलाफत के सहयोग के लिए ही असहयोग आन्दोलन की घोषणा कर डाली। जब कुछ राष्ट्रवादी कोंग्रेसियों ने इसका विरोध किया तो गाँधी ने यहाँ तक कह डाला,"जो खिलाफत का विरोधी है तो वह कोंग्रेस का भी शत्रु है। "
इतिहास साक्षी है कि जिस समय खिलाफत आन्दोलन फेल हो गया ,तो मुसलमानों ने इसका सारा गुस्सा हिदू जनता पर निकला,मुसलमान जहाँ कहीं भी संख्या में अधिक थे ,हिन्दू समाज पर हमला करने लगे. हजारों हिदू ओरतों से बलात्कार हुए,लाखों की संख्या में तलवार के बल पर मुसलमान बना दिए गए. सबसे भयंकर स्थिति केरल में मालाबार में हुए जो इतिहास में मोपला कांड के नाम से जानी जाती है.
मोपला कांड में ही अकेले २० हजार हिन्दुओं को काट डाला गया ,२० हजार से ज्यादा को मुस्लमान बना डाला. १० हजार से अधिक हिदू ओरतों के बलात्कार हुए . और यह सब हुआ गाँधी के असहयोग आन्दोलन के कारण.
इस प्रकार कहा जा सकता है कि १९२० तक तिलक की जिस कोंग्रेस का लक्ष्य स्वराज्य प्राप्ति था गाँधी ने अचानक उसे बदलकर एक दूर देश तुर्की के खलीफा के सहयोग और मुस्लिम आन्दोलन में बदल डाला, जिसे वहांके जनता ने भी लात मरकर देश निकला दे दिया ।
दूर देश में मुस्लिम राज्य की स्थापना के लिए स्वराज्य की मांग को कोंग्रेस द्वारा ठुकराना इस आन्दोलन को चलाना किस प्रकार राष्ट्रवादी था या कितना राष्ट्रविरोधी भारतीय इतिहास में इससत्य का लिखा जाना अत्यंत आवश्यक है अन्यथा भारतीय आजादी का दंभ भरने वाली कोंग्रेस लगातार भारत को इसे ही झूठ भरे इतिहास के साथ गहन अन्धकार की और रहेगी.
Kiya ye sach hai
ReplyDeletehhhhmmm...........almost ....not 100%
DeleteAlmost nahi I 100%true
DeleteBhai ye sb galat hai
Delete100% सत्य है।
Deleteकिसी को शक हो तो अम्बेडकर की पुस्तक भारत का विभाजन पढ़नी चाहिए।
Deleteअम्बेडकर ने खिलाफत आंदोलन का विरोध किया था। क्यों किया यह उनकी पुस्तक में ही पढ़िए।
PDF फॉर्मेट में सर्च कर लीजीए। मिल जाएगी।
This jinocide is 1oo percent true and the saddest
DeleteIsi liye rss ki rachna huai
Delete100% nhi to phir kitni sachai hai
ReplyDeleteThis is a RSS version far from the truth . Object was to destablise English Rule and to unite Hindus and Muslims . Time demanded it .
ReplyDeleteif time had demanded it...why mopala??
Deleten what was khilafat then?
There is no need of khilafat movement in India because there is no relation between Indian Muslim to turkey or Turkistan
DeleteThere is no need of khilafat movement in India because there is no relation between Indian Muslim to turkey or Turkistan
DeleteGo to hell
DeleteThen what is the truth of mopala kaand of Kerala???
ReplyDeleteThis is true ...
ReplyDeleteThis is true ...
ReplyDeleteGandhiji also want hindu-muslim unity. Why u not comment on it?
ReplyDeleteUnity it is need of time.what u want to prove,your logic is 100% correct. I think you are influenced by only one side of coin.
what was the other side??
Delete100%true h...
ReplyDeleteTotally fake...
ReplyDeleteChodu tumhara baap us samay ka itihaskar tha
DeleteGandhi ek dogla insaan tha .Mopla mai Hindus par huye atyacharon ke liye usne ulta hinduon ko hi kasoorwaar thahra diya bjaaye Muslims ki Alochna karne ke.
ReplyDeleteGandhi ek dogla insaan tha .Mopla mai Hindus par huye atyacharon ke liye usne ulta hinduon ko hi kasoorwaar thahra diya bjaaye Muslims ki Alochna karne ke.
ReplyDeleteBakwas diya hai
ReplyDeleteगांघी हमेशा सही नही था।
ReplyDelete२० हज़ार हिंदुओं को काट डाला और २० ही हज़ार लोगों का धर्म परिवर्तन किया और ठीक उसके आधा १० हज़ार औरतों से रेप किया 🤔
ReplyDeleteब्लॉगर ज़रूर बनिया होगा
संघियों द्वारा लिखा इतिहास भी वैसे है
जैसे गाय का गोबर कोहिनूर हीरे से ज़्यादा क़ीमती है
रहा सवाल इतिहास में टी एक बात साफ़ है की ये युद्ध अंग्रेज़ों और भारतियों द्वारा लड़ गया था और इस में मुस्लिम संप्रदाय ने ज़्यादा भूमिका निभाया था और ।
नायर और दूसरे हिंदू ग्रूप अंग्रेज़ों के साथ थे
इसी वजह से इस युद्ध में मूपला संगठन द्वारा उन लोगों को मारा गया जो अंग्रेज़ों के साथ थे
Han suar ke bachche tumhara baap turki ka khalifa tha na
Deleteगांधी की भूमिका हमेशा संदेहास्पद रहा है हिन्दुओं के प्रति।
Deleteवाह बेटे ये बता अंग्रेजों को भारत में व्यापार करने और उनको संरक्षण किसने दिया
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteयह तो अपना तर्क लगा रहा है
ReplyDeleteयह तो अपना तर्क लगा रहा है
ReplyDeleteBHHAD M JAO MADERCHODO MUSLIMS. TUMHARA SABSE BADA GUNAH H MUSLIM HONA AUR USSE BHI BADA GUNAH HINDUIO K DESH M MUSLIM HONA AB TUM LOG HI TAI KARO MUSLIM HONA H YA HINDU TUMNE PAKISTAN BNA LIYA BANGLADESH BNA LIYA 56 COUNTRIES BNA LI PR AB WAQT H PHIR S HINDUO K KHOYE HUE REGIONS KO HASIL KARNE KA SAUDI ARAB S LEKAR INDONASIA, MALASIA TAK HAMARA HI AREA HONA CHAIHYE SIRF HINDU KA. TUMHE KHATAM KARNE KA EK HI TARIKA H MAKKA AND MADINA KO NAST KARNA USKE BAAD TUM SAB EK HO KR LADO GE HUM TUMHE HAMESHA K LIYE MITA DEGE.
ReplyDeleteरामायण: क्रौंच-वध से शम्बूक-वध के आधुनिक प्रयासों तक
ReplyDeletehttp://www.lauhpurush.com/2018/04/26/ramayana-from-craunch-vadh-to-modern-efforts-of-shambuk-vadh/
गांधी की जिद,हिंदुओं के दमन और मुस्लिम तुष्टिकरण की मर्मस्पर्शी रचना,विनायक दामोदर सावरकर कृत-मोपला।।
ReplyDeleteये एक आदमी की सिर्फ सोच है,,, कायदे से देखा जाए तो ये एक कहानी लगती है,,, थोड़ी किताबें पढ़िए,, इतिहास से जुड़िए,,, इधर उधर की बातों में आकर भाषण बाज़ी नही करनी चाहिए,,,
ReplyDeleteऔर इतिहास को बदलना इतना आसान नहीं,,, कि कच बोलो लोग यकीन करेंगे,,, यकीन करेंगे लेकिन सिर्फ आपकी सोच वाले,, एक विद्वान आदमी आपके इस ब्लॉग पर कभी सहमति नही देगा क्योंकि आपने इसमें सिर्फ एक संप्रदाय को निशाना बनाया,,, 10000 हिन्दू मारे गए, ये सच है,,, बाकी आपके ब्लॉग में जो भी है, सब बिना सर पैर और बिना logic ke hai
Yes it is right
ReplyDeleteAaj bhi kerala ke malabar aur barnad jaha se Rahul Gandhi 2019 ka election lada baha 90% log muslim hai
बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है
ReplyDeleteye poora such nahi he ye ghatna 1918 me huye majdoor kisan ke uper tax dabal karane ki wajah se hua aur jisne ye kiya tha wo the waha ke jamidaar the jisme hindu jamidar aur muslim jamadar dono the aur majdoor kisano me bhi hindu aur muslim warg ke khetihar majdoor the aur tax dabal hone ke baad garib majdoor kisan aur uska pariwar ko pet bhar khane ka bhi poora nahi ho raha tha kyonki tex dabal hone ke baad aadha se jyada aanaj jamidar ke hisse me chala jata tha ye isthati 2saal tak chali uske baad jab garib kisan bhookh se marne lage tab hindu aur muslim garib majdooro ne viddroh suru kiya aur phir jamidaro ke aanaj ke godam aur gharo lootne lage ye viddroh lagbhag 2saal tak chala phir saare jamidaro ki ek gupt baithak hui aur uske baad doosre hi din mandiro me gai ka aur masjido me suwar ka meat dhikhna shuru ho gaya aur dekhte hi dekhte wo majdoor kisan jo jamidaar ghar aur godamo ko loot rahe the vo ek doosre ke gharo ko jalane phoonkne lage aur ye mopla kand itihas ban gaya koi bhi hindu bhai ho ya Muslim Bhai allah aur bhagwan ko unki jagah par hi rahne do kya hum me se kisi ko bhi paida hone se pahle pata hota he kya hum kisi muslim ghar me janam lenge ya hindu ke ghar me dharam ki aad me ye hamare desh me aaj bhi ho raha he neta log aaj bhi hame dharam ke naam aapas ladwa rahe he koi dharm karm se bada nahi he ek baar soch ke dekho 125 crore+ se jada hamare desh ki aabadi he jisme 65%+ log 35 years under he chahe to hum kya nahi kar sakte he kisi bhi desh ko peeche chod sakte he mandir masjid ke chakkar me aapas me maro agar marna hi he toh ek baar maa baap aur priwar ke baare me shocho tumhari galtiyo ka bhugtaan ke hisse daar vo bhi banenge abhi bhi time haath se nikla nahi he ek ho jaao nahi to mopla jaise kand dohraye jaate rahenge aur bhi bahut kuch he likhne ko magar nahi likhunga Kyo ki abhi bhi koi apni maansikta ko badalna nahi chahta??
ReplyDeleteगडे मुर्दे मत उखाडो...वरना भारत में विदेशी आर्य लोग अब तक क्यो है का मामला खडा होगा......
ReplyDeleteIske sachai pe agar doubt ho jinhe woh Dr BR Ambedkar ki likhi kitab 'PAKISTAN OR PARTITION OF INDIA' padh le. Hume padaya jata hai ke Moplah Rebellion jo sahi hai british ko 2 towns se bhaga diya 1920 mein. Lekin uske baad ka chupaya jata hai ke inn 2 towns mein kuch hi dino mein 10000 hinduon ko katl ker diya gaya kyonki woh convert nahi ho rahe the. yeh mujhe bhi nahi pata tha pur jab research kiya to samne aaya. Sirf jaan lo aur savdhan raho bus. Akbaruddin Owaisi theek keh raha tha.
ReplyDeleteLord Curzon in British Parliament-
ReplyDeleteMoplah Rebellion ko daba diya gaya
40 British Troops dead
2500 Moplahs (Muslims) dead
10000 Hindus butchered
1000 Hindus converted
मोपलाओं ने कई पुलिस स्टेशनों में आग लगा दी. सरकारी खजाने लूट लिए गए. अंग्रेजों को अपने निशाने पर लेने के बाद इनलोगों ने इलाके के अमीर हिंदुओं पर हमले शुरू कर दिए. इस भयावह मारकाट में हजारों मोपला भी मारे गए.
ReplyDeleteकहा जाता है कि मोपला विद्रोह के दौरान हजारों हिंदू मारे गए, उनकी महिलाओं के साथ बलात्कार हुए, हजारों हिंदुओं को धर्म परिवर्तन करना पड़ा. बाद में आर्य समाज की तरफ से उनका शुद्धिकरण आंदोलन चला. जिन हिंदुओं को मुस्लिम बना दिया गया था, उन्हें वापस हिंदू बनाया गया. इसी आंदोलन के दौरान आर्य समाज के नेता स्वामी श्रद्धानंद को उनके आश्रम में ही 23 दिसंबर 1926 को गोली मार दी गई.
मोपलाओं का विद्रोह भटक गया था. इसने सांप्रदायिक रंग ले लिया और इसी वजह से ये फेल रहा. मोपलाओं के विद्रोह को लेकर आज भी मुस्लिम समुदाय को कटघरे में खड़ा किया जाता है.