जियाऊल हक की पत्नी की मांगे सुरसा के मुख की तरह बड़ती जा रहीं हैँ-
1.जियाऊल हक को वीरता पुरस्कार ।
2.इलाके का नाम जियाऊल नगर करने की मांग ।
3.खुद को S.P. रैँक देने की मांग।
4.परिवार के 8 सदस्योँ को नौकरी देने की मांग।
बाकि मांगे आपको पहले ही पता है।
सच कहा है कि मुल्ले हर तरह से देश को चूसने मेँ लगे हैँ।
स्पष्ट है मुस्लिमो ने नीच और गिरी हुई कौम और कोई हो ही नहीं सकती और ठीक कहा था अम्बेडकर जी ने कि मुस्लिम कौम कुत्तों की तरह होती है इन्हें जितना देते जाओगे ये उतना ये और मुह फाड़ते जायेंगे और सही कहा था गुरु गोविन्द सिंह जी ने हाथ में जितने तिल हों अगर मुसलमान उतनी कसम भी खा ले तब भी उसपर विश्वाश नहीं करना.....
और ऐसा कौन सा बहुत बड़ा कारनामा कर दिया जियाऊल ने जो उनकी मृत्यु पर उनकी बेगम पूरे हिन्दुस्तान पे मुसलमानों के शासन के ख्वाब देख रही है
अगर नगर का नाम बदलेगा भी तो अमर शहीद लांस नायक सुधाकर सिंह या अमर शहीद हेमराज के नाम पर रखा जाना चाहिए जिन्होंने माँ भारती की रक्षा के लिए अपने सर कटवा दिए, हम हिन्दुओं का खून चूस चूस कर ये सरकार धन इकठ्ठा करती है और मुल्लों को खुले हाथो से बाँट देती है,
थू है सपा सरकार पर और सूअरों की नयी प्रजाति इस्लाम पर
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सतयुग मैं - जिन्दा हाथी लाख का , मरा सवा लाख का ,
कलयुग मैं - जिन्दा सूअर १०० रू. का और मारा सूअर ''पचास लाख '' और आठ सरकारी नौकरी का .
1.जियाऊल हक को वीरता पुरस्कार ।
2.इलाके का नाम जियाऊल नगर करने की मांग ।
3.खुद को S.P. रैँक देने की मांग।
4.परिवार के 8 सदस्योँ को नौकरी देने की मांग।
बाकि मांगे आपको पहले ही पता है।
सच कहा है कि मुल्ले हर तरह से देश को चूसने मेँ लगे हैँ।
स्पष्ट है मुस्लिमो ने नीच और गिरी हुई कौम और कोई हो ही नहीं सकती और ठीक कहा था अम्बेडकर जी ने कि मुस्लिम कौम कुत्तों की तरह होती है इन्हें जितना देते जाओगे ये उतना ये और मुह फाड़ते जायेंगे और सही कहा था गुरु गोविन्द सिंह जी ने हाथ में जितने तिल हों अगर मुसलमान उतनी कसम भी खा ले तब भी उसपर विश्वाश नहीं करना.....
और ऐसा कौन सा बहुत बड़ा कारनामा कर दिया जियाऊल ने जो उनकी मृत्यु पर उनकी बेगम पूरे हिन्दुस्तान पे मुसलमानों के शासन के ख्वाब देख रही है
अगर नगर का नाम बदलेगा भी तो अमर शहीद लांस नायक सुधाकर सिंह या अमर शहीद हेमराज के नाम पर रखा जाना चाहिए जिन्होंने माँ भारती की रक्षा के लिए अपने सर कटवा दिए, हम हिन्दुओं का खून चूस चूस कर ये सरकार धन इकठ्ठा करती है और मुल्लों को खुले हाथो से बाँट देती है,
थू है सपा सरकार पर और सूअरों की नयी प्रजाति इस्लाम पर
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सतयुग मैं - जिन्दा हाथी लाख का , मरा सवा लाख का ,
कलयुग मैं - जिन्दा सूअर १०० रू. का और मारा सूअर ''पचास लाख '' और आठ सरकारी नौकरी का .
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