Thursday, March 21, 2013

जामा मस्जिद इलाके में छापा, आतंकी साजिश नाकाम

जामा मस्जिद इलाके में छापा, आतंकी साजिश नाकाम





होली के मौके पर दिल्ली को दहलाने की एक बड़ी आतंकी साजिश नाकाम हो गयी है.

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने होली पर दिल्ली को दहलाने की साजिश को नाकाम कर दिया है. स्पेशल सेल ने बीती रात जामा मस्जिद इलाके के गेस्ट हाउस पर छापा मारकर विस्फोटक और एके-47 बरामद किया है और दो संदिग्धों को हिरासत में भी लिया है.

दरअसल पुलिस ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के आंतकी लियाकत अली को गोरखपुर से गिरफ्तार किया था. लियाकत की निशानदेही पर पुलिस ने इस छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया है.

सूत्रों के मुताबिक लियाकत अली से पूछताछ में पता चला कि जामा मस्जिद इलाके के हाजी अराफात गेस्ट हाउस में दो संदिग्ध लोग ठहरे हुए थे.

इसके बाद पुलिस बीती रात करीब साढे दस बजे गेस्ट हाउस पर पहुंची. उनके साथ में बॉम्ब स्कॉवड की टीम भी मौजूद थी.

रात करीब ढाई बजे तक छापेमारी चली. पुलिस ने गेस्ट हाउस का कमरा नंबर 304 सील कर दिया है.

पुलिस अपने साथ कुछ सामान, दस्तावेज और होटल का रजिस्टर भी ले गई है. फिलहाल पुलिस आतंकियों के दूसरे साथियों को तलाश रही है.

पुलिस के मुताबिक स्पेशल सेल ने लियाकत को गोरखपुर से गिरफ्तार किया है. वो नेपाल के रास्ते भारत में दाखिल हुआ और गोरखपुर से दिल्ली आ रहा था. इसी दौरान पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया.

पुलिस ने देर रात ही उसे कोर्ट में पेश किया औऱ रिमांड पर ले लिया. बताया जा रहा है कि लियाकत ने पाकिस्तान में हिजबुल के कैंप में ट्रेनिंग ली है और वो ए ग्रेड का आतंकी है.

मित्रों कश्मीर में यदि किसी के घर पर थोड़े से गोले- बारूद की खेप भी मिल जाती है तो सरकार उस जगह को छावनी में बदल देती है, पर अब जब देश की राजधानी दिल्ली में जामामहजिद इलाके में कम से कम दस साल तक भी ना खत्म होने वाले गोले, बारूद, हथियारों की खेप मिली है,

तो क्या सरकार को जामामहजिद के पुरे इलाके को छावनी में नहीं बदल देना चाहिए ? पर क्या हम ऐसी कोई उम्मीद कर सकते हैं वोट बैंक की भूखी कांग्रेस से ?

अपनी राय दें क्या जामामहजिद इलाके को छावनी में बदल देना चाहिए ?

सबसे तेज सन्नाटेदार फोलोअप:

दिल्ली पुलिस ने कल रात जहाँ से विस्फोटक और हथियार बरामद किये उस गेस्ट हाउस का नाम हाजी अराफात है | यह दिल्ली के सबसे शांत माने जाने वाले जामा मस्जिद इलाके में स्थित है | इस षड्यंत्र के पीछे हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी लियाकत अली शाह का नाम सामने आ रहा है |जिसने पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में दो कश्मीरी मुस्लिमों के नाम भी उगले हैं |
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आपको सेकुलरिस्म की कसम है, किसी धर्म को आतंक से मत जोड़िएगा |



सबसे बड़ी झन्नाटेदार खबर आपके पास :

कल रात को दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके के एक मुसलमान मियाँ के घर में पुलिस ने छापेमारी कि तो पता चला कि अभी तक कि सबसे बड़ी हथियारों कि खेप उसके पास मौजूद है, यहाँ तक कि उसके पास मिले हथियारों में ऐ.के.४७ रायफल भी मिली है, गोल बारूद का बेपनाह जखीरा और गोलियों कि तो अपार तादाद मिली है....!!!
पुलिस ने इस आतंकवादी को गिरफ्तार कर लिया है.....और रिमांड में लेकर इससे पूंछ-तांछ जारी है....!!

सबसे बड़ा सवाल : जमा मस्जिद और उसके आसपास के घरों कि नियमित कड़ी चेकिंग क्यूँ नहीं करती दिल्ली सरकार.......??

Hindurashtra
Hindurashtra.in
मित्रों मैं नहीं कहता कि हर महजिद में ऐसा नीच काम होता है, मगर जब भी देश में कोई आंतकवादी हमला होता है तो कहीं ना कहीं से उसके तार किसी ना किसी महजिद या मदरसों से ही जुड़े निकलते हैं, जब भी देश में कोई आंतकवादी घुसता है तो वो अपने को किसी महजिद या मदरसे में ही छुपाता है, क्योंकि उसको पता है कि देश में कांग्रेस की सरकार और वो कभी भी महजिदों या मदरसों में वोट बैंक की वजह से छापे नहीं पड़ने देगी..

इसलिए आंतकवादी सबसे पहले आकार इन्हीं दो जगहों पर छुपते हैं, फिर आगे का प्रोग्राम बनाते हैं, मगर एक बात और कि उन लोगों को क्या महजिद या मदरसें बचा सकते हैं यदि यहाँ के लोकल लोगों का उनको समर्थन ना हो तो ?

यदि वे कुछ गद्दार मुसलमान झट से पुलिस को खबर कर दें फिर क्या वे आंतकवादी महजिदों या मदरसों में छुपे रह सकते हैं ? कल रात को पकडे गए असला, बारूद भी एक ऐसे गेस्ट में छुपाए गए थे जो कि एक मुसलमान का था,

मैं इस पोस्ट में हर मुसलमान को गलत नहीं कर कह रहा, मगर जो गलत होते हैं तथा ऐसे देशविरोधी कामों में लिप्त होते हैं वो मुसलमान ही होते हैं, और ऐसे गलत मुसलमानों को अन्य मुस्लिम्स को अपने बीच से निकालना चाहिए, सिर्फ इसलिए उनका बचाव नहीं करना चाहिए कि वो उनके मजहब से हैं.



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