चारो ओर "अल्लाह हु अकबर" की आवाजे थी......भय से काँप रहा कभी **सेकुलर** रहा एक हिन्दू परिवार कमरे मे खुद को बंद करके खाली हाथ बैठा था......पति, पत्नी और एक सोलह साल की बेटी, एक दस साल का बच्चा....
अधिक समय नहीं लगा, तोड़ दिया दरवाजा हैवानो ने....घुस आए कमरे में... होने लगे चारो ओर से तलवारों के वार...
बाप, बेटे और माँ को अधमरा करके एक तरफ फेका, और लड़की के कपड़े फाड़कर कई दरिंदे एक साथ टूट पड़े उस पर...अपनी ही आंखो के सामने ये देखकर बाप ने खुद तलवार घोंप ली अपने पेट मे.....माँ के सामने बेटी के साथ एक एक करके बीस से ज्यादा नरपिशाचो ने दुष्कर्म किया......वो बेचारी धरती पर पड़ी चीखती रही...बिलखती रही, चिल्लाती रही, तड़पती रही...दुष्कर्म के पश्चात उसकी छातियाँ काट कर अल्लाह की मोहर भी दाग दी.....उसी अल्लाह की जिसमे यही नीच सेकुलर हमारे राम और कृष्ण के रूप देखता है..........काट डाली बेटे की गर्दन .... इसके बाद वो घर से बाहर निकले और जला दिया घर........पूरा परिवार ऐसी दुर्गति के बाद जिंदा जलकर खाक हो गया .......
कैसा लगा? ये कोई मार्मिक कपोल काल्पनिक कहानी नहीं है.....कश्मीर के एक पीड़ित और जिंदा बचे हिन्दू की, जो कि उसी मोहल्ले मे रहता था ........उसकी पुस्तक "कश्मीर का सच" से लेकर अपने शब्दो मे लिखी गयी एक सच्ची घटना है...
जब एक धर्मनिरपेक्षी राष्ट्र होकर भी भारत की सरकार,भारत के ही एक अंग कश्मीर मे हिन्दुओ को बचाने को आगे नहीं आई..... तो फिर इस राष्ट्र के इस्लामिकरण के पश्चात, कौन बचाने आएगा तुम्हें????
पूरा परिवार की ऐसी दुर्गति के बाद जिंदा जलकर खाक होने में लगा समय........केवल कुछ मिनट .........इस काम में मुल्लो की तैयारी में लगा समय....१४०० साल ......और हिन्दू को जागने में लगा समय.....आज तक नहीं जागा......
अगर तुम आज धर्म की ओर से, राष्ट्र की ओर से, गोमाता के ओर से मुंह छिपाए बैठे हो... तो गोमाता के आँसूओ और उनकी चीखो से बने कोप को तुम्हारी दुर्गति, तुम्हारा विनाश करने से कोई नहीं रोक सकता...
अब तुम खुद सोच लो.... तुम्हें खुद को अपने घरवालो को एक सुरक्षित राष्ट्र, अच्छा जीवन, और स्वर्णिम भविष्य देना है या ऐसा दर्दनाक अंत.....
तो उठो जागो हम मिलकर देखेंगे कौन सी नबी की औलादे इतनी ताकत, हिमाकत करेंगी... जो हमारे होते हुये इस राष्ट्र के मुस्लिमिकरण का विचार भी मन मे लाये........ हर हर महादेव
सईदुल खुदरी ने लिखा रसूल ने कहा कत्ल,बलात्कार इस्लाम मे जायज है
ReplyDeleteबुखारी जिल्द 6 किताब 60 हदीस 139
"रसूल ने कहा कि मैंने दहशत और बलात्कार से लोगों को डराया इस्लाम को मजबूत किया बुखारी जिल्द 4 किताब 85 हदीस 220
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