माताओं की गोद में डाल दिए जाते थे उनके बच्चों के टुकड़े
हिंदुओं को मुसलमान बनाने से रोकने की जंग सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी के समय शुरू हुई और दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह के समय तेज हुई। इस समय मुगलों द्वारा सिखों पर किए गए जुल्म की दास्तान कहते हैं गुरूद्वारा श्री मेहदीआणा साहिब में बने स्कल्प्चर।
रायकोट के ही रहने वाले एक कलाकार तारा सिंह ने सालों की मेहनत से इसे बनाया है। पंजाब के जिला जगरांव में माणुके, मल्ला और लक्खा गांव के ठीक बीच में पड़ता है गुरुद्वारा मेहदीआणा साहिब।
स्थानीय लोगों में इस गुरुद्वारे की काफी मानता है। कहते हैं कि बेऔलाद लोगों की आस यहां पूरी होती है। मालवा का दौरा करते हुए गुरू गोबिंद सिंह यहां पर रुके थे।
उन्हें धर्म बदलने के लिए कहा गया। बाद में उनके शरीर के छोटे-छोटे टुकड़े कर दिए गए। उंगलियों का एक-एक पोर काटा गया
इसमें सिखों को चरखडिय़ों पर चढ़ाने की, सिख माताओं की गोद में उनके बच्चों के टुकड़े डालने जैसे सीन के स्कल्पचर्स रौंगटे खड़े कर देते हैं। बाबा बंदा सिंह बहादुर पर हुए जुल्म, चमकौर की गढ़ी से निकलने के बाद की स्थिति सहित सिख इतिहास से जुड़ी कई चीजें यहां पर दिखती हैं।
(हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस मे है भाई भाई - सुनने मे कितना अछा लगता है ये सबद पर हकीकत मे है क्या मुसलमान कहते है मुस्लिम ही सिर्फ दीन का धरम है बाकी सब काफ़िर है | ईसाई लोग कहते है दुनिया मे सबको हम लोग ईसाई धरम की सीक्षा देन्गे क्योकि हम लोग ही सर्वेस्रेशट है | ओर हिन्दुफिर यही गीत गायेगा रघुपति राघव राजा राम ईस्वेर आल्हा तेरे नाम ओर बस मरता रहेगा चुप चाप सहता रहेगा क्योकि उसने अपने इतिहाश से कुछ नही सीखा | थू है एसे लोगो पर जो अपने धरम के ना हुए वो किसी ओर के क्या होंगे? )
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